पटना: हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने एक बार फिर बिहार सरकार के शराबबंदी कानून को फेल बताया है. उन्होंने कहा कि अगर वाकई शराब बंद होती तो कोई बात होती, सच तो ये हैं कि प्रदेश में शराब की होम डिलिवरी जारी है. पूर्व सीएम ने कहा कि अगर चुनाव बाद हमारी सरकार बनी तो इस कानून में जरूर संशोधन करेंगे.
शराब की होम डिलिवरी जारी
ईटीवी भारत के रीजनल एडिटर ब्रज मोहन सिंह के साथ खास बातचीत में उन्होंने जीतनराम मांझी ने कहा कि शराबबंदी कानून लगने के बाद भी बिहार में शराब बंद नहीं हुई है. होम डिलिवरी के जरिए महंगी कीमत पर घर-घर शराब पहुंचाई जा रही है. अमीर लोग तो आसानी से शराब पी रहे हैं, लेकिन गरीब लोग जहरीली शराब पीने को मजबूर हैं. जिस वजह से उनकी मौत हो रही है और बड़ी संख्या में जेल में भी डाले जा रहे हैं.
सरकार की नीति से राजस्व का नुकसान
मांझी ने कहा कि सरकार की खराब नीति के कारण सूबे को राजस्व का नुकसान हो रहा है. एक तरफ महंगी कीमत पर शराब बिक रही है, दूसरी तरफ बालू नीति के कारण भी तस्करी हो रही है. सिर्फ शराबबंदी से ही राजस्व का घाटा नहीं हुआ है, बल्कि अन्य कई खराब नीतियों के कारण राज्य को नुकसान हो रहा है. सरकार सही से काम करे तो सीमित संसाधन में भी बिहार तरक्की कर सकता है. साथ ही उन्होंने केंद्र से विशेष पैकेज की भी मांग दोहरायी.
सरकार बनी तो शराबबंदी कानून में होगा संशोधन
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि अगर विधानसभा चुनाव के बाद उनकी सरकार बनती है या उनके समर्थन से गठबंधन की सरकार बनती है तो शराबबंदी कानून में संशोधन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो अभी राज्य सरकार की जो शराब नीति है, उसमें परिवर्तन करेंगे. 1991 की जो एक्साइज एक्ट है, उस के आधार पर इसे प्रदेश में लागू करेंगे.