पटना: बिहार में ओमीक्रोन (OMICRON in Bihar) के मामलों की पुष्टि हुई है. प्रदेश के आईजीआईएमएस में जीनोम सिक्वेंसिंग लैब (Genome Sequencing Lab in IGIMS) में 32 सैंपल की जांच की गई. इनमें 27 सैंपल में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई. जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए पटना समेत 7 जिलों के सैंपल रन में लगाए गए थे, जिसमें सार्वाधिक सैंपल पटना के थे. पटना जिले के 17 सैंपल थे, जिसमें 1 में डेल्टा और 16 में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई. इसके अलावा मधुबनी, शेखपुरा, बक्सर, वैशाली, पूर्वी चंपारण और गया के सैंपल थे, जिसमें ओमीक्रोन की पुष्टि हुई है.
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जीनोम सिक्वेंसिंग की पूरी प्रक्रिया माइक्रोबायोलॉजी की विभागाध्यक्ष डॉ. नम्रता कुमारी की देखरेख में हुई है, जिसमें माइक्रोबायोलॉजी विभाग के साइंटिस्ट डॉ अभय कुमार ने पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट तैयार की है. आईजीआईएमएस के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. नम्रता कुमारी ने बताया कि, 'जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए 32 सैंपल को 2 जनवरी की रात रन के लिए लगाया गया. जीनोम सिक्वेंसिंग की पूरी रिपोर्ट रविवार 9 जनवरी को सुबह में आ गई. इसमें देखने को यह मिला कि प्रदेश में ओमीक्रोन वेरिएंट बहुत तेजी से डेल्टा वेरिएंट को रिप्लेस कर रहा है. जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए पटना समेत सात जिलों से आए हुए सैंपल लगाए गए थे. आईजीआईएमएस में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए अब तक का तीसरा रन था. पूर्व में हुए 2 रन में लगभग सभी सैंपल डेल्टा वेरिएंट के मिले थे, लेकिन इस बार 85 प्रतिशत मामले ओमीक्रोन के मिले हैं. ऐसे में देखें तो यह वेरिएंट तेजी से डेल्टा वेरिएंट को रिप्लेस कर रहा है. इसमें अच्छी बात यह है कि इसकी संक्रामकता अधिक दिख रही है. मगर संक्रमण की गंभीरता डेल्टा जितनी अधिक नहीं है.'
'इस वायरस में कुल 28 प्रोटीन हैं. इसमें एक प्रोटीन स्पाइक प्रोटीन है, जो शरीर के अंदर प्रवेश करने की क्षमता रखता है. इसके स्पाइक प्रोटीन में बहुत अधिक म्यूटेशन है. ओमीक्रोन को लेकर अच्छी बात यह है कि या बहुत कम मरीज के फेफड़े तक पहुंच पा रहा है. ओमीक्रोन वेरिएंट पर भी वैक्सीन का प्रभाव दिख रहा है. यह वेरिएंट एकदम से वैक्सीन को चकमा नहीं दे रहा है. वैक्सीनेशन का साफ फायदा नजर आ रहा है. यह वेरिएंट संक्रामक अधिक है, लेकिन गंभीरता कम है. ऐसे में यह बुरी स्थिति में अच्छी खबर जैसी है. क्योंकि जितनी अधिक इसकी संक्रामकता होगी, उतनी जल्दी यह डेल्टा वेरिएंट को रिप्लेस कर देगा. आने वाले दिनों में प्रदेश के लगभग सभी लोग इसके हल्के से मध्यम स्तर के संक्रमण से संक्रमित होंगे. लोगों में यह कोरोना के खिलाफ नेचुरल एंटीबॉडी लाने का काम करेगा.' -डॉ. अभय कुमार, माइक्रोबायोलॉजी साइंटिस्ट
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