पटना: बिहार की राजधानी पटना से करीब 55 किलोमीटर दूर बाढ़ का लदमा गांव. इसी गांव में 1 जुलाई 1961 को अनंत सिंह उर्फ 'छोटे सरकार' (Bahubali MLA Anant Singh) का जन्म हुआ. लोग कहते हैं कि जब अनंत सिंह 9 साल के थे, तब पहली बार जेल गए थे. अनंत सिंह थे तो चार भाइयों में सबसे छोटे, लेकिन जुर्म की दुनिया में उनका नाम काफी बड़ा है. इसके बाद 15 साल की उम्र में गांव में हुए आपसी विवाद में जेल जाना पड़ा. और यहीं से शुरू हुई 'अनंत कथा'.
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9 साल की उम्र में जेल : 9 साल के इस लड़के ने बिहार के मोकामा टाल इलाके पर कब्जे़ के लिए हथियार उठा लिया. टाल पर कब्जे के दौरान अनंत सिंह ने अपने गांव लदमा में अपराध का साम्राज्य कायम किया. अपराध की इस जंग में अनंत सिंह के बड़े भाई विरंची सिंह की हत्या कर दी गयी. खुद अनंत सिंह की बात मानें, तो उन्होंने तैर कर नदी पार किया और अपने भाई के हत्यारे को मार डाला. तब से लोग अनंत सिंह को 'छोटे सरकार' के नाम से जानने लगे.
अनंत सिंह की ‘रॉबिनहुड’ छवि: एक जमाने में अनंत सिंह को लोग ‘रॉबिनहुड’ के नाम से भी जानते थे. कहते हैं कि एक बार उन्होंने खुद का एक वीडियो बनवाया, जिसमें वो पटना की सड़कों पर एक बग्घी में सवारी करते दिख रहे थे. इस वीडियो में एक गाना भी बज रहा था, जिसके बोल थे ‘छोटे सरकार’. ये गाना किसी और ने नहीं, बल्कि उदित नारायण ने गाया था.
इलाके में 'छोटे सरकार' का खौफ : इलाके के लोग बताते हैं कि इलाके में 'छोटे सरकार' का इतना खौफ था कि जब भी कोई घटना होती तो लोग अनंत सिंह के पास जाते थे. 90 के दशक में ऐसी कई घटनाएं सामने आई, जिसमें कई लाशें गिरी. अनंत सिंह के करीबी लोगों को पता है कि 'छोटे सरकार' अपने दुश्मनों को कैसे ठिकाने लगाता है. कानून की किताब में शायद ही कोई ऐसी धारा बची हो जिसके तहत अनंत सिंह के नाम पर मुकदमा दर्ज न हो. अनंत सिंह पर दर्जनों संगीन मामले दर्ज हैं. इनमें कत्ल, अपहरण, फिरौती, डकैती और बलात्कार जैसे तमाम संगीन मामले शामिल हैं. अनंत सिंह के घर पर एसटीएफ ने 2004 में धावा बोला था और फिर घंटो गोलीबारी हुई. गोली अनंत सिंह को भी लगी थी. हालांकि इस एनकाउंटर में अनंत सिंह के आठ लोग मारे गए. इसके बाद अनंत सिंह ने यहां इस किले जैसे घर में अपने आप को कैद कर लिया.
भाई के जरिए राजनीति में कदम रखा : इसके बाद अनंत सिंह ने राजनीति की ओर रुख करना शुरू किया. अनंत खुद राजनीति में नहीं आए, बल्कि अपने बड़े भाई को राजनीति में उतारा. बड़े भाई दिलीप सिंह ने 1985 में पहली बार निर्दलीय के तौर पर मोकामा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. उसके बाद 1990 में पहली बार वो जनता दल के टिकट पर मोकामा से विधायक बने 1995 में भी यहां से जीते। लेकिन, 2000 का चुनाव हार गए.
जुर्म और सियासत का कॉकटेल : बस फिर क्या था, जुर्म की दुनिया में नाम काम चुके अनंत सिंह ने वक्त के साथ सियासत की सवारी करने का फैसला किया. धीरे-धीरे अनंत की नजदीकियां नीतीश कुमार से बढ़ती गई. जिसके बाद उन्हें 2005 में मोकामा सीट से जेडीयू के कैंडिडेट बनाया गया, वह चुनाव जीतने में कामयाब रहे. यहां से अनंत सिंह जुर्म और सियासत दोनों पर राज हो गया.
मुख्यमंत्री भी जोड़ते हैं इनके आगे हाथ! : कहा जाता है इस दौरान अनंत सिंह अलग ही सरकार चलाने लगे थे. उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हुए. लेकिन सरकार के दबाव में पुलिस अनंत सिंह का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकी. अनंत सिंह के रसूख का अंदाजा यही से लगाया जा सकता है कि नीतीश कुमार भी उनके आगे कभी हाथ जोड़े खड़े रहते थे. काफी समय पहले एक फोटो सामने आई थी, जिसमें बिहार के मौजूदा सीएम नीतीश कुमार अनंत सिंह का हाथ जोड़कर अभिवादन करते हुए नजर आ रहे हैं.
नीतीश कुमार और अनंत सिंह की दोस्ती : बताया जाता है कि 2004 में नीतीश कुमार ने अपने वोट के खातिर अनंत सिंह के घर पर गये और यहां से नीतीश कुमार और अनंत सिंह में दोस्ती गहरी हो गई. 2004 में अनंत सिंह ने नीतीश कुमार को चांदी सिक्कों से तौला था. इस कार्यक्रम का यह वीडियो फ़ुटेज भी काफी चर्चित हुआ और नीतीश कुमार के लिए परेशानी का सबब भी बना.
साल 2007, इस सवाल पर आगबबूला हुए थे 'छोटे सरकार' : 2007 में एक महिला से बलात्कार और हत्या के मामले में अनंत सिंह का नाम आया. जब इस संबंध में एक निजी चैनल के पत्रकार ने उनसे सवाल किया तो बाहुबली विधायक ने उन्हें जमकर पीटा. मामले ने तूल पकड़ा और विधायक की गिरफ्तारी भी हुई.
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मर्सिडीज छोड़ थामी घोड़ा-बग्गी : अपने शौक के लिए चर्चित अनंत सिंह ने पेट्रोल बचाने के लिए अपना मर्सिडीज छोड़कर घोड़ा-बग्गी चलाई. अनंत सिंह ने घोड़ा-बग्गी को लेकर विधानसभा पहुंच गए. बग्गी के इस्तेमाल पर जब अनंत सिंह से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि ''मैंने ये बग्गी दिल्ली में बनवाई थी. इसके बाद से लगातार मैं घोड़ा-बग्गी चलाता रहता हूं, क्योंकि इसमें पेट्रोल की जरूरत नहीं होती.''
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अनंत सिंह 'लखटकिया' हाथी-घोड़े : विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला में अनंत सिंह अपने हाथी, घोड़े और गाय के कारण अक्सर चर्चा में रहते है. 2007 में सोनपुर मेले में अनंत सिंह लालू यादव का घोड़ा खरीदने पहुंचे थे. अनंत सिंह को पता था कि लालू उन्हें अपना घोड़ा नहीं बेचेंगे, इसलिए उन्होंने किसी दूसरे के जरिए लालू के घोड़े को खरीदा था और उसे लेकर मेले में पहुंचे थे. एक बार 50 लाख रुपए में साड खरीद कर अनंत सिंह चर्चा में थे. अनंत सिंह अपने घोड़े और गाय के गले में सोने की सिकरी पहना कर सोनपुर मेले में पहुंचते थे. अजगर पालने जैसी अपनी सनक के लिए भी 'छोटे सरकार' की चर्चा होती है.
लालू को थी अनंत से खुन्नस ? : अनंत सिंह, नीतीश के पुराने चुनाव क्षेत्र बाढ़ के लदमा गांव के रहने वाले है. बाढ़ में यादव बनाम भूमिहार की लड़ाई बहुत पुरानी है. अनंत सिंह ने यादवों के वर्चस्व को तोड़ा. इस बात ने लालू यादव को परेशान कर दिया था. लेकिन, जून 2015, अनंत सिंह को चार युवकों के अपहरण और हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. लालू किसी भी हाल में अनंत सिंह को सलाखों के पीछे देखना चाहते थे. कहा गया कि आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की दखल के बाद ही अनंत सिंह को गिरफ्तार किया गया था. साथ ही तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी अनंत सिंह पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगा चुके हैं.
ललन सिंह को चुनौती : गिरफ्तारी के करीब ढाई महीने के बाद अनंत सिंह ने जेडीयू से इस्तीफा दे दिया. 2015 के विधानसभा चुनाव में मोकामा से निर्दलीय लड़े और पहले से अधिक वोटों से जीते. लेकिन वक्त ने करवल ली और फिर अक्टूबर 2018 से अनंत सिंह ने लालू की तारीफ शुरू कर दी. इस बीच अनंत सिंह को यह गलतफहमी हो गई कि जब वो लालू और नीतीश के महागठबंधन के खिलाफ चुनाव लड़कर जीत सकते हैं तो वो संसद सदस्य क्यों नहीं बन सकते?. जिस ललन सिंह की छाया में उनका साम्राज्य फैला था उन्हीं को अनंत सिंह चुनौती देने की गलती कर बैठे. उनकी मंशा मुंगेर से लोकसभा चुनाव लड़ने की भी थी. लेकिन, लालू ने अनंत को आरजेडी में लेने सें इनकार कर दिया. जब कांग्रेस ने भी टिकट देने से मना किया तो अनंत सिंह ने पत्नी को टिकट दिलवा दिया.
घर से मिली थी AK-47, मैगजीन, ग्रेनेड: 16 अगस्त 2019, पटना पुलिस की टीम ने बाहुबली विधायक अनंत सिंह के लदमा गांव स्थित घर पर छापेमारी की थी. करीब 11 घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन में विधायक के घर से पुलिस ने एक AK-47, 2 हैंड ग्रेनेड, 26 राउंड गोली और एक मैगजीन बरामद किया था. उस वक्त सिंह मोकामा से निर्दलीय विधायक थे. पुलिस की तरफ से इस कार्रवाई के दौरान बाढ़ की एएसपी रही लिपि सिंह ने किया था. इस मामले में विधायक के घर के केयर टेकर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इसी मामले में बिहार के बाहुबली नेता और मोकामा विधायक अनंत सिंह को 10 साल की सजा मिली है. पटना की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया. अब उनकी विधायकी जाने का खतरा है.