पटना: बिहार बजट 2022 वित्तीय वर्ष के लिए 2,37,691 करोड़ का बजट पेश किया गया. शिक्षा पर 16.5%, ग्रामीण विकास विभाग पर 12.15% और कृषि के लिए 12.2% बजट का प्रावधान किया गया है. बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार है और बीजेपी की हिस्सेदारी विधानसभा और मंत्रिमंडल में जदयू से ज्यादा है. संख्या बल का असर बजट के आकार पर नहीं दिखा और जदयू कोटे के मंत्रियों के पास बजट का ज्यादातर हिस्सा है, जबकि भाजपा कोटे के मंत्रियों के पास अपेक्षाकृत कम बजट का हिस्सा आवंटित हुआ.
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जदयू कोटे में बजट के आकार का 47.5% हिस्सा गया. कुल मिलाकर जदयू कोटे के मंत्रियों के हिस्से एक लाख 12621 करोड़ गया. कैबिनेट में जदयू कोटे के 12 मंत्री हैं.
भाजपा की अगर बात कर ले तो भाजपा कोटे के मंत्रियों के हिस्से 61,724 करोड़ गया. कुल मिलाकर भाजपा के हिस्से बजट का 25.96% गया. जबकि हम पार्टी के पास 2753 करोड़ और वीआईपी पार्टी के हिस्से 1589 करोड़ रहा. हम पार्टी वीआईपी पर भारी पड़ी. हम पार्टी के हिस्से 1.15% बजट का हिस्सा गया, तो वीआईपी पार्टी के पास 0.66% गया.
आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो जदयू के 47.38% बजट का हिस्सा गया तो भाजपा के हिस्से 25.96% गया. जदयू के खाते में भाजपा के मुकाबले 50,897 करोड़ अधिक का बजट गया. प्रतिशत में अगर बात करें तो 21.42% अधिक बजट जदयू के पास रहा है. बता दें कि बिहार कैबिनेट में कुल 31 मंत्री है, जिसमें भाजपा कोटे के मंत्रियों की संख्या 16, जदयू कोटे के मंत्रियों की संख्या 12 और एक-एक वीआईपी और हम पार्टी के मंत्री हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने अपने बेटे संतोष सुमन के विभाग को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीतनराम मांझी की नाराजगी को भी कम करने की कोशिश की और संतोष सुमन के पास मौजूद 2 विभाग के बजट के आकार में बढ़ोतरी की. नीतीश कुमार ने मुकेश सहनी की अपेक्षा जीतनराम मांझी को अधिक तवज्जो दी.
इस बार बीजेपी के कोटे के मंत्रियों के हिस्से में बढ़ोतरी की गई है. वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद के वित्त विभाग का बजट 1100.80 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2421.24 करोड़ कर दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के विभाग का बजट 13,264.87 करोड़ से बढ़ाकर 16134.39 करोड़ किया गया है. शाहनवाज हुसैन के विभाग उद्योग विभाग का बजट 1285.87 करोड़ से बढ़ाकर 1643.74 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
बजट में सरकार के प्रमुख विभागों को आवंटित धनराशि-
- शिक्षा विभाग: 39191.39 करोड़ रुपए.
- ग्रामीण विकास विभाग: 15456.47 करोड़ रुपए.
- समाज कल्याण विभाग: 8201.13 करोड़ रुपए.
- ग्रामीण कार्य विभाग: 10611.96 करोड़ रुपए.
- स्वास्थ्य विभाग: 16,134.39 करोड़ रुपए.
- पथ निर्माण विभाग: 5819.03 करोड़ रुपए.
- नगर विकास एवं आवास विभाग: 8175.94करोड़ रुपए.
- जल संसाधन विभाग: 4310.57 करोड़ रुपए.
- कृषि विभाग: 3584.31 करोड़ रुपए.
- लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग: 2380.38 करोड़ रुपए.
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