पटना: देश की अर्थव्यवस्था को विकसित देशों में शामिल करने के लिए मोदी सरकार ने बड़ी पहल की है. देश के सभी बैंकों से सुधार के एजेंडे मांगे गए हैं. वहीं, सारणी क्षेत्र के बैंकों में सुधार किए जाने को लेकर पीछले 2 दिनों से विचार-मंथन चल रहा है. वहीं, बैठक में शाखाओं के व्यापार, विकास के अवसरों, विकास की संभावनाओं ग्राहक की आवश्यकताओं और डिजिटलाइजेशन में सुधार पर चर्चा की गई.
सरकार की अच्छी पहल
इंडियन बैंक में की गई परामर्श बैठक में बैंकिंग प्रक्रियाओं को सरल बनाने और योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने के लिए नए विचार दिए गए. वहीं, बैठक के दौरान बैंक के महाप्रबंधक ने कहा कि केंद्र सरकार ने अच्छी पहल की है. उन्होंने कहा कि ग्रास रूट लेवल से जो विचार ऊपर पहुंचेंगे. उनसे बैंकिंग सेक्टर को बड़ा फायदा होगा. वहीं, बैंक के जोनल प्रमुख गिरिजा शंकर मिश्रा का मानना है कि भारत सरकार ने 5 ट्रिलियन डालर्स (350 लाख करोड़ रुपये) का लक्ष्य रखा है. जिसे अगले 5 सालों में पूरा करना है. भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डालर्स तक ले जाने में सभी बैंकों के सुझाव से काफी फायदा होगा.
सरकार को भेजे सुझाव
इंडियन बैंक के चीफ मैनेजर अविनाश सिन्हा का मानना है कि मोदी सरकार द्वारा अगले 5 सालों में तय किए गए लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था देश की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगी. उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा चलाए जा रहे स्टैंड अप इंडिया, मुद्रा ऋण, पीएसबी ऋण और 59 मिनट जैसी ऋण से जुड़ी योजनाओं पर कई सुझाव सरकार को भेजे गए हैं.