पटना: राजधानी में हुए भीषण जलजमाव पर हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई में राज्य सरकार और नगर निगम को कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. जस्टिस एस पांडेय की खंडपीठ ने नवीन कुमार और अन्य की जनहित याचिकाओं पर स्पष्ट किया है कि यदि रिपोर्ट से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो मामले की जांच कराई जा सकती है.
सख्त कार्रवाई की जरूरत- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है. इस दौरान महाधिवक्ता ने जलजमाव हटाने के लिए की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा दिया. उन्होनें कहा कि छठ पूजा के पहले इस समस्या को निबटा दिया जायेगा.
6 नवंबर को अगली सुनवाई
वहीं, कोर्ट ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पड़े गंदगी के अम्बार को हटाने के लिए कार्रवाई तेज करने का भी निर्देश दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी.
'कैश फॉर जस्टिस' पर फैसला सुरक्षित
वहीं, पटना सिविल कोर्ट से जुड़े रिश्वत के एक और मामले में पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा है. जस्टिस एस पांडेय की खंडपीठ ने अधिवक्ता दिनेश कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस मामले को 'कैश फॉर जस्टिस' के नाम से भी जाना जाता है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, एक निजी चैनल ने पटना सिविल कोर्ट में रूपये के लेन-देन को कैमरे में कैद किया था. निचली अदालतों में बढ़ते रिश्वतखोरी को उजागर करने के बाद यह मामला चर्चित हुआ था. अधिवक्ता दिनेश कुमार ने जनहित याचिका दायर कर अदालत के कर्मचारियों को अनाधिकृत रूप से मिल रहे संरक्षण का मुद्दा उठाया था.