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सूखा की स्थिति पर बोले जल संसाधन मंत्री संजय झा- 'खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए प्रयास जारी'

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Published : Jul 22, 2022, 4:25 PM IST

अमूमन जुलाई के महीने में बिहार में बाढ़ (Flood In Bihar) की स्थिति रहती है. वहीं बीते साल के मुकाबले इस साल 50 फीसदी ही बारिश हुई है. बारिश कम होने के कारण महज 22 फीसदी इलाके में धान की रोपनी हो पाई है. इस कारण राज्य के कई जिलों में सुखाड़ की स्थिति बन गई है. जल संसाधन मंत्री संजय झा (Water Resources Minister Sanjay Jha) ने इस मसले पर सरकार की तैयारियों के बारे में जानकारी दी. पढ़ें पूरी खबर..

जल संसाधन मंत्री संजय झा
जल संसाधन मंत्री संजय झा

पटनाः बिहार में इस साल सूखे की स्थिति बन रही है. पिछले 2 दिनों से कई जिलों में बारिश जरूर हुई है लेकिन इसके बावजूद किसानों की मुश्किलें कम नहीं हुई है. जदयू के जनसुनवाई कार्यक्रम में पार्टी कार्यालय पहुंचे जल संसाधन मंत्री संजय झा (Sanjay Jha Statement On Drought In Bihar) का कहना है कि हम लोग हर साल इस समय बाढ़ से परेशान रहते थे लेकिन इस बार सूखे के कारण परेशानी बढ़ी हुई है. बीते साल के मुकाबले इस साल 1 जून से 21 जुलाई तक 50 फीसदी कम बारिश हुई है. मुख्यमंत्री ने भी समीक्षा बैठक की है और जल संसाधन विभाग लगातार इसका रिव्यु (Preparation for Drought) कर रहा है. यूपी सरकार से रिहंद जलाशय में पानी को लेकर बातचीत भी हुई है और हम लोग अधिक से अधिक पानी ले भी रहे हैं.



पढ़ें-इंद्रदेव की बेरुखी से बिहार में त्राहिमाम, 22% रोपनी सरकार के लिए भी चिंता का सबब

"सुखाड़ को लेकर मुख्यमंत्री ने 2 घंटे तक लगातार समीक्षा बैठक भी की है. हम लोगों ने भी कोशिश की है जहां तक संभव है, वहां पानी पहुंचाया जाय. इसके साथ मुख्यमंत्री की ओर से हर खेत को 2025 तक हर हाल में सिंचाई पहुंचाने का जो लक्ष्य है, उसे पूरा करने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए 5 विभाग लगे हुए हैं. सर्वे का काम पूरा हो चुका है. कुछ प्रोजेक्ट में एक-दो साल विलंब हो रहा था लेकिन मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि जो हम लोगों का लक्ष्य उसी में पूरा होना चाहिए."- संजय झा, जल संसाधन मंत्री


बीते साल के मुकाबले 50 फीसदी कम बारिशः बिहार में इस साल 22 फीसदी के आसपास अब तक रोपनी हुई है. पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी से भी कम बारिश रिकार्ड की गई है. इस कारण से किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि हम लोग हर साल बाढ़ से परेशान रहते थे लेकिन इस बार सूखे की स्थिति बनी हुई है. संजय झा ने कहा कि पिछले साल 1 जून से 21 जुलाई तक 400 मिलीमीटर बारिश हुई थी लेकिन इस साल केवल 215 मिलीमीटर बारिश हुई है.

वाणसागर और रिहंद जलाशय से लिया जा रहा पानीः संजय झा ने कहा कि कम बारिश के कारण राज्य में सुखाड़ की स्थिति पर मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक कर चुके हैं. हम लोगों ने भी विभागीय स्तर पर बैठक की है. हम लोग रिहंद और वाणसागर सागर से अधिक से अधिक पानी लेने की कोशिश कर रहे हैं. वाणसागर से 12000 क्यूसेक पानी ले रहे हैं. वहीं रिहंद जलाशय में पानी के लिए यूपी सरकार से मैंने बात भी किया था. रिहंद जलाशय से पानी लेने के लिए पहले से समझौता है. रिहंद में 2624 क्यूसेक पानी पिछले 5 दिनों से आ रहा है. इसके अलावा हम लोग गंडक और अन्य नदियों कि नहर में अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने की कोशिश भी कर रहे हैं.


