पटना: एलजेपी में मचे सियासी घमासान ( LJP Split ) के बीच पशुपति पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष ( LJP National President Election ) निर्वाचित किया गया है. पारस गुट की ओर से राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई थी. जिसमें पशुपति कुमार पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. सूरज भान सिंह ने इसकी विधिवत घोषणा की. प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान पशुपति पारस ने कहा कि भतिजा अगर तानाशाह बन जाए तो क्या करें.
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क्या बोले पशुपति पारस:-
- निर्विरोध निर्वाचन के लिए तमाम साथियों का बहुत-बहुत धन्यवाद
- मेरा प्रयास रहेगा कि दल को आगे ले जाएंगे और रामविलास पासवान के सपनों को पूरा करेंगे
- अगर मेरी वजह से किसी का दिल दुखा होगा तो मैं सभी से माफी मांगता हूं. साथ ही अपील करता हूं कि सभी पुराने लोग पार्टी में लौट आएं.
- मैं सभी को भरोसा दिलाता हूं कि पार्टी में कोई मतभेद या कलह नहीं. अगर होता तो जाहिर तौर पर मैं निर्विरोध अध्यक्ष नहीं बनता.
- मेरी पूरी कोशिश होगी कि पार्टी को देश में तमाम राज्यों में विस्तार दूंगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों के सवालों पर पशुपति थोड़े असहज दिखे. उनसे पूछा गया कि क्या रामविलास पासवान ने कभी नहीं बताया कि जब चाचा और भतीजा में झगड़ा हो तो क्या करना चाहिए? इस सवाल पर वो भड़क गए
- पशुपति पारस बने LJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष
- निर्विरोध हुआ चयन-सूरजभान सिंह
- पारश गुट के कार्यकारिणी की बैठक
- 11:00 से 3:00 तक के नॉमिनेशन करने का समय
- 3:00 से 4:00 बजे तक किया जाएगा स्क्रूटनी
- 4 से 5 के बीच नाम वापसी की प्रक्रिया
- दूसरा व्यक्ति करता है नॉमिनेशन तो होगा चुनाव, नहीं तो पशुपति पारस को निर्विरोध चुन लिया जाएगा राष्ट्रीय अध्यक्ष
- औपचारिक घोषणा शाम 5:00 बजे प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से की जाएगी
- पशुपति पारस राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए गए हैं. इसका आधिकारिक ऐलान शाम 5 बजे किया जाएगा.
- शाम 5 बजे पशुपति पारस लोजपा पार्टी कार्यालय में प्रेस कांन्फ्रेंस करेंगे
- चिराग के चचेरे भाई और सांसद प्रिंस राज बैठक में शामिल नहीं हुए
- सूरजभान सिंह के कंकड़बाग स्थित आवास पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
- बैठक में संसदीय दल के नेता पशुपति पारस, सांसद चंदन सिंह सहित अन्य सांसद और कार्यकारिणी के सदस्य मौजूद
- सांसद वीणा देवी और सांसद महबूब अली कैसर भी बैठक में शामिल
- लोजपा में टूट के बाद कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं सूरजभान सिंह
- सर्वसम्मति से पशुपति पारस बनेंगे लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष- चंदन सिंह
- संविधान के तहत ही आज कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई- सांसद वीणा देवी
- पशुपति पारस ने एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए किया नामांकन
- आवास के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती
- आज शाम या कल सुबह दिल्ली रवाना हो सकते हैं पशुपति पारस
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर सकते हैं सभी सांसद
प्रक्रिया पर उठ रहे सवाल?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव की प्रक्रिया पार्टी कार्यालय में न होकर एलजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव प्रभारी सूरज भान सिंह के निजी आवास पर होने जा रही है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि पारस गुट चुनावी प्रक्रिया पार्टी कार्यालय के बजाय किसी के निजी आवास पर क्यों करा रहा है. गौरतलब है कि सूरज भान सिंह का निजी आवास कंकड़ाबाग स्थित टीवी टावर के पास है.
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गौरतलब है कि बुद्धवार को चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चाचा पशुपति पारस पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि ये लंबी लड़ाई है. बीच-बीच में अपनी बात रखता रहूंगा. पूरी घटना परेशान करने वाली है. वहीं, इससे पहले मंगलवार को चिराग पासवान ने एलजेपी ( LJP ) कार्यसमिति की वर्चुअल बैठक करने के बाद बगावत करने वाले अपने चाचा समेत सभी 5 सांसदों को पार्टी से बाहर निकाल दिया.
अब तक क्या हुआ...
