पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शराबबंदी (Prohibition) को लेकर मंगलवार को 7 घंटे की मैराथन बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कई अहम दिशा-निर्देश भी दिए. वहीं, आज जनसुनवाई कार्यक्रम में शामिल होने आए मद्य निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार (Minister Sunil Kumar) ने कहा कि बैठक में तय हुआ है कि शराबबंदी कानून (Prohibition Law) को और भी सख्ती से लागू किया जाएगा. जो भी दोषी होंगे, उन पर सख्त कार्रवाई होगी.
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मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि पुलिस और एक्साइज विभाग में 200 से अधिक लोगों को बर्खास्त किया गया है. 60 थाना प्रभारी 10 साल तक फिर से थानों के प्रभारी नहीं बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि शायद ही किसी कानून में इतनी कार्रवाई हुई हो.
सुनील कुमार ने कहा कि जहरीली शराब की घटनाओं की पुनरावृति न हो, इसकी पूरी कोशिश हो रही है. शराबबंदी कानून को लेकर कहीं से कोई ढिलाई नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने वाले लोग भी हैं. उन्हें लगता है कि अधिक मुनाफा होगा. दूसरे राज्यों में भी छापेमारी हो रही है और वहां की पुलिस की मदद ली जाती है.
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आपको बताएं कि सीएम की समीक्षा बैठक के बाद गृह सचिव चैतन्य प्रसाद (Home Secretary Chaitanya Prasad) ने बताया था कि शराबबंदी कानून को प्रभावी तरीके से लागू कराने के लिए सीएम ने कई अहम निर्देश दिए हैं. इसके तहत जिस थाने में कोई कार्रवाई नहीं हुई है, वहां सख्ती से कार्रवाई करने को कहा गया है. गृह सचिव ने बताया कि शहरों में होम डिलीवरी को रोकने के लिए सीएम ने आदेश दिया है. सभी प्रभारी मंत्री अपने जिलों में अन्य योजनाओं के साथ शराबबंदी को लेकर भी सक्रिय रहेंगे. बॉडर इलाके में चौकसी बढ़ाने का आदेश दिया गया है. कॉल सेंटर में जो भी कंप्लेन आए, उस पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने का निर्देश मिला है. इसके साथ ही दूसरे राज्यों से शराब की तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगाने का आदेश दिया गया है.
वहीं, डीजीपी एसके सिंघल (DGP SK Singhal) ने बताया कि लगातार छापेमारी अभियान चलाया जाएगा. पुलिस और उत्पाद अधिकारी मिलकर काम करेंगे. शराब मिलने पर थानाध्यक्ष सस्पेंड होंगे. चौकीदार ने अगर शराब की जानकारी नहीं दी तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसको लेकर मुख्यालय में हर दूसरे दिन समीक्षा बैठक होगी. डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि इंटेलिजेंस टीम को मजबूत किया जा रहा है. कहीं से भी शराब की सूचना मिलती है तो थाना प्रभारी पर कार्रवाई होगी, उन्हें शो कॉज नोटिस किया जाएगा. यदि किसी के खिलाफ कंप्लेन आती है तो एसएचओ (SHO) को 10 साल के लिए वह पद नहीं मिलेगा. साथ ही विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी.