पटना: राजधानी पटना में अग्नीपथ योजना के विरोध में जाप सुप्रीमो पप्पू यादव (JAP Supremo Pappu Yadav) धरने पर बैठ गए. इस योजना को वापस लेने की मांग को लेकर युवा हल्ला बोल संगठन के बैनर तले जुटे युवा कार्यकर्ताओं के साथ पप्पू यादव ने गांधी मैदान में प्रदर्शन किया. उन्होंने युवाओं के साथ गांधी मूर्ति के नीचे इस योजना को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. पप्पू यादव और सामाजिक कार्यकर्ता अनुराग ने कहा कि केंद्र सरकार के इस योजना के जरिए युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
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धरने पर बैठे पप्पू यादव : पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे युवा हल्ला बोल के बैनर और युवाओं के साथ इस योजना के विरोध में प्रदर्शन करने पहुंचे जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि केंद्र सरकार हर योजना को लागू कर देश के 140 करोड़ जनता को ठग ने का काम कर रही है.
'अडानी, अंबानी, पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जुगलबंदी देश की 140 करोड़ जनता को लगातार मूर्ख बनाने का काम कर रही है. केंद्र सरकार देश की जनता के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के साथ-साथ जनता को मारने की तैयारी कर रही है. जन अधिकार पार्टी जनता को किसी भी परिस्थिति में मरने नहीं देगी.' - पप्पू यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जाप
युवा हल्ला बोल संगठन का धरना : वहीं दिल्ली में अग्निपथ योजना के विरोध में दिल्ली से चलकर पटना पहुंचे सोशल एक्टिविस्ट अनुराग बताते हैं कि जब भी संविधान पर हमला हुआ है तो देश के युवाओं ने बढ़ चढ़कर संविधान को बचाने के लिए आंदोलन किया है. और इसी कड़ी में वर्तमान केंद्र सरकार लगातार संविधान के साथ और युवाओं के भविष्य के साथ छेड़छाड़ कर रही है. इसे बचाने का काम आज देश का युवा करेगा.
'हालात यह है कि देश के अन्य वर्गों को केंद्र सरकार डरा रही है और अब युवा ही संविधान को बचाने की जिम्मेदारी लेकर आगे बढ़ रहे हैं. इसी कड़ी में इस योजना के विरोध में जुटे सैकड़ों युवाओं ने इस योजना के खिलाफ पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में जमकर नारेबाजी करते हुए इसे जल्द से जल्द वापस लेने की मांग केंद्र सरकार से की है.' - अनुराग, सोशल एक्टिविस्ट
क्या है अग्निपथ योजना: भारत सरकार द्वारा जिस अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई है. उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा. दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा. लेकिन इस योजना को लेकर बिहार में चारों तरफ हंगामा बरपा है. वहीं, गुरुवार को केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के विरोध के बीच अभ्यर्थियों की आयु सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी है. ये स्पष्ट किया गया है कि ये छूट सिर्फ इस साल सेना में भर्ती के लिए किया गया है. बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती के लिए सरकार ने साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल की आयु निर्धारित की थी.
'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज हैं छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.
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