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गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, जानिये क्या है मामला

पटना हाईकोर्ट का जस्टिस बनकर डीजीपी को फोन कर IPS के लिए फेवर मांगने वाले जालसाज काे EOU ने गिरफ्तार किया है. उसकी गिरफ्तारी के बाद IPS अफसर पर भी तलवार लटकी (IPS Aditya Kumar will be arrested ) हुई है. जानिये क्या है पूरा मामला.

आदित्य कुमार
आदित्य कुमार
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Published : Oct 17, 2022, 5:49 PM IST

पटना: पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश के नाम पर धोखाधाड़ी करने के मामले में गया के तत्कालीन SSP आदित्य कुमार फंसते (IPS Aditya Kumar will be arrested ) नजर आ रहे हैं. ADG पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार के मुताबिक अभिषेक नामक एक शख्स जो पहले भी इस तरह के अपराध में शामिल रहा है वो अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर आदित्य कुमार को उनके विरुद्ध दर्ज एक आपराधिक मामले में लाभ पहुंचाना चाहता था. इसलिए उसने पूरी प्लानिंग की. DGP को व्हाट्सएप कॉल कर गुमराह किया और आदित्य कुमार को लाभ पहुंचाने में कामयाब रहा. इस मामले की जांच EOU अपने स्तर से कर रही चुकी. इस मामले में आदित्य कुमार भी दोषी पाए गए हैं. जल्द ही आदित्य कुमार को भी गिरफ्तार किया जायेगा.

इसे भी पढ़ेंः गया में निवर्तमान SSP आदित्य कुमार और SHO संजय कुमार के खिलाफ FIR दर्ज

शराबबंदी कानून के उल्लंघन का मामला दर्जः पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ गया के फतेहपुर थाना में शराबबंदी कानून का उल्लंघन कराने का मामला दर्ज है. इसी आरोप में उनको गया से हटाया गया था. अब फोन करने के मामले में पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार समेत पांच पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इओयू ने रविवार को इस मामले में अभिषेक कुमार और तीन अन्य काे गिरफ्तार किया है. पूरे मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी बताने से इंकार किया है.


"अभिषेक नामक शख्स अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर आदित्य कुमार को उनके विरुद्ध दर्ज एक आपराधिक मामले में लाभ पहुंचाना चाहता था. इसलिए उसने पूरी प्लानिंग की. व्हाट्सएप कॉल कर गुमराह किया और आदित्य कुमार को लाभ पहुंचाने में कामयाब रहा. इस मामले की जांच EOU अपने स्तर से कर रही चुकी है. इस मामले में आदित्य कुमार भी दोषी पाए गए हैं. जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जायेगा"- जितेंद्र सिंह गंगवार, ADG पुलिस मुख्यालय


आला अफसरों पर काली कमाई का आरोपः बिहार के कई आला पुलिस अफसरान पर काली कमाई का आरोप लगा है. कोई बालू से काली कमाई करने में दोषी पाया गया तो कोई आपराधिक केस में लाभ पहुंचाकर तो कुछ ऐसे भी हैं जो अपने अधीनस्थों को एक जगह से दूसरे जगह स्थानांतरित करने के एवज में उगाही की है. इस फेहरिस्त में एक नया नाम हाल ही में जुड़ा है वो है पूर्णिया के SSP दया शंकर का. SVU यानि की स्पेशल विजलेंस यूनिट ने पूर्णिया पटना समेत इनके आठ ठिकानों पर छापेमारी की थी. इनके ठिकाने से कैश के साथ करोड़ों के इन्वेस्टमेंट से जुड़े दस्तावेज बरामद किये गये थे. SVU की जांच में पता चला कि दया शंकर अपने इस काली कमाई के लिए बजाप्ता एक सिंडिकेट खड़ा कर रखे थे. हालाकि दया शंकर अभी तक अपने पद पर बने हुए हैं. इस मामले में ADG पुलिस मुख्यालय ने बताया कि अभी अनुसंधान जारी है. जांच के आधार पर कार्रवाई की जायेगी.

इसे भी पढ़ेंः बिहार में SP के 8 ठिकानों पर रेड : अब तक 72 लाख कैश बरामद, मंगवाई नोट गिनने की मशीन

भ्रष्ट अधिकारियों पर समय रहते कारवाई होः बिहार के पूर्व DG एसके भरद्वाज का कहना है कि जिस तरह के आरोप दया शंकर या दूसरे किसी IPS अधिकारियों पर लग रहे हैं वो बेहद गंभीर है. गहराई से जांच कर कार्रवाई की जरूरत है. एस के भरद्वाज ने कहा कि सिर्फ IPS अधिकारी ही क्यों, कई IAS भी हैं जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. इस लिस्ट में कई नाम शामिल हैं. सभी पर कार्रवाई होनी चाहिए. इन सब के बीच गब्बू सिंह मामले में भी कुछ IAS और IPS अधिकारियों के द्वारा काली कमाई करने की बात अंदरखाने से आ रही है. इस मामले को भी एस के भारद्वाज बेहद गंभीर मानते हैं. कहते हैं कि ऐसे अधिकारियों पर समय रहते अनुसंधान के बाद कार्रवाई होनी चाहिए.

