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कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह मामले में JDU ने कहा.. कानून अपना काम करेगी - बिहार के नये कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह

बिहार के नये कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. विपक्ष मामले में हमलावर है. वहीं महागठबंधन में शामिल नेता और मंत्री मामले में रक्षात्मक नजर आ रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Aug 17, 2022, 4:03 PM IST

पटनाः बिहार में सीएम नीतीश कुमार के नये कैबिनेट पर विवादों का दौड़ थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं बिहार में एनडीए छोड़कर महागठबंधन की सरकार (Mahagathbandhan Government In Bihar) की घोषणा के साथ ही राज्य में भाजपा नीतीश कुमार पर सीधे-सीधे हमवलावर दिख रही है. बिहार सरकार के नये कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह (New Bihar Law Minister Kartikeya Singh ) पर अपहरण सहित कई मामला दर्ज हैं और एक मामले में वारंट जारी होने के कारण जारी विवादों में विपक्ष हमलावर है. वहीं इस मामले में जदयू कोटे से अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा (Minority Welfare Minister Jama Khan) कि कुर्सी खिसक जाने के बाद से बीजेपी परेशान है. वहीं जदयू प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार जीरो टॉलरेंस के पक्षधर हैं. कानून अपना काम करेगा.

पढ़ें: बिहार के कानून मंत्री पर अपहरण का केस, जिस दिन सरेंडर करना था उसी दिन ली शपथ


"विपक्ष तो बहुत कुछ कहेगा ना. हड़बड़या हुआ है, उसको तो चेयर चाहिए. विपक्ष ने जो किया है, वो आप भी जानते हैं. देश में वे क्या कर रहे हैं, वह भी आप भी जानते हैं. ऐसे लोगों से सावधान रहना है. ये लोग प्रदेश को बर्बाद करना चाहते थे. राज्य में मजबूत गठबंधन हुआ है तो इन लोगों को अंदर से जलन हो रहा है. कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को क्यों इस्तीफा देना चाहिए. किसी के कहने से कुछ नहीं होगा. जांच होगी. विपक्ष ऐसे ही कहता रहता है." -जमा खान, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री

"कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के विषय में मुझे विशेष जानकारी नहीं है, लेकिन कानून अपना काम करेगा. सीएम नीतीश कुमार जीरो टॉलरेंस के लिए जाने जाते हैं. बिहार के नये कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह का मामला तो इन्वेस्टिगेशन का विषय है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है."-परिमल कुमार, जदयू प्रवक्ता

मंत्री के खिलाफ है कोर्ट का वारंटः बता दें कि राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. मामले में मंत्री ने कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. कल यानी 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो उसी दिन मंत्री पद की शपथ ले रहे थे.

अनंत सिंह के हैं चुनावी रणनीतिकारः आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार को बाहुबली अनंत सिंह के समर्थक 'कार्तिक मास्टर' के नाम से जानते हैं. वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह में दोस्ती काफी आगे बढ़ी थी. अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया. जानकारी है कि अनंत सिंह के लिए सभी राजनीतिक दांव-पेंच पर्दे के पीछे से कार्तिकेय की मदद से ही अनंत सिंह संभालते हैं. इसलिए अनंत सिंह की पहली पसंद वे हैं. सबसे बड़े विश्वासी हैं. अनंत सिंह कार्तिकेय कुमार को खुद 'मास्टर साहब' कहकर पुकारते हैं. राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिकेय स्कूल में शिक्षक थे. वे मोकामा के रहनेवाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है. कार्तिक मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया बनीं.

एमएलसी चुनाव में दी थी जेडीयू उम्मीदवार को मातः आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार ने जदयू के उम्मीदवार वाल्मीकि सिंह को पटना में 2022 के एमएलसी चुनाव में मात दी और विधान परिषद का चुनाव जीता. कार्तिकेय सिंह आरजेडी के विधान पार्षद हैं. जिस समय जदयू में वाल्मीकि सिंह को विधान परिषद का टिकट देने की बात चल रही थी तभी अनंत सिंह ने तेजस्वी यादव से कहा था कि कार्तिक सिंह की जीत की गारंटी वे लेते हैं. लालू प्रसाद ने बतौर एमएलसी उम्मीदवार कार्तिक कुमार के नाम की घोषणा खुद से की थी. कहा जाता है कि जेल में रहकर भी अनंत ने कार्तिक को जितवा दिया. मोकामा के रहने वाले कार्तिकेय सिंह शिक्षक भी रह चुके हैं. बताया जाता है कि अनंत सिंह के जेल में रहने पर कार्तिकेय मास्टर ही मोकामा से लेकर पटना तक उनके सारे काम को देखते हैं.

