पटना: देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद (Maulana Abul Kalam Azad) की जयंती के मौके पर हर साल बिहार सरकार शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वाले बेहतरीन शिक्षक को सम्मानित करती है. इस बार यह सर्वोच्च सम्मान 'अब्दुल कलाम आजाद पुरस्कार' जमुई के डॉ. शंकर नाथ झा (Dr. Shankar Nath Jha) को मिला है.
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पेशे से चिकित्सक शंकर नाथ झा को सर्वोच्च सम्मान के साथ-साथ ढाई लाख रुपए की राशि भी दी गई है. डॉ. झा को यह पुरस्कार मुसहर समुदाय की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने उन्हें नगद राशि के साथ-साथ स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.
डॉ शंकरनाथ झा ने जमुई की दलित बस्तियों में मुसहर जाति के बच्चों को शिक्षित करने की दिशा में एक टोले से काम शुरू किया और अब इस अभियान को 55 टोलों तक पहुंचा दिया है, जिससे लगभग 5500 बच्चे जुड़े हुए हैं.
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वहीं, सम्मान समारोह के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि डॉ शंकरनाथ झा ने शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम किया है. उनके कार्यों को देखते हुए ही सरकार ने तय किया कि उन्हें यह सम्मान मिलना चाहिए.
इस दौरान सीएम ने मौलाना अबुल कलाम आजाद को याद करते हुए कहा कि उन्होंने आजादी के आंदोलन और बाद में शिक्षा मंत्री के तौर पर अनेकों कार्य किया था. ऐसे में हमलोगों ने तय किया है कि बिहार के छात्र-छात्राओं को मौलाना आजाद के किए गए काम और जीवन के बारे में बताया जाए. इस दिशा में शिक्षा विभाग ने काम शुरू भी कर दिया है.
"हमलोगों ने तय किया है कि बिहार के बच्चों को, छात्र-छात्राओं को मौलाना आजाद साहब के किए गए काम के बारे में और जीवन के बारे में बताया जाए. इस दिशा में शिक्षा विभाग ने काम शुरू भी कर दिया है. इन सभी चीजों को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है, उसी दिशा में लगे हुए हैं."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार