पटनाः कोरोना को लेकर बिहार में लाॅकडाउन लगा हुआ है. लेकिन इस लाॅकडाउन में बिहार से बाहर के राज्यों में जाने लाली ट्रेनों का परिचालन जारी है. वहीं लगातार प्रवासी लोग भी बिहार पहुंच रहे हैं. एक तरफ लाॅकडाउन और दूसरी तरफ ट्रेनों का परिचालन, ऐसे में प्रवासी पटना जंक्शन तो पहुंच रहे हैं लेकिन यहां से आगे उन्हें अपने गन्तव्य तक जाने के लिए ऑटो वाले का घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.
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ऑटो व टैक्सी नहीं मिलने से हो रही है दिक्कत
बिहार में 15 मई तक लगे लॉकडाउन के कारण बाहर से आए यात्रियों को रेलवे स्टेशन से अपने घरों को पहुंचना हो या बिहार से बाहर जाने वाले यात्रियों को रेलवे स्टेशन जाना हो, ऑटो नहीं मिलने से दोनों को दिक्कतें आ रही हैं. पटना जंक्शन गोलंबर पर वैसे तो अमूमन सैकड़ों की तादाद में ऑटो वाले यात्रियों का इंतजार करते नजर आते थे लेकिन अब हाल दूसरा है. ऑटो व टैक्सी नहीं मिलने के कारण यात्रियों की समस्या खड़ी हो रही है.
क्या कहते हैं यात्री?
वैसे तो लॉकडाउन में सार्वजनिक परिवहन पर कोई रोक नहीं है, इन्हें कुछ शर्तों के साथ परिवहन सेवा देने की अनुमती है. लेकिन फिर भी पटना की सड़कों से ऑटो टैक्सी गायब हैं, जिससे यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है. ईटीवी भारत की टीम ने कई यात्रियों से बात की है.
'दिक्कत तो है, गाड़ी-घोड़ा नहीं मिल रहा है. ऐसे में देहात का आदमी सफर नहीं कर पा रहा है. जो स्टेशन के बगल में हैं वो ही यात्रा कर पा रहे हैं. लेकिन लाॅकडाउन का फायदा भी है.-' मुन्ना लाल श्रीवास्तव, यात्री
'परेशानी तो हो ही रही है. गाड़ी मिल नहीं रहा है और जो मिल रहा है वो सब भाड़ा बढ़ा दिया है. पेट्रोल का दाम भी बढ़ा दिये हैं, ऐसे में हमें मजबूरन कभी पैदल तो, कभी साइकिल से स्टेशन आना पड़ रहा है.'- पंकज, यात्री
पैदल आ-जा रहे हैं लोग
बताते चलें कि जो पटना जंक्शन पहले यात्रियों से गुलजार रहा करता था वो अब कोरोना और लाॅकडाउन के कारण लगभग खाली सा दिखता है. लोगों की संख्या भी काफी कम हो गई है. ऑटो चालक भी पटना की सड़कों पर निकलने से डर रहे हैं. जिसका नतीजा यह हो रहा है कि यात्री पैदल ही अपने घर से रेलवे स्टेशन और रेलवे स्टेशनों पर घंटों इंतजार करने के बाद सरकारी बसों से घर जा पा रहे हैं.