पटनाः पटना हाईकोर्ट के राष्ट्रीय लोक अदालत (National Lok Adalat in Patna High Court) में तकरीबन 200 मामलों का निपटारा किया गया. हाईकोर्ट में मुकदमों की सुनवाई के लिए कुल सात बेंच गठित की गई थी. इसमें जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा, जस्टिस प्रभात कुमार सिंह, जस्टिस पार्थ सारथी, जस्टिस नवनीत कुमार पाण्डेय, जस्टिस पूर्णेंदु सिंह, जस्टिस सत्यव्रत वर्मा और जस्टिस राजेश कुमार वर्मा ने अलग-अलग बेंचों में लोक अदालत से जुड़े मामलों की सुनवाई की.
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इस लोक अदालत में पटना हाईकोर्ट के न्यायिक इतिहास में जजों के साथ बेंच में बड़ी संख्या में महिला अधिवक्ताओं ने भी सुनवाई की. अधिवक्ता अर्चना सिन्हा, अनुकृति जयपुरियार, पारुल प्रसाद, बबिता कुमारी, अर्चना पालकर खोपड़े, अधिवक्ता मयूरी, सूर्या नीलांबरी और अधिवक्ता प्रियंका सिंह ने लोक अदालत से जुड़े मामलों की सुनवाई की. विभिन्न बेंचों की खास बात यह थी कि सभी बेंच में शामिल महिला अधिवक्ताओं ने साथ बैठकर सुनवाई कर मामलों का निबटारा किया.
लोक अदालत में विभिन्न बेंचों की ओर से वैसे आपराधिक मुकदमें, जिसमें समझौता किया जा सकता है, उन मुकदमों की सुनवाई की गयी. एनआई एक्ट के तहत भी एक मुकदमें की सुनवाई की गयी. मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल से जुड़े 92 मुकदमों की सुनवाई हुई, जिसमें 32 मुकदमों को निष्पादित किया गया. इनमें लगभग दो करोड़ रुपये का सेटलमेंट किया गया. वेतन, भत्तों और सेवानिवृत्ति से संबंधित सर्विस मैटर के 62 मुकदमों की सुनवाई हुई, जिसमें 18 मुकदमों को निष्पादित किया गया.
अवमानना से संबंधित 164 मुकदमों की सुनवाई हुई, जिसमें 41 मुकदमों को निष्पादित किया गया. कुल मिलाकर 320 मुकदमों की सुनवाई हुई, जिसमें 91 मुकदमों को निष्पादित किया और 19405996.00 रुपये का सेटलमेंट किया गया. इस लोक अदालत के आयोजन के पूर्व 7 मार्च और 8 मार्च 2022 को हुई प्री सिटींग अर्थात पूर्व में कुल 109 मुकदमों का निपटारा किया गया था. दोनों 91 और 109 मुकदमों को मिलाकर कुल 200 मुकदमों का निपटारा लोक अदालत के माध्यम से किया गया.
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