पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम भले ही एनडीए का हिस्सा हो. पर गाहे-बगाहे मांझी केन्द्र सरकार पर हमला करने से नहीं चूकते हैं. हम प्रमुख ने एक बार फिर से तस्वीर को लेकर हमला किया है.
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जीतन राम मांझी ने ट्वीट करके लिखा, 'वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर यदि तस्वीर लगाने का इतना ही शौक है तो कोरोना से हो रही मृत्यु के डेथ सर्टिफिकेट पर भी तस्वीर लगाई जाए. यही न्याय संगत होगा.'
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वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर यदि तस्वीर लगाने का इतना ही शौक़ है तो कोरोना से हो रही मृत्यु के डेथ सर्टिफिकेट पर भी तस्वीर लगाई जाए।
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) May 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
यही न्याय संगत होगा।
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— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) May 24, 2021
यही न्याय संगत होगा।वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर यदि तस्वीर लगाने का इतना ही शौक़ है तो कोरोना से हो रही मृत्यु के डेथ सर्टिफिकेट पर भी तस्वीर लगाई जाए।
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) May 24, 2021
यही न्याय संगत होगा।
'राष्ट्रपति और CM की हो तस्वीर'
दरअसल, इससे पहले रविवार जीतन राम मांझी ने कोरोना वैक्सीन लेने के बाद ट्वीट किया था, 'को-वैक्सीन का दूसरा डोज के उपरांत मुझे प्रमाण-पत्र दिया गया जिसमें प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी है. देश में संवैधानिक संस्थाओं के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति हैं. इस नाते उसमें राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए, वैसे तस्वीर ही लगानी है तो राष्ट्रपति के अलावा P.M स्थानीय C.M की भी तस्वीर हो.'
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को-वैक्सीन का दूसरा डोज़ के उपरांत मुझे प्रमाण-पत्र दिया गया जिसमें प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी है।
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) May 23, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
देश में संवैधानिक संस्थाओं के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति हैं इस नाते उसमें राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए,वैसे तस्वीर ही लगानी है तो राष्ट्रपति के अलावा P.M स्थानीय C.M की भी तस्वीर हो।
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— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) May 23, 2021
देश में संवैधानिक संस्थाओं के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति हैं इस नाते उसमें राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए,वैसे तस्वीर ही लगानी है तो राष्ट्रपति के अलावा P.M स्थानीय C.M की भी तस्वीर हो।को-वैक्सीन का दूसरा डोज़ के उपरांत मुझे प्रमाण-पत्र दिया गया जिसमें प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी है।
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देश में संवैधानिक संस्थाओं के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति हैं इस नाते उसमें राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए,वैसे तस्वीर ही लगानी है तो राष्ट्रपति के अलावा P.M स्थानीय C.M की भी तस्वीर हो।
'आदिवासी समाज के लोगों के मन में खौफ'
मांझी के ट्वीट के बाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि हमारी पार्टी का मानना है कि देश के संवैधानिक संस्थाओं के सुप्रीमो महामहिम राष्ट्रपति होते हैं. इस नाते वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर महामहिम राष्ट्रपति की ही तस्वीर होनी चाहिए. सरकारी डाटा कहता है कि इस देश के 1 फीसदी दलित आदिवासी समाज को वैक्सीनेशन नहीं दिया गया है. उनमें खौफ है, ऐसी स्थिति में देश के महामहिम राष्ट्रपति दलित हैं. दलितों में विश्वास जगेगा इसलिए वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर महामहिम राष्ट्रपति की ही तस्वीर होनी चाहिए.
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दानिश रिजवान ने मांग की है कि यदि वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर है. तो उनके साथ राष्ट्रपति और स्थानीय सीएम की भी तस्वीर होनी चाहिए. अगर सर्टिफिकेट पर तस्वीर लगाने का यदि इतना शौक है तो जिनकी मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई है, उनके डेथ सर्टिफिकेट पर भी तस्वीर होनी चाहिए.
'वाहवाही लूटें आप और गाली सुने कोई और'
दानिश रिजवान ने कहा है कि कोरोना टीकाकरण और फोटो लगाकर यदि आप वाहवाही लूटना चाह रहे हैं, चेहरा चमका रहे हैं. तो मैं कहना चाहता हूं की वाहवाही लूटें आप और गाली सुने कोई और. यह अब राजनीति में नहीं चलेगा.
रविवार को मांझी ने लिया था दूसरा डोज
ऐसे में देखने वाली बात होगी कि मांझी के ट्वीट के बाद जदयू और बीजेपी की तरफ से क्या कुछ प्रतिक्रिया आती है. बता दें रविवार को गया के महकार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जीतन राम मांझी ने कोरोना की दूसरी डोज ली.