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Modi Cabinet Expansion : CM नीतीश की दो कैबिनेट बर्थ की मांग, क्या मानेंगे मोदी?

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Published : Aug 4, 2022, 4:55 PM IST

Updated : Aug 4, 2022, 5:05 PM IST

केंद्र की मोदी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार (Modi Cabinet Expansion) होने वाला है. ऐसे में इस बात को लेकर कयास लगाए जाने शुरू हो गए हैं कि जेडीयू को केंद्र की सत्ता में कितनी हिस्सेदारी मिलने वाली है. सूत्र बताते हैं कि नीतीश इस बार केंद्र में अपने 2 मंत्री चाहते हैं. सवाल ये है कि क्या नीतीश की मांग मानेंगे मोदी?. पढ़ें पूरी खबर

सीएम नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार

पटना: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार (Modi Cabinet Reshuffle) की अटकलों के बीच सूत्रों की माने तो बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) इस बार केंद्र में अपने दो मंत्री चाहते (Nitish demanding two birth in Modi cabinet) हैं. कोविड -19 संक्रमण से उबर चुके नीतीश कुमार के स्वतंत्रता दिवस समारोह के बाद नई दिल्ली जाने की संभावना है. सूत्रों ने बताया है कि स्वतंत्रता दिवस और आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की तैयारी के चलते केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार पर रोक लगा दी गई थी.

ये भी पढ़ें: JDU से सिर्फ एक मंत्री: 2019 में ठुकराए प्रस्ताव को स्वीकार करने पर क्यों लाचार हुए नीतीश?

वर्तमान में, नीतीश कुमार की जेडीयू का आरसीपी के इस्तीफे के बाद मोदी सरकार में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. सिंह इस बार सीएम नीतीश कुमार अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) और नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार (Nalanda MP Kaushlendra Kumar) जैसे संभावित उम्मीदवारों के साथ दो कैबिनेट मंत्री पद चाहते हैं. ललन सिंह का नाम लगभग फाइनल है, जबकि दूसरा नाम या तो कौशलेंद्र कुमार या फिर संतोष कुशवाहा का है.

मोदी सरकार के पिछले कैबिनेट विस्तार के दौरान नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह (RCP Singh) को कैबिनेट मंत्री के दो पदों के लिए भाजपा से बातचीत की जिम्मेदारी सौंपी. हालांकि, सिंह ने पार्टी के हितों को एक तरफ रख दिया और अपने लिए एक पद संभाला और केंद्रीय इस्पात मंत्री बने. इसके मद्देनजर, नीतीश कुमार ने 6 जुलाई को उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद सिंह को राज्यसभा के लिए फिर से नामित करने से इनकार कर दिया, जिससे उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा.

ये भी पढ़ें: पढ़ें: नीतीश कुमार के 'आंख' दिखाने में क्या है राजनीतिक नजरिया

नीतीश ने कहा था सांकेतिक हिस्सेदारी नहीं चाहिए: बता दें कि 2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब दिल्ली से वापस पटना लौटे तब उन्होंने साफ कहा था कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में सांकेतिक हिस्सेदारी नहीं चाहिए. तब नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वे जे़ीयू से सिर्फ एक व्यक्ति को कैबिनेट में जगह दे रहे थे. ऐसे में सरकार में जेडीयू की सांकेतिक भागीदारी होती. उन्होंने कहा था कि हमने उन्हें बता दिया कि हमें इसकी आवश्यकता नहीं है.

2 साल बाद भी JDU को एक ही मंत्रालय: साल 2021 में केंद्र में मंत्री बनने की रेस में ललन सिंह और आरसीपी सिंह दोनों थे. जब मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा था तो एक कैबिनेट मंत्री और 3 राज्य मंत्री बनने की बात हो रही थी. लेकिन ऐन मौके पर सिर्फ एक कैबिनेट मंत्री के रुप में आरसीपी सिंह बने. ऐसे में 2019 और 2021 में साल तो बदला लेकिन मोदी कैबिनेट में सिर्फ एक बर्थ कंफर्म हुआ.

पटना: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार (Modi Cabinet Reshuffle) की अटकलों के बीच सूत्रों की माने तो बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) इस बार केंद्र में अपने दो मंत्री चाहते (Nitish demanding two birth in Modi cabinet) हैं. कोविड -19 संक्रमण से उबर चुके नीतीश कुमार के स्वतंत्रता दिवस समारोह के बाद नई दिल्ली जाने की संभावना है. सूत्रों ने बताया है कि स्वतंत्रता दिवस और आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की तैयारी के चलते केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार पर रोक लगा दी गई थी.

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वर्तमान में, नीतीश कुमार की जेडीयू का आरसीपी के इस्तीफे के बाद मोदी सरकार में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. सिंह इस बार सीएम नीतीश कुमार अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) और नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार (Nalanda MP Kaushlendra Kumar) जैसे संभावित उम्मीदवारों के साथ दो कैबिनेट मंत्री पद चाहते हैं. ललन सिंह का नाम लगभग फाइनल है, जबकि दूसरा नाम या तो कौशलेंद्र कुमार या फिर संतोष कुशवाहा का है.

मोदी सरकार के पिछले कैबिनेट विस्तार के दौरान नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह (RCP Singh) को कैबिनेट मंत्री के दो पदों के लिए भाजपा से बातचीत की जिम्मेदारी सौंपी. हालांकि, सिंह ने पार्टी के हितों को एक तरफ रख दिया और अपने लिए एक पद संभाला और केंद्रीय इस्पात मंत्री बने. इसके मद्देनजर, नीतीश कुमार ने 6 जुलाई को उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद सिंह को राज्यसभा के लिए फिर से नामित करने से इनकार कर दिया, जिससे उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा.

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नीतीश ने कहा था सांकेतिक हिस्सेदारी नहीं चाहिए: बता दें कि 2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब दिल्ली से वापस पटना लौटे तब उन्होंने साफ कहा था कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में सांकेतिक हिस्सेदारी नहीं चाहिए. तब नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वे जे़ीयू से सिर्फ एक व्यक्ति को कैबिनेट में जगह दे रहे थे. ऐसे में सरकार में जेडीयू की सांकेतिक भागीदारी होती. उन्होंने कहा था कि हमने उन्हें बता दिया कि हमें इसकी आवश्यकता नहीं है.

2 साल बाद भी JDU को एक ही मंत्रालय: साल 2021 में केंद्र में मंत्री बनने की रेस में ललन सिंह और आरसीपी सिंह दोनों थे. जब मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा था तो एक कैबिनेट मंत्री और 3 राज्य मंत्री बनने की बात हो रही थी. लेकिन ऐन मौके पर सिर्फ एक कैबिनेट मंत्री के रुप में आरसीपी सिंह बने. ऐसे में 2019 और 2021 में साल तो बदला लेकिन मोदी कैबिनेट में सिर्फ एक बर्थ कंफर्म हुआ.

Last Updated : Aug 4, 2022, 5:05 PM IST
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