पढ़े-बिहार के कानून मंत्री पर अपहरण का केस, जिस दिन सरेंडर करना था उसी दिन ली शपथ


पटनाः बिहार में सीएम नीतीश कुमार के नये कैबिनेट पर विवादों का दौड़ थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं बिहार में एनडीए छोड़कर महागठबंधन की सरकार (Mahagathbandhan Government In Bihar) की घोषणा के साथ ही राज्य में भाजपा नीतीश कुमार पर सीधे-सीधे हमवलावर दिख रही है. बिहार सरकार के नये कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह (New Bihar Law Minister Kartikeya Singh ) पर अपहरण सहित कई मामला दर्ज हैं और एक मामले में वारंट जारी होने के कारण जारी विवादों में विपक्ष हमलावर है. वहीं इस मामले में जदयू कोटे से अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा (Minority Welfare Minister Jama Khan) कि कुर्सी खिसक जाने के बाद से बीजेपी परेशान है. वहीं जदयू प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार जीरो टॉलरेंस के पक्षधर हैं. कानून अपना काम करेगा.

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"विपक्ष तो बहुत कुछ कहेगा ना. हड़बड़या हुआ है, उसको तो चेयर चाहिए. विपक्ष ने जो किया है, वो आप भी जानते हैं. देश में वे क्या कर रहे हैं, वह भी आप भी जानते हैं. ऐसे लोगों से सावधान रहना है. ये लोग प्रदेश को बर्बाद करना चाहते थे. राज्य में मजबूत गठबंधन हुआ है तो इन लोगों को अंदर से जलन हो रहा है. कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को क्यों इस्तीफा देना चाहिए. किसी के कहने से कुछ नहीं होगा. जांच होगी. विपक्ष ऐसे ही कहता रहता है." -जमा खान, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री

"कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के विषय में मुझे विशेष जानकारी नहीं है, लेकिन कानून अपना काम करेगा. सीएम नीतीश कुमार जीरो टॉलरेंस के लिए जाने जाते हैं. बिहार के नये कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह का मामला तो इन्वेस्टिगेशन का विषय है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है."-परिमल कुमार, जदयू प्रवक्ता

मंत्री के खिलाफ है कोर्ट का वारंटः बता दें कि राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. मामले में मंत्री ने कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. कल यानी 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो उसी दिन मंत्री पद की शपथ ले रहे थे.

अनंत सिंह के हैं चुनावी रणनीतिकारः आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार को बाहुबली अनंत सिंह के समर्थक 'कार्तिक मास्टर' के नाम से जानते हैं. वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह में दोस्ती काफी आगे बढ़ी थी. अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया. जानकारी है कि अनंत सिंह के लिए सभी राजनीतिक दांव-पेंच पर्दे के पीछे से कार्तिकेय की मदद से ही अनंत सिंह संभालते हैं. इसलिए अनंत सिंह की पहली पसंद वे हैं. सबसे बड़े विश्वासी हैं. अनंत सिंह कार्तिकेय कुमार को खुद 'मास्टर साहब' कहकर पुकारते हैं. राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिकेय स्कूल में शिक्षक थे. वे मोकामा के रहनेवाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है. कार्तिक मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया बनीं.

एमएलसी चुनाव में दी थी जेडीयू उम्मीदवार को मातः आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार ने जदयू के उम्मीदवार वाल्मीकि सिंह को पटना में 2022 के एमएलसी चुनाव में मात दी और विधान परिषद का चुनाव जीता. कार्तिकेय सिंह आरजेडी के विधान पार्षद हैं. जिस समय जदयू में वाल्मीकि सिंह को विधान परिषद का टिकट देने की बात चल रही थी तभी अनंत सिंह ने तेजस्वी यादव से कहा था कि कार्तिक सिंह की जीत की गारंटी वे लेते हैं. लालू प्रसाद ने बतौर एमएलसी उम्मीदवार कार्तिक कुमार के नाम की घोषणा खुद से की थी. कहा जाता है कि जेल में रहकर भी अनंत ने कार्तिक को जितवा दिया. मोकामा के रहने वाले कार्तिकेय सिंह शिक्षक भी रह चुके हैं. बताया जाता है कि अनंत सिंह के जेल में रहने पर कार्तिकेय मास्टर ही मोकामा से लेकर पटना तक उनके सारे काम को देखते हैं.

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