पटना: पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश के नाम पर धोखाधाड़ी करने के मामले में गया के तत्कालीन SSP आदित्य कुमार फंसते (IPS Aditya Kumar will be arrested ) नजर आ रहे हैं. ADG पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार के मुताबिक अभिषेक नामक एक शख्स जो पहले भी इस तरह के अपराध में शामिल रहा है वो अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर आदित्य कुमार को उनके विरुद्ध दर्ज एक आपराधिक मामले में लाभ पहुंचाना चाहता था. इसलिए उसने पूरी प्लानिंग की. DGP को व्हाट्सएप कॉल कर गुमराह किया और आदित्य कुमार को लाभ पहुंचाने में कामयाब रहा. इस मामले की जांच EOU अपने स्तर से कर रही चुकी. इस मामले में आदित्य कुमार भी दोषी पाए गए हैं. जल्द ही आदित्य कुमार को भी गिरफ्तार किया जायेगा.

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शराबबंदी कानून के उल्लंघन का मामला दर्जः पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ गया के फतेहपुर थाना में शराबबंदी कानून का उल्लंघन कराने का मामला दर्ज है. इसी आरोप में उनको गया से हटाया गया था. अब फोन करने के मामले में पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार समेत पांच पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इओयू ने रविवार को इस मामले में अभिषेक कुमार और तीन अन्य काे गिरफ्तार किया है. पूरे मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी बताने से इंकार किया है.


"अभिषेक नामक शख्स अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर आदित्य कुमार को उनके विरुद्ध दर्ज एक आपराधिक मामले में लाभ पहुंचाना चाहता था. इसलिए उसने पूरी प्लानिंग की. व्हाट्सएप कॉल कर गुमराह किया और आदित्य कुमार को लाभ पहुंचाने में कामयाब रहा. इस मामले की जांच EOU अपने स्तर से कर रही चुकी है. इस मामले में आदित्य कुमार भी दोषी पाए गए हैं. जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जायेगा"- जितेंद्र सिंह गंगवार, ADG पुलिस मुख्यालय


आला अफसरों पर काली कमाई का आरोपः बिहार के कई आला पुलिस अफसरान पर काली कमाई का आरोप लगा है. कोई बालू से काली कमाई करने में दोषी पाया गया तो कोई आपराधिक केस में लाभ पहुंचाकर तो कुछ ऐसे भी हैं जो अपने अधीनस्थों को एक जगह से दूसरे जगह स्थानांतरित करने के एवज में उगाही की है. इस फेहरिस्त में एक नया नाम हाल ही में जुड़ा है वो है पूर्णिया के SSP दया शंकर का. SVU यानि की स्पेशल विजलेंस यूनिट ने पूर्णिया पटना समेत इनके आठ ठिकानों पर छापेमारी की थी. इनके ठिकाने से कैश के साथ करोड़ों के इन्वेस्टमेंट से जुड़े दस्तावेज बरामद किये गये थे. SVU की जांच में पता चला कि दया शंकर अपने इस काली कमाई के लिए बजाप्ता एक सिंडिकेट खड़ा कर रखे थे. हालाकि दया शंकर अभी तक अपने पद पर बने हुए हैं. इस मामले में ADG पुलिस मुख्यालय ने बताया कि अभी अनुसंधान जारी है. जांच के आधार पर कार्रवाई की जायेगी.

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भ्रष्ट अधिकारियों पर समय रहते कारवाई होः बिहार के पूर्व DG एसके भरद्वाज का कहना है कि जिस तरह के आरोप दया शंकर या दूसरे किसी IPS अधिकारियों पर लग रहे हैं वो बेहद गंभीर है. गहराई से जांच कर कार्रवाई की जरूरत है. एस के भरद्वाज ने कहा कि सिर्फ IPS अधिकारी ही क्यों, कई IAS भी हैं जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. इस लिस्ट में कई नाम शामिल हैं. सभी पर कार्रवाई होनी चाहिए. इन सब के बीच गब्बू सिंह मामले में भी कुछ IAS और IPS अधिकारियों के द्वारा काली कमाई करने की बात अंदरखाने से आ रही है. इस मामले को भी एस के भारद्वाज बेहद गंभीर मानते हैं. कहते हैं कि ऐसे अधिकारियों पर समय रहते अनुसंधान के बाद कार्रवाई होनी चाहिए.

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