पटना: बिहार में समाज कल्याण विभाग ( Social Welfare Department ) एक बार फिर चर्चा में है. चर्चा में होने की वजह मंत्री मदन सहनी ( Madan Sahni ) है. ऐसा नहीं है कि यह पहली बार चर्चा में आया है. इससे पहले भी मंत्री के कारण ही चर्चा में आया था और इस बार भी मंत्री जी ही बने हैं कारण.
दरअसल, समाज कल्याण विभाग का विवादों से नाता रहा है. मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में चर्चा में आने के बाद 2018 में मंत्री मंजू वर्मा को भी इस्तीफा देना पड़ा था. उससे पहले 2014 में व्यवस्था से नाराज होकर परवीन अमानुल्लाह ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और अब मंत्री मदन सहनी ने इस्तीफे की बात कही है और उसके कारण विभाग फिर से चर्चा में है.
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दो मंत्रियों ने अब तक दिया है इस्तीफा, तीसरे की बारी
2005 से लेकर अब तक नीतीश कुमार के शासन में पहले परवीन अमानुल्लाह ( Parveen Amanullah ) और फिर मंजू वर्मा ( Manju Varma ) ने इस्तीफा दिया है और अब मदन सहनी इस्तीफे की बात कर रहे हैं.
'यह गंभीर मामला है, जिस प्रकार से मंत्री ने भ्रष्टाचार और अफसरशाही का मुद्दा उठाया है, कहीं ना कहीं बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ( CM Nitish ) पर सवाल खड़ा कर रहा है.' - मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता आरजेडी.
वहीं बीजेपी प्रवक्ता अखिलेश कुमार सिंह का कहना है कि यह संयोग ही है. सरे मामले को सुलझा लिया जाएगा.
'समाज कल्याण विभाग पर कोई ग्रह नक्षत्र का मामला नहीं है. इस प्रकरण से सरकार में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है. समय रहते सब सुलझा लिया जाएगा.' - अखिलेश कुमार सिंह, प्रवक्ता बीजेपी
- फरवरी 2014: परवीन अमानुल्लाह ने व्यवस्था से नाराज होकर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
- अगस्त 2018: मंजू वर्मा को समाज कल्याण मंत्री पद से मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के कारण इस्तीफा देना पड़ा था.
- अब 2021 में मदन सहनी विभाग के अधिकारी से नाराज हैं और इस्तीफा देने की बात कर रहे हैं.
क्या है मामला
असल में समाज कल्याण विभाग के माध्यम से बिहार सरकार बिहार में समाज कल्याण की कई योजनाएं चलाती है. वृद्धजन से लेकर दिव्यांग तक की योजनाएं चलाती है. आधी आबादी से लेकर बाल संरक्षण योजना संचालित करती है. विभाग 2 दर्जन से अधिक योजनाएं चलाती है. इसका सीधा संबंध गरीबों और असहाय लोगों से है. जिस पर बड़ी राशि सरकार खर्च भी करती है और हर बार विवाद ट्रांसफर पोस्टिंग के समय अधिक होता है.
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विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं में से राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना, मुख्यमंत्री परिवार लाभ योजना, कबीर अंत्येष्टि योजना, मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, परवरिश योजना शामिल है. इसके अलावे 62 लाख से अधिक पेंशनरों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है. पिछले साल कोरोना काल में एकमुश्त 3 महीने का पेंशन राशि भुगतान किया गया था.
समाज कल्याण विभाग का बजट
- 2018-19: 68 39.81 करोड़
- 2019-20: 7037.73 करोड़
- 2021-22: 8159.15 करोड़
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सहनी ने खोला मोर्चा
मदन सहनी तीसरी बार विधायक बने हैं. पिछली सरकार में भी मंत्री थे और इस बार भी नीतीश कुमार ( CM Nitish ) ने मंत्री बनाया है. इस बार इन्हें समाज कल्याण विभाग दिया गया है और समाज कल्याण विभाग के अधिकारी से अनबन चल रही है. बताया जा रहा है कि मदन सहनी नीतीश कुमार से मिलने का वक्त मांगा था, लेकिन सीएम मिलने का समय नहीं दे रहे हैं, इसके बाद मदन सहनी एक जुलाई को ही मीडिया में आकर बयान दिया, उससे सरकार हिल गई और अब डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है.