पटना: बिहार की राजधानी पटना के मसौढ़ी में सड़क के किनारे झाड़ियों में एक नवजात बच्ची (New Born Baby) फेंकी मिली. घास काटने खेत में गई महिलाएं बच्ची की रोने की आवाज सुनकर आईं जिसमें से एक महिला सुनिता देवी ने कपड़े में लिपटे हुए नवजात (New Born Wrapped In Cloth) को लेकर घर आई और उसको पालने-पोसने (Take Care) का बीड़ा उठा लिया लेकिन कहानी बस इतना ही नहीं है. नौ घंटे बाद फेंकी हुई नवजात की असली मां (Real Mother) पहुंच गई और अपनी पूरी कहानी बताकर अपनी बच्ची की मांगा करने लगी.
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मसौढ़ी के थाना क्षेत्र के भलुआ गांव की घटना है. दरअसल बताया जा रहा है कि पुनपुन के समकुडा निवासी सत्येन्द्र दास कि पत्नी बबिता देवी ट्रेन से अपनी बहन के साथ मसौढी आ रही थी. इस दौरान नदवां मे एक महिला उस नवजात को अपने गोद मे लेकर उसे पुचकारते हुए ट्रेन से उतर गई. बबीता उस महिला को खोजने लगी, काफी खोजबीन करते हुए बबीता अपने पति सत्येन्द्र दास, भाई चंदु के साथ शाम को भलुआ गांव पहुंची.
जहां अपनी नवजात बच्ची को पहचान कर रोने लगी और अपनी बच्ची की मांग करने लगाी. इस खबर को स्थानीय थाना को सूचना दी गई, मौके पर नदवां पंचायत के सरपंच मुन्ना कुमार एवं ग्रामीणों के बीच आपसी सुलह करवाते हुए एकरारनामा बनाते हुए, बच्ची को सुनीता देवी पति दिनानाथ राम ने बबीता देवी को दे दिया. इस पूरे घटना की चर्चा पूरे गांव मे चल रही है. सैकडों की संख्या मे लोगों की भीड़ मौके पर जुटी रही.
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सड़क किनारे फेंकी हुई नवजात बच्ची को भलुआ गांव की सुनीता देवी ने भले ही थोड़े देर के लिए अपने ममता का छांव दिया लेकिन यह काबिलेतारीफ है. पूरे गांव मे इस बात की चर्चा हो रही है. ग्रामीणों ने सुनीता के इस कार्य को सराहा वहीं उस बच्ची की असली मां को सुपुर्द भी कर दिया गया है.
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