पटना: राज्य में सभी पार्टियां बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगी है. कोई वर्चुअल रैली की तैयारी कर रहा है. कोई लगातार अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहा है. आरजेडी में इन दिनों मिलन समारोह का दौर चल रहा है. तेजस्वी रोजाना दफ्तर पहुंच रहे हैं. लेकिन, पार्टी का कोई भी वरिष्ठ नेता उनके साथ नजर नहीं आ रहा.
अपनी नई टीम तैयार कर रहे हैं तेजस्वी!
कई दिनों से लगातार पार्टी के प्रदेश कार्यालय में मिलन समारोह का दौर चल रहा है. हर समारोह में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मौजूद होते हैं. लेकिन तेजस्वी के आसपास प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के अलावा कोई वरिष्ठ नेता खड़ा नजर नहीं आता. हालांकि उनके साथ कुछ नए चेहरे नजर आते रहे हैं. इन तमाम घटनाक्रम के कारण इस बात का अंदेशा जताया जा रहा है कि तेजस्वी अपनी नई टीम तैयार कर रहे हैं.
कोरोना वायरस पर फोड़ा ठीकरा
पार्टी कार्यकर्मों से मंच पर पिछले कई आयोजनों से वरिष्ठ नेता नदारद दिख रहे हैं. स्थापना दिवस समारोह में भी न तो शिवानंद तिवारी नजर आए और न ही रामचंद्र पूर्वे. पार्टी प्रवक्ता कोरोना वायरस को इसके लिए जिम्मेदार मान रहे हैं. उनका दावा है कि तेजस्वी को सभी का आशीर्वाद हासिल है.
लालू के करीबियों में शामिल नेताओं ने बनाई दूरी
लेकिन इसी कोरोना काल में जगदानंद सिंह, उदय नारायण चौधरी और रमई राम के साथ ही वृषण पटेल सरीखे नेता भी पार्टी दफ्तर आ रहे हैं. लालू के करीबियों में शामिल अब्दुल बारी सिद्दीकी, रामचंद्र पूर्वे और शिवानंद तिवारी सरीखे नेता तेजस्वी के कार्यक्रमों से दूरी बना रहे हैं. रघुवंश प्रसाद सिंह खुलेआम अपनी नाराजगी जता चुके हैं और पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा भी दे चुके हैं.
तेजस्वी को दोष
एनडीए नेता इसके लिए तेजस्वी को दोषी ठहरा रहे हैं. उनका कहना है कि तेजस्वी अब तक नाकाम साबित हुए हैं. इसके साथ-साथ पार्टी में हर बार वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी हुई है जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ेगा.
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे भी दूर
यहां ये बात गौर करने वाली है कि जो भी नेता हाल के दिनों में आरजेडी में शामिल हुए हैं वे अपनी उम्र के बावजूद आए दिन पार्टी के दफ्तर पहुंच रहे हैं. इनमें उदय नारायण चौधरी, रमई राम और वृषिण पटेल भी शामिल हैं. इससे इतर पार्टी के प्रमुख नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे भी अब कार्यक्रमों में नजर नहीं आ रहे.
पार्टी नेताओं को एकजुट होने की अपील
चुनावी साल में जहां सभी पार्टियों का जोर ज्यादा से ज्यादा समर्थन बटोरने में है, वही ना सिर्फ अपनी पार्टी बल्कि महागठबंधन में भी तेजस्वी के लिए मांझी और कुशवाहा का समर्थन मिलना मुश्किल दिख रहा है.स्थापना दिवस समारोह में तेजस्वी ने मंच से जिस तरह अपनी पार्टी नेताओं को एकजुट होने की अपील की उससे भी साफ लग रहा है कि कहीं ना कहीं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी का अंदेशा उन्हें भी है.