पटनाः भाजपा के अंदर सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. पार्टी के बड़बोले बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू (BJP MLA Gyanendra Singh Gyanu) ने पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है. ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने पहले तो प्रदेश अध्यक्ष को कटघरे में खड़ा किया फिर उसके बाद एनडीए के उपनेता नवल किशोर यादव (BJP MLC Naval Kishore Yadav) से भिड़ गए.
ये भी पढ़ें- तेजस्वी का सरकार पर निशाना- 'चोर दरवाजे की सरकार का जमीन, बालू और दारू ही मुख्य कारोबार'
भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू पार्टी के लिए लगातार मुश्किलें (Gyanendra Singh Gyanu Controversy) खड़ी कर रहे हैं. पहले तो ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के खिलाफ टिप्पणी की और उसके बाद एनडीए के उप नेता नवल किशोर यादव पर निजी टिप्पणी कर दी. इससे नाराज नवल किशोर यादव ने भी मर्यादा की सीमा लांघी और ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू को खरी-खोटी सुना दी है.
'ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू सरीखे नेताओं की वजह से पार्टी की फजीहत हो रही है. ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू के विश्वासघाती स्वभाव की वजह से उन्हें ना तो नीतीश कुमार जी ने मंत्री बनाया. ना ही भाजपा ने मंत्री बनाया. ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू विश्वासघाती हैं.' -नवल किशोर यादव, बीजेपी एमएलसी
यह भी पढ़ें- ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू का आरोप निराधार, बिहार बीजेपी नेतृत्व उनपर करे कार्रवाई : मंत्री रामप्रीत पासवान
बता दें कि बीजेपी एमएलए ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू अपनी ही पार्टी बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने पार्टी के नेताओं को भी खरी खोटी सुना दिया था. वहीं उन्होंने बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव पर भी टिप्पणी करते हुए कह दिया था कि उनकी हैसियत नहीं मेरे बारे में बोलने की. इसी सवाल पर नवल किशोर यादव भड़क गए. उन्होंने ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू को खरी खोटी सुना दिया.
नवल किशोर यादव ने कहा कि वे मेरे हैसियत की बात ना ही करें. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ऐसे लोगों को अपने पास भी नहीं भटकने देते हैं. इस कारण ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू भड़कते रहते हैं. मैं दलाल नहीं हूं. तलवा चाट कर आगे नहीं बढ़ा हूं. ये उनका काम हो सकता है.
जानकारी दें कि कुछ दिनों पहले ही भाजपा एमएलए ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला था. भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा था कि, आजादी के बाद किसी मंत्री ने डीएम-एसपी के खिलाफ इस तरह से सदन में शिकायत की है. बिहार में पार्टी नेतृत्व विहीन हो गई है. कार्यकर्ताओं की कोई सुन नहीं रहा है. यही हाल रहा तो 2024 का चुनाव पार्टी के लिए बिहार में मुश्किल हो जाएगा. बीजेपी के अधिकांश मंत्री व्यापारी और क्रिमिनल बैकग्राउंड से हैं.
नोट: ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP