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बिहार के 38 जिलों में सबसे गरीब जिला है किशनगंज : नीति आयोग की रिपोर्ट - Niti Aayog

नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के 38 जिलों में से सबसे गरीब जिला किशनगंज ( Kishanganj is Poorest district of Bihar ) है. किशनगंज के बाद अररिया का नंबर आता है. पढ़ें पूरी खबर...

Niti Aayog report
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Published : Nov 26, 2021, 3:18 PM IST

पटना: नीति आयोग की रिपोर्ट ( Niti Aayog report ) से पता चला है कि बिहार के 38 जिलों में से किशनगंज सबसे गरीब ( Poorest district of Bihar ) जिला है. नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, पांच जिलों में 60 फीसदी लोग अमीर वर्ग के हैं, जबकि 11 जिलों में 60 फीसदी से ज्यादा लोग गरीब वर्ग के हैं.

सीमांचल क्षेत्र के अल्पसंख्यक बहुल किशनगंज जिले में गरीबी रेखा से नीचे ( BPL) रहने वाले 64.75 प्रतिशत लोग हैं, इसके बाद अररिया (64.65 प्रतिशत), मधेपुरा जिला (64.43 प्रतिशत), पूर्वी चंपारण (64.13 प्रतिशत), सुपौल (64.10 प्रतिशत), जमुई (64.01 प्रतिशत), सीतामढ़ी (63.46 प्रतिशत), पूर्णिया (63.29 प्रतिशत), कटिहार (62.80 प्रतिशत), सहरसा (61.48 प्रतिशत) और शिवहर (60.30 प्रतिशत) से हैं.

ये भी पढ़ें- दिल्ली जाते-जाते बयान के 'तीर' छोड़ गए लालू, कहा- नीतीश को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए

इस बीच, जिन जिलों में 50 फीसदी लोग गरीब श्रेणी में आते हैं, उनमें मुंगेर (40.99 फीसदी), रोहतास (40.75 फीसदी), सीवान (40.55 फीसदी) और भोजपुर (40.50 फीसदी) शामिल हैं.

नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, पटना में अमीरों की संख्या सबसे ज्यादा मानी जाती है. 29.20 प्रतिशत पटना में अमीरों की श्रेणी में आते हैं, इसके बाद मुजफ्फरपुर, गया और भागलपुर जिले हैं.

ये भी पढ़ें- नीति आयोग की रिपोर्ट पर बिहार में सियासत तेज, BJP बोली- सत्ता जाने पर कलेजा पीट रहे हैं तेजस्वी

रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फटकार लगाते हुए कहा कि 'उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए क्योंकि बिहार शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी सहित हर क्षेत्र में सबसे नीचे पहुंच गया है.

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पटना: नीति आयोग की रिपोर्ट ( Niti Aayog report ) से पता चला है कि बिहार के 38 जिलों में से किशनगंज सबसे गरीब ( Poorest district of Bihar ) जिला है. नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, पांच जिलों में 60 फीसदी लोग अमीर वर्ग के हैं, जबकि 11 जिलों में 60 फीसदी से ज्यादा लोग गरीब वर्ग के हैं.

सीमांचल क्षेत्र के अल्पसंख्यक बहुल किशनगंज जिले में गरीबी रेखा से नीचे ( BPL) रहने वाले 64.75 प्रतिशत लोग हैं, इसके बाद अररिया (64.65 प्रतिशत), मधेपुरा जिला (64.43 प्रतिशत), पूर्वी चंपारण (64.13 प्रतिशत), सुपौल (64.10 प्रतिशत), जमुई (64.01 प्रतिशत), सीतामढ़ी (63.46 प्रतिशत), पूर्णिया (63.29 प्रतिशत), कटिहार (62.80 प्रतिशत), सहरसा (61.48 प्रतिशत) और शिवहर (60.30 प्रतिशत) से हैं.

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इस बीच, जिन जिलों में 50 फीसदी लोग गरीब श्रेणी में आते हैं, उनमें मुंगेर (40.99 फीसदी), रोहतास (40.75 फीसदी), सीवान (40.55 फीसदी) और भोजपुर (40.50 फीसदी) शामिल हैं.

नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, पटना में अमीरों की संख्या सबसे ज्यादा मानी जाती है. 29.20 प्रतिशत पटना में अमीरों की श्रेणी में आते हैं, इसके बाद मुजफ्फरपुर, गया और भागलपुर जिले हैं.

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रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फटकार लगाते हुए कहा कि 'उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए क्योंकि बिहार शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी सहित हर क्षेत्र में सबसे नीचे पहुंच गया है.

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