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सरकारी ठेकेदारों को पटना हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, पढ़ें - ईटीवी बिहार न्यूज

सरकारी ठेकेदारों को राहत देते हुए पटना हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि निर्विवाद दावों का जल्द निपटारा किया जाए. हाई कोर्ट ने इस दौरान सरकारी बाबूओं के कामकाज पर प्रश्न चिन्ह भी लगा दिया. पढ़ें

Patna High Court Etv Bharat
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Published : Sep 16, 2022, 7:40 PM IST

पटना : पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में सरकारी ठेकेदारों को बड़ी राहत देते हुए 6 महीने के भीतर उनके निर्विवाद दावों के निपटारा करने हेतु दिशानिर्देश जारी किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने इस मामले में निर्णय देते हुए इस निर्णय की प्रति को अविलम्ब राज्य के मुख्य सचिव को उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया है.

ये भी पढ़ें - पटना हाईकोर्ट का निर्देश- मधुबनी DM लखनौर CO को करें सस्पेंड

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकारी अफसर केवल उन गिने चुने ठेकेदारों के ही बकाए बिल का भुगतान करते हैं, जिनमे उनका स्वार्थ निहित है कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि किसी भी विभाग के समक्ष सरकारी ठेकेदारों का दावा यदि बनता है, तो उस दावे या अभ्यावेदन का निपटारा उस संबंधित विभाग को छह माह के भीतर करना होगा. कोर्ट ने रघोजी हाउस ऑफ डिस्ट्रीब्यूशन की याचिका पर सुनवाई की.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रत्युष प्रताप सिंह ने खंडपीठ को बताया कि याचिकाकर्ता को 2017 में सोनपुर मेले में टेंट इत्यादि लगाने का कार्य राज्य सरकार द्वारा सौंपा गया था. लेकिन पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी याचिकाकर्ता के 21 लाख रुपये बकाए का भुगतान राज्य सरकार नहीं कर रही है.

इसके लिए याचिकाकर्ता ने कई बार विभाग को अभ्यावेदन दिया, लेकिन उनके द्वारा न तो कोई जवाब दिया गया और न तो दावे के का निपटारा किया गया. इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि जिन मामलों के निर्विवाद दावे प्रस्तुत किए गए हैं, उसका निपटारा भी शीघ्र किए जाने हेतु संबंधित विभागों को आदेश पारित करना चाहिए. ऐसा निर्णय लेने के लिए अधिकृत व्यक्ति को उचित अवधि के भीतर आवश्यक कार्य करने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए. जो सामान्य रूप से, जब तक कि कानून अन्यथा निर्धारित न करें, ऐसे दावे की प्राप्ति की तारीख से छह महीने से अधिक नहीं होना चाहिए । कोर्ट ने अपने फ़ैसले में बिहार लिटिगेशन पॉलिसी को लागू करने पर भी जोर दिया है।

पटना : पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में सरकारी ठेकेदारों को बड़ी राहत देते हुए 6 महीने के भीतर उनके निर्विवाद दावों के निपटारा करने हेतु दिशानिर्देश जारी किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने इस मामले में निर्णय देते हुए इस निर्णय की प्रति को अविलम्ब राज्य के मुख्य सचिव को उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया है.

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हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकारी अफसर केवल उन गिने चुने ठेकेदारों के ही बकाए बिल का भुगतान करते हैं, जिनमे उनका स्वार्थ निहित है कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि किसी भी विभाग के समक्ष सरकारी ठेकेदारों का दावा यदि बनता है, तो उस दावे या अभ्यावेदन का निपटारा उस संबंधित विभाग को छह माह के भीतर करना होगा. कोर्ट ने रघोजी हाउस ऑफ डिस्ट्रीब्यूशन की याचिका पर सुनवाई की.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रत्युष प्रताप सिंह ने खंडपीठ को बताया कि याचिकाकर्ता को 2017 में सोनपुर मेले में टेंट इत्यादि लगाने का कार्य राज्य सरकार द्वारा सौंपा गया था. लेकिन पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी याचिकाकर्ता के 21 लाख रुपये बकाए का भुगतान राज्य सरकार नहीं कर रही है.

इसके लिए याचिकाकर्ता ने कई बार विभाग को अभ्यावेदन दिया, लेकिन उनके द्वारा न तो कोई जवाब दिया गया और न तो दावे के का निपटारा किया गया. इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि जिन मामलों के निर्विवाद दावे प्रस्तुत किए गए हैं, उसका निपटारा भी शीघ्र किए जाने हेतु संबंधित विभागों को आदेश पारित करना चाहिए. ऐसा निर्णय लेने के लिए अधिकृत व्यक्ति को उचित अवधि के भीतर आवश्यक कार्य करने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए. जो सामान्य रूप से, जब तक कि कानून अन्यथा निर्धारित न करें, ऐसे दावे की प्राप्ति की तारीख से छह महीने से अधिक नहीं होना चाहिए । कोर्ट ने अपने फ़ैसले में बिहार लिटिगेशन पॉलिसी को लागू करने पर भी जोर दिया है।

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