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बिहार के बाहर इलाज कराने में माननीयों काे नहीं होगी परेशानी, विधानसभा अध्यक्ष ने दिये ये निर्देश - विधान सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी

विधायकाें और पूर्व विधायकाें काे अब राज्य के बाहर के अस्पताओं में चिकित्सा कराने से संबंधित कठिनाइयों काे लेकर बैठक की गयी. बिहार विधान सभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में आयोजित बैठक में विधायकाें और पूर्व विधायकाें की चिकित्सा प्रतिपूर्ति से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गयी(MLAs will get treatment outside state).

विधानसभा अध्यक्ष
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Published : Sep 28, 2022, 8:40 PM IST

पटना: बिहार के विधायकाें और पूर्व विधायकों काे राज्य के बाहर इलाज कराने में परेशानी नहीं होगी. बुधवार काे विधान सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी की अध्यक्षता में विधायकाें और पूर्व विधायकाें काे राज्य के बाहर के अस्पताओं में चिकित्सा से संबंधित कठिनाइयों काे लेकर बैठक की गयी. बैठक में विधायकाें और पूर्व विधायकाें की चिकित्सा प्रतिपूर्ति से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गयी (MLAs will get treatment outside state).

इसे भी पढ़ेंः नालंदा सदर अस्पताल में फर्श पर घंटों तड़पता रहा मरीज, कोई सुध लेने वाला नहीं दिखा

सात दिन में बिल निष्पादन की तैयारीः इस दौरान अध्यक्ष महोदय ने सदस्यों एवं पूर्व सदस्यों के चिकित्सा संबंधी मामलों में विभिन्न स्तर पर होने वाले विलम्ब को दूर कर संबंधित विपन्नों के त्वरित निष्पादन का निदेश सभी पदाधिकारियों को दिया. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा के स्तर से विलम्ब ना हो, इसके लिए एक विशेष चिकित्सा कोषांग प्रतिबद्ध होकर काम कर रहा है. बैठक में मौजूद स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि इस आशय का पत्र पीएमसीएच एवं सिविल सर्जन को भेजा जा चुका है कि विधान सभा से प्राप्त चिकित्सा संबंधी विपत्रों का उनके स्तर से सात कार्य दिवस के अंदर निष्पादन किया जाय.

प्राध्यापक की अनुशंसा अनिवार्य थीः राज्य के बाहर के अस्पताल में चिकित्सा हेतु अनुशंसा के लिए प्राध्यापक की अनुशंसा अनिवार्य थी और प्राध्यापकों की कमी के कारण अनावश्यक विलम्ब हो जाता था. विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव ने यह आश्वासन दिया कि प्राध्यापक या समकक्ष पदाधिकारी की अनुशंसा को अनुमान्य करने से संबंधित प्रावधान में संशोधन किया जायेगा. इसके अतिरिक्त 40 वर्ष की आयु पूरा कर चुके विधानसभा सदस्यों और पूर्व सदस्यों को बिना चिकित्सक के अनुशंसा के राज्य के बाहर या अंदर एक बार हेल्थ चेकअप की राशि को दो हजार रुपये को बढ़ाकर 20,000 रुपये करने के विधानसभा अध्यक्ष के सुझाव पर विचार-विमर्श किया गया.

इसे भी पढ़ें - बिहार कैबिनेट की बैठक में 16 एजेंडों पर मुहर, 20 लाख नौकरी और रोजगार पर बड़ा फैसला

जांच के लिए बिल सीधे PMCH भेजा जाएगाः इस बैठक में एक बड़ा निर्णय यह लिया गया कि अब सदस्यों और पूर्व सदस्यों से प्राप्त विपत्रों को विधान सभा द्वारा जांच के लिए सीधे पीएमसीएच या सिविल सर्जन के यहां भेजा जायेगा. इसके बाद वहां से आंतरिक वित्तीय सलाहकार के माध्यम से भुगतान के लिए विपत्र विधान सभा आयेगी. गाैरतलब हो कि पूर्व में यह प्रक्रिया थी कि विपन्न संसदीय कार्य विभाग से आंतरिक वित्तीय सलाहकार के माध्यम से होते हुए सिविल सर्जन तक जायेगी जिससे काफी विलंब हो जाता था.

पटना: बिहार के विधायकाें और पूर्व विधायकों काे राज्य के बाहर इलाज कराने में परेशानी नहीं होगी. बुधवार काे विधान सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी की अध्यक्षता में विधायकाें और पूर्व विधायकाें काे राज्य के बाहर के अस्पताओं में चिकित्सा से संबंधित कठिनाइयों काे लेकर बैठक की गयी. बैठक में विधायकाें और पूर्व विधायकाें की चिकित्सा प्रतिपूर्ति से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गयी (MLAs will get treatment outside state).

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सात दिन में बिल निष्पादन की तैयारीः इस दौरान अध्यक्ष महोदय ने सदस्यों एवं पूर्व सदस्यों के चिकित्सा संबंधी मामलों में विभिन्न स्तर पर होने वाले विलम्ब को दूर कर संबंधित विपन्नों के त्वरित निष्पादन का निदेश सभी पदाधिकारियों को दिया. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा के स्तर से विलम्ब ना हो, इसके लिए एक विशेष चिकित्सा कोषांग प्रतिबद्ध होकर काम कर रहा है. बैठक में मौजूद स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि इस आशय का पत्र पीएमसीएच एवं सिविल सर्जन को भेजा जा चुका है कि विधान सभा से प्राप्त चिकित्सा संबंधी विपत्रों का उनके स्तर से सात कार्य दिवस के अंदर निष्पादन किया जाय.

प्राध्यापक की अनुशंसा अनिवार्य थीः राज्य के बाहर के अस्पताल में चिकित्सा हेतु अनुशंसा के लिए प्राध्यापक की अनुशंसा अनिवार्य थी और प्राध्यापकों की कमी के कारण अनावश्यक विलम्ब हो जाता था. विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव ने यह आश्वासन दिया कि प्राध्यापक या समकक्ष पदाधिकारी की अनुशंसा को अनुमान्य करने से संबंधित प्रावधान में संशोधन किया जायेगा. इसके अतिरिक्त 40 वर्ष की आयु पूरा कर चुके विधानसभा सदस्यों और पूर्व सदस्यों को बिना चिकित्सक के अनुशंसा के राज्य के बाहर या अंदर एक बार हेल्थ चेकअप की राशि को दो हजार रुपये को बढ़ाकर 20,000 रुपये करने के विधानसभा अध्यक्ष के सुझाव पर विचार-विमर्श किया गया.

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