नई दिल्ली/पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि सर्वदलीय बैठक के बाद से मुझको तो उम्मीद है कि पीएम मोदी (PM Narendra Modi) देश में जातीय जनगणना (Caste Census) कराएंगे. अगर केंद्र सरकार नहीं कराएगी तो बिहार में नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) इसको कराएं. हम केंद्र के रुख का इंतजार करेंगे. बिहार सहित पूरे देश भर में जातीय जनगणना होनी चाहिए.
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जीतन राम मांझी ने कहा कि जातीय जनगणना से कमजोर वर्ग की जातियों को सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचेगा. उनका तेजी से विकास होगा. मुख्यधारा से जुड़ने में मदद मिलेगी. जातीय जनगणना समय की मांग है. इसमें केंद्र सरकार को देर नहीं करना चाहिए. वास्तव में किसकी कितनी संख्या है इसका पता सबको चलना चाहिए. उन्होंने कहा कि पीएम से जातीय जनगणना के मुद्दे पर कल सर्वदलीय बैठक के दौरान मैंने खुलकर बात की.
पीएम ने मेरी बातों को ध्यानपूर्वक सुना है. इसलिए मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द ठोस कदम उठाएगी. अगर केंद्र जातीय जनगणना कराने को तैयार नहीं होती तो बिहार में नीतीश कुमार के साथ मिलकर हम लोग इसको कराएंगे. केंद्र सरकार ने राज्यों को ओबीसी लिस्ट तैयार करने का अधिकार दिया है लेकिन इसके बावजूद भी जातीय जनगणना जरूरी है.- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
बता दें जातीय जनगणना का मुद्दा देश में जोर शोर से उठ रहा है. सोमवार को बिहार के सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल ने पीएम मोदी से मुलाकात कर जातीय जनगणना कराने की मांग की है. प्रतिनिधि मंडल में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा, वीआईपी प्रमुख एवं मंत्री मुकेश सहनी सहित वाम दलों के नेता भी मौजूद थे. कुल 10 दलों के 11 नेता थे.
वहीं बीजेपी जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं है. बीजेपी का कहना है कि केंद्र सरकार हर वर्ग के लोगों का विशेष ख्याल रख रही है. सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी की तरफ से मंत्री जनक राम थे. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना की मांग की आड़ में वोट बैंक की सियासत हो रही है. जिन लोगों ने हमेशा पिछड़ों, गरीबों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया, वही जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं. जो लोग इसकी मांग कर रहे हैं, उनकी बिहार से लेकर केंद्र तक में सरकार रह चुकी है. तब उन्होंने जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई. जातीय जनगणना पर बीजेपी और जेडीयू के बीच तकरार दिख रही है.
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