पटनाः जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव (JAP Supremo Pappu Yadav) बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Ban In Bihar) पर सरकार को रायशुमारी की राय दी है. उन्होंने कहा है कि सरकार बिहार की जनता से एकबार जनमत संग्रह कराकर कानून की समीक्षा करे. क्योंकि अभी स्थिति ये हो गई है कि बिहार में शराब को छोड़कर दूसरी कोई बात नहीं हो रही है.
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महंगाई, अपराध और बेरोजगारी जैसे मुद्दे को पक्ष और विपक्ष गायब किए जा रहे हैं. बिहार के प्रमुख विपक्ष के नेता शराबबंदी पर उलूल-जुलूल बयान देते हैं. अगर नेताओं के ब्लड सैंपल की जांच की जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि विपक्षी दल के घोषित मुख्यमंत्री उम्मीदवार शराब का सेवन करता है या नहीं.
वहीं, हाल ही में विधायक-आईएएस अधिकारी पर महिला के साथ दुष्कर्म के आरोप के मामले पर कहा कांड पर कहा कि पीड़िता की लड़ाई जन अधिकार पार्टी लड़ेगी और रेप पीड़िता को न्याय दिलाएगी. जाप इस कांड में शामिल नेता गुलाब यादव सहित सभी नेताओं और अधिकारियों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की मांग करती है.
वहीं, बिहार की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस का एक सूत्री काम अब वसूली करना है. सरकार ने सारे कार्यों को छोड़कर पुलिस को शराब के पीछे लगा दी है. बिहार पुलिस को दारू बेचने वाले कि सूचना नहीं रहती हैं. लेकिन, सरकार दारू पीने वाली की सूचना रहती है. बिहार पुलिस शराबबंदी के नाम पर लूट मचाई हुई है. महिलाओं की मर्यादा को लांघ कर शादी के मंडप में पुलिसिया जांच की जन अधिकार पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है. सरकार की गलत नीतियों के कारण 6 इंजीनियरों की का भविष्य चौपट हो गया.
जाप संरक्षक ने कहा कि बिहार में अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ हैं. पत्रकार से लेकर आमजन तक अब सुरक्षित नहीं है. बिहार सरकार दारू, जमीन और बालू में पुलिस प्रशासन को लगा दी हैं. बिहार के 15 करोड़ लोगों को 4 माफियाओं के भरोसे छोड़ दिया गया है. ये शराब माफिया, जमीन माफिया, बालू माफिया और टेंडर माफिया हैं.
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पप्पू यादव ने कहा कि यहां जिसकी लाठी उसकी भैंस है. जिसके पास पैसे हैं उसके पास कानून है. आम आदमी के लिए न्याय नही है. उन्होंने जन अधिकार पार्टी के द्वारा प्रदेश में कोरोना से पीड़ित परिवार, जिसके माता-पिता गुजर गए हैं, उसके जीवन और पढ़ाई का खर्च उठाने का ऐलान किया.
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