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बारिश और जलजमाव से पटना में बढ़ा मच्छरों का प्रकोप, निगम ने कहा- हम कर रहे हैं कंट्रोल

मानसून के कारण हो रही लगातार बारिश से राजधानी पटना में मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है. इसे लेकर निगम का दावा है कि सैनिटाइजेशन के साथ ही फॉगिंग की भी व्यवस्था की गयी है.

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पटना में बढे मच्छर
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Published : Jun 22, 2021, 7:36 PM IST

पटनाः कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) के धीमे होते ही बिहार में मानसून (Monsoon in Bihar) ने दस्तक दी है. इस दौरान लगातार हो रही बारिश ने राजधानी के लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. हालांकि इस बार पटना में 2019 की तरह जलजमाव (Water Logging) देखने को नहीं मिला है. लेकिन बारिश के बाद से राजधानी में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है.

इधर, पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) का दावा है कि मच्छरों के प्रकोप को कंट्रोल करने के लिए नियमित फॉगिंग हो रही है. हालांकि आम लोगों ने निगम के दावे को सिरे से खारिज कर दिया.

इसे भी पढ़ेः Reality Check: पटना में इस साल नहीं होगा जलजमाव, 3 घंटे में शहर से पानी निकालने की है पूरी तैयारी

निगम का दावा मच्छरों से निपटने का काम जारी
मानसून के दस्तक देते ही शहर में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. जिसे लेकर पटना नगर निगम ये दावा कर रहा है कि उसकी ओर से मच्छरों पर काबू पाने को लेकर सारे उपाए किए जा रहे हैं. शहर से संक्रमण को समाप्त करने के लिए सैनिटाइजेशन का कार्य तो चल ही रहा, वहीं दूसरी ओर मच्छरों के प्रकोप को लेकर शहर में मच्छर मारने वाली दवाओं का भी छिड़काव किया जा रहा है.

क्या कहती है जनता
पटना नगर निगम लाख दावे करे लेकिन आम लोगों की मानें तो निगम के सारे दावे बस हवा-हवाई हैं. पटना वासियों का कहना है कि महीने में एक-आध बार निगम की गाड़ी फॉगिंग करती हुई दिखती है. लेकिन मच्छरों के बढ़ते प्रकोप पर नियंत्रण नहीं है.

पटना के रहने वाले राकेश कुमार कहते हैं कि उनके इलाके में मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है. निगम की ओर से व्यापक कदम उठाने की जरूरत है. वहीं सुरेश पासवान कहते हैं कि न तो किसी दवा का छिड़काव होता है और ही विलायती पाउडर का. रात में बच्चों को सोने में काफी दिक्कत होती है.

क्या कहते हैं निगम के अधिकारी?
शहर में कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को लेकर हमने निगम के अधिकारियों से भी इस बारे में जानने की कोशिश की. इस बारे में पटना नगर निगम के स्टैंडिंग सदस्य आशीष सिन्हा कहते हैं कि जब से संक्रमण का प्रकोप बढ़ा है, तब से ही शहर में हमारे कर्मी लगातार सैनिटाइजेशन करने में लगे हुए हैं.

"अब बरसात की वजह से डेंगू का प्रकोप बढ़ने की आशंका है. उसको रोकने के लिए फागिंग हर दिन कराई जाएगी. डेंगू का लार्वा पनपने से रोकने के लिए दवा का छिड़काव किया जायेगा. साथ ही खुले नालों पर एंटी लार्वा दवा का छिड़काव भी शुरू कर दिया गया है.

इसे भी पढ़ेः पटना: लोग डेंगू के मच्छर से परेशान, फॉगिंग नहीं होने से बढ़ा खतरा

इन इलाकों में रहता है मच्छरों का ज्यादा प्रकोप
पटना के कंकड़बाग, मलाही पकड़ी, सैदपुर, राजेंद्र नगर, अशोक राजपथ, गांधी मैदान का इलाका, दरोगा राय पथ, हार्डिंग रोड, कौटिल्य नगर सहित अन्य इलाकों में मच्छरों का प्रकोप सबसे ज्यादा देखने को मिलता है. इस साल भी बढ़ रहा है. ऐसे में इन इलाकों में मच्छर के प्रकोप को कम करने के लिए निगम प्रशासन की तरफ से फॉगिंग कराई जा रही है.

