पटना: एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Presidential candidate Draupadi Murmu) पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर से दिए गए बयान के बाद बिहार में राजनीतिक तापमान चढ़ गया है. बीजेपी जदयू के बाद हम ने भी राजद पर बिना नाम लिये हमला बोला है. पूर्व मुख्यमंत्री सह हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने राबड़ी देवी का नाम लिये बिना कहा कि लगभग 7 साल तक बिहार को रबड़ स्टाम्प मुख्यमंत्री देने वाले राजद नेताओं को SC/ST समाज के लोग हमेशा रबड़ स्टाम्प ही लगतें हैं. मुर्मू जी पर कमेंट करने से पहले राजद नेता अपनी शैक्षणिक योग्यता ही देख लेतें तो शायद ऐसा ना कहतें.
पढ़ें: 'राष्ट्रपति भवन में मूर्ति नहीं चाहिए.. कभी NDA उम्मीदवार की आवाज भी सुनी क्या?', तेजस्वी का तंज
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लगभग 7 साल तक बिहार को रबड़ स्टाम्प मुख्यमंत्री देने वाले राजद नेताओं को SC/ST समाज के लोग हमेशा रबड़ स्टाम्प ही लगतें हैं।
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मुझे भी कुछ लोग यही समझतें थें पर परिणाम सबने देखा है।
मुर्मू जी पर कमेंट करने से पहले राजद नेता अपनी शैक्षणिक योग्यता ही देख लेतें तो शायद ऐसा ना कहतें।
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— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) July 17, 2022
मुझे भी कुछ लोग यही समझतें थें पर परिणाम सबने देखा है।
मुर्मू जी पर कमेंट करने से पहले राजद नेता अपनी शैक्षणिक योग्यता ही देख लेतें तो शायद ऐसा ना कहतें।लगभग 7 साल तक बिहार को रबड़ स्टाम्प मुख्यमंत्री देने वाले राजद नेताओं को SC/ST समाज के लोग हमेशा रबड़ स्टाम्प ही लगतें हैं।
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मुझे भी कुछ लोग यही समझतें थें पर परिणाम सबने देखा है।
मुर्मू जी पर कमेंट करने से पहले राजद नेता अपनी शैक्षणिक योग्यता ही देख लेतें तो शायद ऐसा ना कहतें।
"लगभग 7 साल तक बिहार को रबड़ स्टाम्प मुख्यमंत्री देने वाले राजद नेताओं को SC/ST समाज के लोग हमेशा रबड़ स्टाम्प ही लगतें हैं. मुझे भी कुछ लोग यही समझतें थें पर परिणाम सबने देखा है. मुर्मू जी पर कमेंट करने से पहले राजद नेता अपनी शैक्षणिक योग्यता ही देख लेतें तो शायद ऐसा ना कहतें."-जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री सह हम प्रमुख
"एक आदिवासी महिला जो सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार जीत चुकी हो वह @yadavtejashwi जी को मूर्ति नजर आती है और अपने घर की महिला जिसे शपथ ग्रहण कराने के लिए किसी और को शब्द पढ़ना पड़े तो वह विद्वान!! अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्वान राष्ट्रपति भी बन जाए तो भी उनका अपमान."- संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी
"जिनके घर खुद शीशे के होते हैं. वह दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते हैं. तेजस्वी यादव और राष्ट्रीय जनता दल खुद अपने गिरेवान में इनको झांकना चाहिए. जिस प्रकार से एनडीए ने देश के राष्ट्रीय पद के लिए द्रौपदी मूर्मु जी का चयन किया है और द्रौपदी मूर्मु नीचे से लेकर राज्यपाल के पद तक का उन्होंने सफर तय किया है. अब देश के राष्ट्रपति बनने जा रही हैं और समाज के सबसे अंतिम पायदान से आने वाली महिला के रूप में वो हैं. डॉक्टर राम मनोहर लोहिया जो महिलाओं के विकास के लिए हमेशा चिंतित रहते थे और संपूर्ण महिला को पिछड़ा वर्ग की महिला मानते थे. आज डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के सपनों को पूरा करने जा रहा है एनडीए परिवार, लेकिन इनको राम मनोहर लोहिया के सपनों पर नहीं चलना आता."- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता
कांग्रेस ने किया तेजस्वी का बचाव: हालांकि, इस बयान के बाद कांग्रेस ने तेजस्वी का बचाव किया है. प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी पर ही सवाल उठा दिया. उन्होंने कहा कि यशवंत सिन्हा जी यूपीएस के टॉपर रहे हैं. वह आईएएस अधिकारी रहे, बड़े-बड़े पदों पर रहे. अटल जी के सरकार में मंत्री रहे. कोई यह बता दे कि उनमें आखिर ऐसी क्या कमी थी कि उनके खिलाफ द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया. उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू बाद में उम्मीदवार बनीं हैं. यशवंत सिन्हा के नाम का एलान पहले किया गया है. क्या यशवंत सिन्हा अयोग्य आदमी थे कि उनके खिलाफ द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया?
क्या कहा था तेजस्वी यादव ने?: दरअसल, शिवहर में सुबोध राय के परिजनों से मुलाकात के लिए पहुंचे तेजस्वी यादव से जब पत्रकारों ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन में हमें राष्ट्रपति बैठाना है, न की कोई मूर्ति. आरजेडी नेता ने कहा कि आपने यशवंत सिन्हा को हमेशा सुना होगा लेकिन सत्ता पक्ष की राष्ट्रपति की उम्मीदवार को हमने कभी नहीं सुना है. वह जब से उम्मीदवार बनी हैं, एक भी प्रेस वार्ता नहीं की है.
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