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कृषि कानून वापसी पर लालू यादव का ट्वीट- 'ये किसानों की जीत.. और टूट गया अहंकार'

केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने (Withdraw of all three Agricultural Laws)  पर लालू यादव ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पूंजीपरस्त सरकार व उसके मंत्रियों ने किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी, आढ़तिए, मुट्ठीभर लोग, देशद्रोही इत्यादि कहकर देश की एकता और सौहार्द को खंड-खंड कर बहुसंख्यक श्रमशील आबादी में एक अविश्वास पैदा किया गया.

आरजेडी सुप्रीमो
लालू यादव
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Published : Nov 19, 2021, 1:59 PM IST

Updated : Nov 19, 2021, 3:33 PM IST

पटना: राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने (Withdraw of all three Agricultural Laws) की घोषणा कर दिया है. विपक्षी पार्टियां इस इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साध रहीं हैं. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने भी तीनों कृषि कानून वापस लेने पर किसानों को बधाई देते हुए कहा कि विश्व के सबसे लंबे, शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक किसान सत्याग्रह के सफल होने पर बधाई.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी के फैसले का पक्ष-विपक्ष किसान संगठनों ने किया स्वागत, राहुल बोले- अन्याय पर हुई जीत
लालू यादव ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि- 'पूंजीपरस्त सरकार व उसके मंत्रियों ने किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी, आढ़तिए, मुट्ठीभर लोग, देशद्रोही इत्यादि कहकर देश की एकता और सौहार्द को खंड-खंड कर बहुसंख्यक श्रमशील आबादी में एक अविश्वास पैदा किया.' बता दें कि बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भी इसे लेकर केंद्र सरकार पर प्रहार किया. पीएम की घोषणा के तत्काल बाद उन्होंने लागातार तीन ट्वीट किये.

  • विश्व के सबसे लंबे,शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक किसान सत्याग्रह के सफल होने पर बधाई।

    पूँजीपरस्त सरकार व उसके मंत्रियों ने किसानों को आतंकवादी,खालिस्तानी,आढ़तिए,मुट्ठीभर लोग,देशद्रोही इत्यादि कहकर देश की एकता और सौहार्द को खंड-खंड कर बहुसंख्यक श्रमशील आबादी में एक अविश्वास पैदा किया।

    — Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें- कृषि कानूनों की वापसी पर बोले नीतीश- केंद्र ने लगाया, केंद्र ने ही हटाया
पहले ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा कि 'और अहंकार टूट गया.' उसके बाद लिखा 'किसान की जीत, देश की जीत, पूंजीपतियों, उनके रखवालों और सरकार की हार.' एकता में शक्ति है. यह सबों की सामूहिक जीत है. बेरोजगारी, महंगाई, निजीकरण के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी. उपचुनाव हारे तो उन्होंने पेट्रोल-डीजल पर दिखावटी ही सही लेकिन थोड़ा सा टैक्स कम किया. यूपी, उत्तराखंड, पंजाब की हार के डर से तीनों काले कृषि कानून वापस लेने पड़ रहे हैं.

देखें वीडियो

बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज किसानों के हित में एक बड़ा ऐलान कर दिया है. उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने का फैसला किया है. उन्होंन इसकी घोषणा करने के साथ आंदोलनरत किसानों से अपने-अपने घर और खेतों की तरफ लौटने की अपील की.

ये भी पढ़ें- कृषि कानूनों की वापसी को तेजस्वी यादव ने बताया किसानों की जीत, सरकार की हार
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानूनों का वापस लेने का फैसला किया है.

ये भी पढ़ें- तत्काल वापस नहीं होगा किसान आंदोलन : राकेश टिकैत

ये भी पढ़ें- कृषि कानून की वापसी पर बिहार कांग्रेस की प्रतिक्रिया- 'हिटलरशाही फरमान को वापस लेना सरकार की मजबूरी'

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लालू यादव ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि- 'पूंजीपरस्त सरकार व उसके मंत्रियों ने किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी, आढ़तिए, मुट्ठीभर लोग, देशद्रोही इत्यादि कहकर देश की एकता और सौहार्द को खंड-खंड कर बहुसंख्यक श्रमशील आबादी में एक अविश्वास पैदा किया.' बता दें कि बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भी इसे लेकर केंद्र सरकार पर प्रहार किया. पीएम की घोषणा के तत्काल बाद उन्होंने लागातार तीन ट्वीट किये.

  • विश्व के सबसे लंबे,शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक किसान सत्याग्रह के सफल होने पर बधाई।

    पूँजीपरस्त सरकार व उसके मंत्रियों ने किसानों को आतंकवादी,खालिस्तानी,आढ़तिए,मुट्ठीभर लोग,देशद्रोही इत्यादि कहकर देश की एकता और सौहार्द को खंड-खंड कर बहुसंख्यक श्रमशील आबादी में एक अविश्वास पैदा किया।

    — Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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पहले ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा कि 'और अहंकार टूट गया.' उसके बाद लिखा 'किसान की जीत, देश की जीत, पूंजीपतियों, उनके रखवालों और सरकार की हार.' एकता में शक्ति है. यह सबों की सामूहिक जीत है. बेरोजगारी, महंगाई, निजीकरण के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी. उपचुनाव हारे तो उन्होंने पेट्रोल-डीजल पर दिखावटी ही सही लेकिन थोड़ा सा टैक्स कम किया. यूपी, उत्तराखंड, पंजाब की हार के डर से तीनों काले कृषि कानून वापस लेने पड़ रहे हैं.

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बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज किसानों के हित में एक बड़ा ऐलान कर दिया है. उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने का फैसला किया है. उन्होंन इसकी घोषणा करने के साथ आंदोलनरत किसानों से अपने-अपने घर और खेतों की तरफ लौटने की अपील की.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानूनों का वापस लेने का फैसला किया है.

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Last Updated : Nov 19, 2021, 3:33 PM IST
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