- बुधवार को पशुपति पारस पटना पहुंचे
- पटना एयरपोर्ट पर ढोल नगारे के साथ पशुपति पारस का स्वागत हुआ
- पशुपति पारस के पक्ष में लोगों ने जमकर नारे लगाए
- पारस गुट के कार्यकारी अध्यक्ष सूरजभान सिंह और सांसद चंदन सिंह रहे मौजूद
- पटना एयरपोर्ट से पशुपति पारस पहुंचे एलजेपी कार्यालय
- चिराग समर्थकों ने पशुपति पारस को दिखाया काला झंडा
- गुरुवार को होगा पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव- पशुपति पारस
चिराग पासवान की बड़ी बातें:
- चिराग पासवान ने कहा- समय-समय पर अपनी बात रखूंगा
- विधानसभा चुनाव में लोजपा को जनता का प्यार मिला
- हमने अलग होकर मजबूती से चुनाव लड़ा
- हम लोगों ने चुनाव में 6 प्रतिशत वोट प्राप्त किए
- पापा के समय में भी पार्टी को तोड़ने का काम किया जाता रहा
- निरंतर लंबे समय से पार्टी को कुछ लोगों ने तोड़ने की कोशिश की
- कुछ लोग कम्फर्टेबल राजनीति करना चाहते थे
- कुछ लोग संघर्ष की राजनीति नहीं करना चाहते थे
- हमने पार्टी के सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया
- मुझे नीतीश कुमार के साथ समझौता करना मंजूर नहीं था
- मैंने हमेशा बिहार की जनता के साथ प्यार किया
- मेरे खुद के चाचा ने पार्टी को तोड़ने की कोशिश की
- होली के समय भी मेरे लिए कठिन समय था
- होली के समय लिखी गई चिट्ठी को मैंने ट्वीट कर साझा किया
- मैंने अंत तक मामले को सुलझाने की कोशिश की
- चाचा बोलते तो उन्हें संसदीय दल का नेता बना देता
- लोजपा को तोड़ने में जेडीयू के नेताओं का हाथ है
- लोजपा में टूट के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर घमासान
- संसदीय दल के नेता पशुपति पारस ने 17 जून यानि कल राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई
- कार्यकारिणी की बैठक में तय होगा लोजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष का हकदार कौन
- मुजफ्फरपुर में पशुपति पारस समेत 5 लोगों पर परिवाद दायर
- हाजीपुर सांसद पशुपति पारस, सांसद प्रिंस राज समेत 5 लोजपा नेताओं के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में परिवाद दर्ज
- धारा 420, 406/34 के तहत दर्ज हुआ है परिवाद
- सामाजिक कार्यकर्ता कुंदन कुमार ने पार्टी के साथ धोखाधड़ी का लगाया आरोप
चिराग पर भड़के चाचा पारस
इधर, चिराग के इस कदम से चाचा पशुपति पारस ( Pashupati Parsa ) भड़क गए हैं. पारस का कहना है कि चिराग ने किस हैसियत से उन्हें और सांसदों को पार्टी से निकाला है? पारस का कहना है कि चिराग को पहले नियम की जानकारी होनी चाहिए. उनका दावा है कि उनको पार्टी से निकालने का अधिकार नहीं है.
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घर की लड़ाई सड़क पर आई
चाचा पशुपति कुमार पारस द्वारा पार्टी को कब्जा में लिए जाने के बाद रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने पटना स्थित पार्टी कार्यालय पर कब्जा जमाने की कोशिश शुरू कर दी है. पशुपति पारस ने कहा है कि दो-तीन दिन के भीतर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नए अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा.
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पटना एलजेपी ऑफिस में बवाल
पारस के इस बयान के बाद मंगलवार को चिराग पासवान के समर्थकों ने पार्टी दफ्तर में जमकर हंगामा किया और वहां लगे पोस्टरों पर कालिख पोत कर पशुपति कुमार पारस और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी की. इसके साथ ही बागी हुए पशुपति कुमार पारस सहित पांच सांसदों के पोस्टरों पर कालिख पोत दी. चिराग समर्थकों ने पशुपति कुमार पारस, प्रिंस राज, वीना देवी, चंदन कुमार और महबूब अली कैसर के पोस्टरों पर कालिख पोत दी और उन्हें फाड़ दिया.
मंगलवार को क्या हुआ था
- पटना के लोजपा कार्यालय के बाहर चिराग के समर्थकों का हंगामा.
- संसदीय दल के नेता पशुपति कुमार पारस के विरोध में 20 से 25 की संख्या में कार्यकर्ताओं द्वारा नारेबाजी.
- चिराग पासवान ने ट्विट करते हुए चाचा पशुपति पारस पर निशाना साधा, साथ ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी बुलाई.
- इधर, पशुपति गुट ने एलजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में सूरजभान सिंह को कार्यकारी अध्यक्ष चुना
- पांच दिन के भीतर होगा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव
- सूरजभान सिंह की अध्यक्षता में होगी मीटिंग
- सूरजभान सिंह की अध्यक्षता में होगी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
- नये अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया सूरजभान सिंह की अध्यक्षता में होगी
- पशुपति पारस आज शाम में दिल्ली में लोजपा कार्यसमिति के सदस्यों, बागी सांसदों के साथ बैठक करेंगे.
- संसदीय दल का नेता बनाने के बाद अब उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की तैयारी चल रही है. आज की बैठक में उसपर ही मंथन होगा.
- राष्ट्रीय कार्यकारिणी पटना में 2-3 दिन में होगी. जिसमें बिहार व राष्ट्रीय पदाधिकारियों के अलावा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहेंगे.
- राष्ट्रीय कार्यकारिणी की होने वाली बैठक की रुप रेखा आज कार्यसमिति की बैठक में तय होगी.
- राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ही पशुपति पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जायेगा.
- लोजपा पार्टी के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का अधिकार है.
- आज की बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूरज भान सिंह भी रहेंगे. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का ऐलान आज की बैठक में वह कर सकते हैं
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लोजपा संसदीय दल के नए नेता पशुपति पारस
इससे पहले सोमवार को एलजेपी से बगावत करने वाले पशुपति पारस को सर्वसम्मति से लोकसभा में पार्टी संसदीय दल का नेता ( Leader of the Party Parliamentary In Loksabha ) चुना गया. बता दें कि चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस समेत पांच सांसदों ने पार्टी से बगावत कर दी है. एलजेपी के बागी पांचों सांसद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी मिले.
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पार्टी तोड़ी नहीं बल्कि बचाई है : पारस
एलजेपी में बगावत के बाद पशुपति कुमार पारस ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हमारी पार्टी में 6 सांसद हैं. 5 सांसदों की इच्छा थी कि पार्टी का अस्तित्व खत्म हो रहा है, ऐसे में नेतृत्व को परिवर्तित किया जाए. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम तीनों भाइयों में बहुत बनती थी लेकिन राम विलास के निधन के बाद मैं अकेला महसूस कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि हमने पार्टी तोड़ी नहीं बल्कि बचाई है.
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सोमवार को क्या-क्या हुआ था...
- वीणा देवी से JDU सांसद ललन सिंह ने की मुलाकात.
- वीणा देवी के आवास पर दोनों के बीच हुई बातचीत.
- एलजेपी संसदीय दल के नेता चुने गए पशुपति पारस.
- एलजेपी के पांच सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा था पत्र.
- चाचा पशुपति पारस के घर से निकले चिराग पासवान.
- करीब 25 मिनट इंतजार करने के बाद घर में हुए दाखिल.
- खुद गाड़ी चलाकर पशुपति पारस के घर पहुंचे चिराग.
- बताया गया कि घर पर नहीं हैं पशुपति पारस.
- काफी देर कैंपस में ही गाड़ी में बैठे रहे चिराग पासवान.
- 15 मिनट तक नहीं खोला गया गेट.
- चाचा पशुपति पारस के घर पहुंचे चिराग पासवान.
कौन हैं LJP के वो पांचों सांसद?
बागी गुट ने, रामविलास पासवान के भाई और चिराग के चाचा पशुपति पारस लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता बनाने का फैसला किया है. इस संबंध में पांचों सांसदों ने लोक सभा के स्पीकर ओम बिड़ला को पत्र भी भेज दिया है. पत्र के माध्यम से ओम बिड़ला से मांग की है कि उन्हें एलजेपी से अलग मान्यता दी जाए. और आखिरकार लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा सिंह, चंदन सिंह और प्रिंस राज की चिराग से राहें जुदा हो गयी हैं. जानिए कौन हैं ये पांचों सांसद?
कौन हैं पशुपति कुमार पारस?
पशुपति कुमार पारस अलौली से पांच बार विधायक रह चुके हैं. उन्होंने जेएनपी उम्मीदवार के रूप में 1977 में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता. तब से वे एलकेडी, जेपी और एलजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते रहे हैं. उन्होंने बिहार सरकार में पशु और मछली संसाधन विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया. हाजीपुर से 2019 का संसदीय चुनाव जीता और संसद के सदस्य बने. इसके अलावा, वे लोक जनशक्ति पार्टी की बिहार इकाई के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
कौन हैं प्रिंस राज?
समस्तीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं. वे बिहार एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. 25 साल की उम्र में प्रिंस ने वर्ष 2015 में समस्तीपुर के रोसड़ा विधानसभा चुनाव लड़ा. हालांकि तब उन्हें चुनाव में शिकस्त मिली. प्रिंस राज अपने पिता रामचंद्र पासवान के साथ लगातार राजनीति में सक्रिय रहे. पिता रामचंद्र पासवान के निधन के बाद उप चुनाव में प्रिंस राज समस्तीपुर में एलजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और शानदार जीत हासिल की.
महबूब अली कैसर के बारे में क्या जानते हैं आप?
चौधरी महबूब अली कैसर कांग्रेस से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. वह बिहार के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय चौधरी सलाहुद्दीन के पुत्र हैं. उन्होंने बिहार सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया है. 2014 के आम चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी में शामिल हो गए. वे फिलहाल खगड़िया से सांसद हैं.
कौन हैं वीणा देवी?
वीणा देवी वैशाली लोकसभा सीट से सांसद हैं. वह बिहार विधानसभा की सदस्य भी रह चुकी हैं. 2019 आम चुनाव में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर वैशाली से चुनाव लड़ा और आरजेडी नेता दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह को हराकर लोक सभा पहुंची.
चंदन सिंह के बारे में क्या जानते हैं आप?
चंदन सिंह नवादा लोकसभा सीट से सांसद है. इनकी सबसे बड़ी पहचान ये है कि ये सूरजभान सिंह के भाई हैं. सूरजभान सिंह एलजेपी नेता सह पूर्व सांसद हैं.
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