बढ़ा डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया का खतरा
मच्छरों के प्रकोप से पटना में कोरोना काल के बीच में अन्य भयंकर बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में हर साल डेंगू के मच्छरों का प्रकोप देखने को मिलता है. ऐसे में ये जरूरी है कि निगम समय रहते रोकथाम के लिए कार्य करे.

पटनाः कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) के धीमे होते ही बिहार में मानसून (Monsoon in Bihar) ने दस्तक दी है. इस दौरान लगातार हो रही बारिश ने राजधानी के लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. हालांकि इस बार पटना में 2019 की तरह जलजमाव (Water Logging) देखने को नहीं मिला है. लेकिन बारिश के बाद से राजधानी में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है.

इधर, पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) का दावा है कि मच्छरों के प्रकोप को कंट्रोल करने के लिए नियमित फॉगिंग हो रही है. हालांकि आम लोगों ने निगम के दावे को सिरे से खारिज कर दिया.

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निगम का दावा मच्छरों से निपटने का काम जारी
मानसून के दस्तक देते ही शहर में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. जिसे लेकर पटना नगर निगम ये दावा कर रहा है कि उसकी ओर से मच्छरों पर काबू पाने को लेकर सारे उपाए किए जा रहे हैं. शहर से संक्रमण को समाप्त करने के लिए सैनिटाइजेशन का कार्य तो चल ही रहा, वहीं दूसरी ओर मच्छरों के प्रकोप को लेकर शहर में मच्छर मारने वाली दवाओं का भी छिड़काव किया जा रहा है.

क्या कहती है जनता
पटना नगर निगम लाख दावे करे लेकिन आम लोगों की मानें तो निगम के सारे दावे बस हवा-हवाई हैं. पटना वासियों का कहना है कि महीने में एक-आध बार निगम की गाड़ी फॉगिंग करती हुई दिखती है. लेकिन मच्छरों के बढ़ते प्रकोप पर नियंत्रण नहीं है.

पटना के रहने वाले राकेश कुमार कहते हैं कि उनके इलाके में मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है. निगम की ओर से व्यापक कदम उठाने की जरूरत है. वहीं सुरेश पासवान कहते हैं कि न तो किसी दवा का छिड़काव होता है और ही विलायती पाउडर का. रात में बच्चों को सोने में काफी दिक्कत होती है.

क्या कहते हैं निगम के अधिकारी?
शहर में कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को लेकर हमने निगम के अधिकारियों से भी इस बारे में जानने की कोशिश की. इस बारे में पटना नगर निगम के स्टैंडिंग सदस्य आशीष सिन्हा कहते हैं कि जब से संक्रमण का प्रकोप बढ़ा है, तब से ही शहर में हमारे कर्मी लगातार सैनिटाइजेशन करने में लगे हुए हैं.

"अब बरसात की वजह से डेंगू का प्रकोप बढ़ने की आशंका है. उसको रोकने के लिए फागिंग हर दिन कराई जाएगी. डेंगू का लार्वा पनपने से रोकने के लिए दवा का छिड़काव किया जायेगा. साथ ही खुले नालों पर एंटी लार्वा दवा का छिड़काव भी शुरू कर दिया गया है.

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इन इलाकों में रहता है मच्छरों का ज्यादा प्रकोप
पटना के कंकड़बाग, मलाही पकड़ी, सैदपुर, राजेंद्र नगर, अशोक राजपथ, गांधी मैदान का इलाका, दरोगा राय पथ, हार्डिंग रोड, कौटिल्य नगर सहित अन्य इलाकों में मच्छरों का प्रकोप सबसे ज्यादा देखने को मिलता है. इस साल भी बढ़ रहा है. ऐसे में इन इलाकों में मच्छर के प्रकोप को कम करने के लिए निगम प्रशासन की तरफ से फॉगिंग कराई जा रही है.

बढ़ा डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया का खतरा
मच्छरों के प्रकोप से पटना में कोरोना काल के बीच में अन्य भयंकर बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में हर साल डेंगू के मच्छरों का प्रकोप देखने को मिलता है. ऐसे में ये जरूरी है कि निगम समय रहते रोकथाम के लिए कार्य करे.

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