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कोरोना से हाहाकार, NMCH में जूनियर डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार, सुरक्षा की मांग - Patna NMCH

बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी बढ़ रही है. कई अस्पतालों में बेड तक फुल हो गए हैं और इन सब के बीच पटना के एनएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों ने सुरक्षा की मांग पर कार्य बहिष्कार कर दिया है. जिससे मरीजों की परेशानी और बढ़ गई है.

पटना
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Published : Apr 23, 2021, 6:53 PM IST

पटना: राज्य में जारी कोरोना महामारी के बीच NMCH में जूनियर डॉक्टरों ने अब कार्य बहिष्कार कर दिया है. जिसकी वजह से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ राम कुमार ने कहा कि मरीज के परिजनों ने ना सिर्फ अस्पताल में हंगामा किया बल्कि एक डॉक्टर के साथ मारपीट भी की है लेकिन अब तक अस्पताल में सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं मिला है. ऐसे में डर के साए में जूनियर डॉक्टर्स काम नहीं कर सकते हैं.

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने कहा कि जब तक सुरक्षा की व्यवस्था नहीं होती है तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा. कार्य बहिष्कार की वजह से अस्पताल में इलाजरत मरीजों की अब परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें: बिहार को 194 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन, जल्दी ही पहुंचेगा 24,604 रेमडेसिविर का डोज: मंगल पांडे

भगवान भरोसे अस्पताल में भर्ती मरीज
बिहार सरकार ने नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को डेटिकेडेड कोविड अस्पताल घोषित किया है. लेकिन अभी वर्तमान समय में इस अस्पताल में सन्नाटा पसरा है. सभी मरीज राम भरोसे हैं. किस मरीज की जीवन की डोर कब टूट जाए यह कहना मुश्किल है. क्योंकि गुरुवार रात से ही सारे जूनियर डॉक्टर्स ने कार्य को स्थगित कर दिया है.

बीते कई दिनों से ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. जिनमें मरीजों के दम तोड़ने के बाद डॉक्टर्स को तीमारदारों के आक्रोश का सामना करना पड़ा है. कई बार तो मृतक के परिजनों ने डॉक्टर्स के साथ मारपीट भी की है. एनएमसीएच के डॉक्टरों ने कार्य स्थगित करते हुए डीएम से अपनी सुरक्षा के गांरटी की मांग की है.

पटना: राज्य में जारी कोरोना महामारी के बीच NMCH में जूनियर डॉक्टरों ने अब कार्य बहिष्कार कर दिया है. जिसकी वजह से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ राम कुमार ने कहा कि मरीज के परिजनों ने ना सिर्फ अस्पताल में हंगामा किया बल्कि एक डॉक्टर के साथ मारपीट भी की है लेकिन अब तक अस्पताल में सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं मिला है. ऐसे में डर के साए में जूनियर डॉक्टर्स काम नहीं कर सकते हैं.

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने कहा कि जब तक सुरक्षा की व्यवस्था नहीं होती है तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा. कार्य बहिष्कार की वजह से अस्पताल में इलाजरत मरीजों की अब परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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बिहार सरकार ने नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को डेटिकेडेड कोविड अस्पताल घोषित किया है. लेकिन अभी वर्तमान समय में इस अस्पताल में सन्नाटा पसरा है. सभी मरीज राम भरोसे हैं. किस मरीज की जीवन की डोर कब टूट जाए यह कहना मुश्किल है. क्योंकि गुरुवार रात से ही सारे जूनियर डॉक्टर्स ने कार्य को स्थगित कर दिया है.

बीते कई दिनों से ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. जिनमें मरीजों के दम तोड़ने के बाद डॉक्टर्स को तीमारदारों के आक्रोश का सामना करना पड़ा है. कई बार तो मृतक के परिजनों ने डॉक्टर्स के साथ मारपीट भी की है. एनएमसीएच के डॉक्टरों ने कार्य स्थगित करते हुए डीएम से अपनी सुरक्षा के गांरटी की मांग की है.

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