पटना: कोरोना संक्रमण से पिछले दो साल पूरे विश्व के लोग हलकान हैं. अब सभी जान गए हैं कि शरीर में इस संक्रमण की गंभीरता को कम करनी है तो वैक्सीनेशन सबसे अहम है और जरूरी. काफी लोग ऐसे हैं जो एक डोज लेने के बाद समय होने के बाद भी दूसरा डोज नहीं लिया है. सरकार ऐसे लोगों से अपील कर रही है कि जल्द ऐसे लोग वैक्सीन के दोनों डोज से लाभान्वित होकर सुरक्षा चक्र के घेरे में आएं. एक तरफ जहां सरकार लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज से जल्द लाभान्वित होने की अपील कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ मधेपुरा के 84 वर्षीय एक शख्स ने कोरोना टीका की अब तक 11 डोज (84 Year Old Elderly Got Corona Vaccine 11 Times) ले ली है.
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मधेपुरा के ओराय गांव निवासी 84 वर्षीय ब्रह्मदेव मंडल का दावा (Madhepura Brahmadev Mandal took 11 corona vaccines) है कि उन्होंने अब तक 11 बार कोरोना का टीका लगवाया है. इस शख्स का दावा है कि वैक्सीन से उन्हें काफी फायदा हुआ है और वैक्सीन लगवाने से उनके शरीर का दर्द खत्म हो गया, कमर दर्द से निजात मिल गई है. वैक्सीन लगवाने के बाद कभी सर्दी खांसी नहीं हुआ और शरीर में काफी स्फूर्ति दौड़ गई.
शख्स का दावा है कि यह वैक्सीन उनके लिए एक अमृत की तरह है. इसके बारे में लोग जो कुछ भी गलत भ्रांतियां फैला रहे हैं, वह सरकार को बदनाम करना चाह रहे हैं. ब्रह्मदेव मंडल ने अपने 11 बार के वैक्सीनेशन का पूरा ब्यौरा भी मीडिया में साझा किया है कि किस प्रकार उन्होंने विभिन्न आईडी कार्ड के माध्यम से ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन कराकर वैक्सीनेशन कराए हैं.
दूसरी ओर इस पूरे प्रकरण के सामने आने के बाद पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि एक आधार कार्ड पर दो बार ही वैक्सीनेशन हो सकता है. ऐसे में इस प्रकार कोई दावा कर रहा है तो इस मामले की सत्यता की जांच होनी चाहिए. अगर मामला सत्य पाया जाता है तो जरूरी है कि उस व्यक्ति के एंटीबॉडी की जांच करायी जाये. जिससे यह पता चल सके कि कोरोना को लेकर शरीर में एंटीबॉडी का लेवल क्या है.
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उन्होंने बताया कि वैक्सीन शरीर में सिर्फ कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार करता है और एक तरह से यह इम्यून सिस्टम को हाई करता है. उन्होंने कहा कि ऐसे में वह नहीं समझते कि अगर व्यक्ति ने 11 बार डोज ले लिया है तो शरीर में कोई बहुत बड़ी परेशानी सामने आए. डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि क्योंकि व्यक्ति की उम्र 84 वर्ष है, ऐसे में उनके दावे से ऐसा लग रहा है कि साइकोलॉजिकली उनके दिमाग में यह बैठ गया है कि वैक्सीन लेने से वह बहुत अधिक स्वस्थ हो गए हैं, जबकि ऐसा नहीं है.
व्यक्ति का जिस प्रकार दावा है कि शरीर में गठिया का रोग हो या फिर कमर दर्द या अन्य प्रकार के रोगों से शरीर को निजात मिल गयी है, यह वहम मात्र है. उन्होंने कहा कि ब्रह्मदेव मंडल के दिमाग में साइकोलॉजिकल रूप से बैठ गया है कि वैक्सीन लेने पर ही वह स्वस्थ हो गए हैं अन्यथा इसके अलावा कुछ नहीं है. ऐसी कोई बात नहीं है कि कोरोना का अधिक वैक्सीन लेने से शरीर में यह अमृत का काम करेगा.
डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि वह लोगों से अपील करेंगे कि इस प्रकार की हरकत बिल्कुल नहीं करें. डब्ल्यूएचओ का निर्देश है कि सिर्फ दो बार वैक्सीनेशन, तो वही करें. जो प्रिकॉशनरी डोज की श्रेणी में आते हैं, वही डोज लगवाएं. अधिक वैक्सीन लेकर दूसरे की हकमारी नहीं करें.
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