सीमांचल छोड़ अधिकांश जगहों पर कम बारिशः बिहार में इस साल सीमांचल के इलाकों को छोड़ दें तो अधिकांश जगह बारिश कम हुई है. नहरों में भी पर्याप्त पानी नहीं है और इसके कारण किसानों की मुश्किलें बढ़ी हुई है. सरकार की तरफ से डीजल अनुदान की घोषणा की गई है और वैकल्पिक फसल को लेकर भी तैयारी हो रही है. संजय झा का साफ कहना है कि नहरों से अधिक से अधिक पानी किसानों को मिले सरकार इस दिशा में कोशिश कर रही है.

पढ़ेंः VIDEO: मेंढक बना दूल्हा, मेंढकी दुल्हनिया.. बारिश के लिए दोनों की हुई अनोखी शादी

पटनाः बिहार में इस साल सूखे की स्थिति बन रही है. पिछले 2 दिनों से कई जिलों में बारिश जरूर हुई है लेकिन इसके बावजूद किसानों की मुश्किलें कम नहीं हुई है. जदयू के जनसुनवाई कार्यक्रम में पार्टी कार्यालय पहुंचे जल संसाधन मंत्री संजय झा (Sanjay Jha Statement On Drought In Bihar) का कहना है कि हम लोग हर साल इस समय बाढ़ से परेशान रहते थे लेकिन इस बार सूखे के कारण परेशानी बढ़ी हुई है. बीते साल के मुकाबले इस साल 1 जून से 21 जुलाई तक 50 फीसदी कम बारिश हुई है. मुख्यमंत्री ने भी समीक्षा बैठक की है और जल संसाधन विभाग लगातार इसका रिव्यु (Preparation for Drought) कर रहा है. यूपी सरकार से रिहंद जलाशय में पानी को लेकर बातचीत भी हुई है और हम लोग अधिक से अधिक पानी ले भी रहे हैं.



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"सुखाड़ को लेकर मुख्यमंत्री ने 2 घंटे तक लगातार समीक्षा बैठक भी की है. हम लोगों ने भी कोशिश की है जहां तक संभव है, वहां पानी पहुंचाया जाय. इसके साथ मुख्यमंत्री की ओर से हर खेत को 2025 तक हर हाल में सिंचाई पहुंचाने का जो लक्ष्य है, उसे पूरा करने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए 5 विभाग लगे हुए हैं. सर्वे का काम पूरा हो चुका है. कुछ प्रोजेक्ट में एक-दो साल विलंब हो रहा था लेकिन मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि जो हम लोगों का लक्ष्य उसी में पूरा होना चाहिए."- संजय झा, जल संसाधन मंत्री


बीते साल के मुकाबले 50 फीसदी कम बारिशः बिहार में इस साल 22 फीसदी के आसपास अब तक रोपनी हुई है. पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी से भी कम बारिश रिकार्ड की गई है. इस कारण से किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि हम लोग हर साल बाढ़ से परेशान रहते थे लेकिन इस बार सूखे की स्थिति बनी हुई है. संजय झा ने कहा कि पिछले साल 1 जून से 21 जुलाई तक 400 मिलीमीटर बारिश हुई थी लेकिन इस साल केवल 215 मिलीमीटर बारिश हुई है.

वाणसागर और रिहंद जलाशय से लिया जा रहा पानीः संजय झा ने कहा कि कम बारिश के कारण राज्य में सुखाड़ की स्थिति पर मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक कर चुके हैं. हम लोगों ने भी विभागीय स्तर पर बैठक की है. हम लोग रिहंद और वाणसागर सागर से अधिक से अधिक पानी लेने की कोशिश कर रहे हैं. वाणसागर से 12000 क्यूसेक पानी ले रहे हैं. वहीं रिहंद जलाशय में पानी के लिए यूपी सरकार से मैंने बात भी किया था. रिहंद जलाशय से पानी लेने के लिए पहले से समझौता है. रिहंद में 2624 क्यूसेक पानी पिछले 5 दिनों से आ रहा है. इसके अलावा हम लोग गंडक और अन्य नदियों कि नहर में अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने की कोशिश भी कर रहे हैं.


सीमांचल छोड़ अधिकांश जगहों पर कम बारिशः बिहार में इस साल सीमांचल के इलाकों को छोड़ दें तो अधिकांश जगह बारिश कम हुई है. नहरों में भी पर्याप्त पानी नहीं है और इसके कारण किसानों की मुश्किलें बढ़ी हुई है. सरकार की तरफ से डीजल अनुदान की घोषणा की गई है और वैकल्पिक फसल को लेकर भी तैयारी हो रही है. संजय झा का साफ कहना है कि नहरों से अधिक से अधिक पानी किसानों को मिले सरकार इस दिशा में कोशिश कर रही है.

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