पटना: बिहार समेत देश भर में धूमधाम से लोक आस्था का महापर्व छठ (Chhath Puja) मनाया जा रहा है. बड़ी संख्या में बिहार के जो लोग दूसरे राज्यों में रहते हैं, वो वहां भी छठ त्योहार मनाते हैं. हालांकि इस बार दिल्ली में छठ पर्व को लेकर केजरीवाल सरकार के रुख से लोगों में काफी नाराजगी है. वहीं, जेडीयू ने भी इसको लेकर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है.
ये भी पढ़ें: दिल्ली में छठ को लेकर सियासी घमासान, बिहार BJP ने केजरीवाल सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप
बिहार जेडीयू के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा है कि छठ पर्व बिहार वासियों के आस्था से जुड़ा हुआ है. लोगों को साल भर इस पर्व का इंतजार रहता है. केजरीवाल सरकार ने जो फैसला छठ त्यौहार को लिया है, वह अनुचित है. मेरी पार्टी फैसले का तीखी भर्त्सना करती है. केजरीवाल सरकार को यमुना नदी के किनारे भी छठ करने की इजाजत देनी चाहिए. छठ त्योहार करने वाले लोग कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं.
"छठ पर्व बिहार वासियों के आस्था से जुड़ा हुआ है. लोगों को साल भर इस पर्व का इंतजार रहता है. केजरीवाल सरकार ने जो फैसला छठ त्यौहार को लिया है, वह अनुचित है. मेरी पार्टी फैसले का तीखी भर्त्सना करती है"- अरविंद निषाद, प्रवक्ता, जेडीयू
ये भी पढ़ें: ETV भारत पर सुनिए.. 'कांच ही बांस के बहंगिया' के साथ ही छठी मईया के कई और भक्तिमय गीत
बिहार बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने भी दिल्ली सरकार पर बिहार वासियों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि अरविंद केजरीवाल बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों के साथ भेदभाव करते हैं. कई बार उनकी टिप्पणी भी बिहारी और उत्तर प्रदेश के लोगों को लेकर आ चुकी है. छठ जैसे महान पर्व को लेकर भी राजनीति हो रही है. हम लोग इसे किसी भी तरीके से बर्दाश्त नहीं करेंगे.
दरअसल, बीते दिनों दिल्ली में छठ पूजा के आयोजन की अनुमति और गाइडलाइंस को लेकर डीडीएमए ने औपचारिक आदेश किया था. इसके मुताबिक, यमुना नदी के किनारे पर छठ पूजा के लिए कोई साइट नहीं बनाई जाएगी. रेवन्यू डिपार्टमेंट को छठ पूजा आयोजन के लिए साइट चिन्हित करने और उसे तैयार करने की ज़िम्मेदारी दी गई है. साथ ही डीडीएमए के आदेश में कोरोना नियमों का सख्ती से पालन किए जाने का निर्देश दिया गया है. गाइडलाइंस के मुताबिक, श्रद्धालुओं के किसी भी तरह की पूजा की सामग्री या अनाज यमुना नदी में प्रवाहित करने की सख्त मनाही है. सभी जिलों के डीसीपी को सुनिश्चित करने को कहा गया है कि पूजा से जुड़ी को सामग्री या अन्य सामान्य यमुना में प्रवाहित न किया जाए. साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाए कि ऐसी कोई भी सामग्री यमुना की मुख्य धारा में जाकर न मिले.