पटना: अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर देश की जनता एक मत हो जाती है और उसका असर चुनावों में भी दिखता है. लोकसभा चुनाव में पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान से बदला लिया गया, वो उस दौरान चुनावी मुद्दा बन गया. उसी तरीके से विधानसभा चुनाव के दौरान भी भारत-चीन विवाद चुनावी मुद्दा बनता दिख रहा है. इस मामले पर पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल पड़ा है.
विपक्ष का बीजेपी पर आरोप
बीजेपी नेता वर्चुअल रैली के जरिए कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित कर रहे हैं. विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी जानबूझ कर चुनाव के मद्देनजर भारत-चीन मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है. लोकसभा चुनाव में जिस तरीके से पुलवामा और पाकिस्तान पर हमले के मुद्दे को भाजपा नेताओं ने भुनाया था, उसी तर्ज पर विधानसभा चुनाव में भी भारत-चीन विवाद को तूल दिया जा रहा है.
भारत-चीन का विवाद बना चुनावी मुद्दा
कोरोना संक्रमण के दौर में वर्चुअल रैली के जरिए बीजेपी नेता लोगों को संबोधित कर रहे हैं. इस बार भारत-चीन का मुद्दा जोर शोर से उठाया जा रहा है. पार्टी नेता लगातार यह दावे कर रहे हैं कि चीन के दोगुने सैनिकों को हमने मार गिराया. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने वर्चुअल रैली के दौरान कहा था कि जिस तरीके से चीन बदमाशी कर रहा है, ऐसी स्थिति में भारत ने उसे सबक सिखाया है. आगे भी उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.
'काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती'
हालांकि आरजेडी ने बीजेपी नेताओं के स्टैंड पर तीखे वार किए हैं. पार्टी का आरोप है कि आम लोगों की भावनाओं को भड़का कर बीजेपी वोट हासिल करती है. आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने तंज कसते हुए कहा कि 'काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती.' इस बार बीजेपी को बिहार में कामयाबी नहीं मिलने वाली.
'विपक्ष के आरोपों में कोई दम नहीं'
बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि भारत-चीन विवाद देश की सुरक्षा से संबंधित है. विपक्ष तो हेलो चीन की भाषा बोलता है. कांग्रेस चीन से चंदा लेती है. राहुल गांधी चीनी पीएम से गुप्त मुलाकात करते हैं. चीन के साथ उनके संबंध अच्छे रहे हैं. अब जब सरकार उसके लिए तल्ख तेवर अपना रही है तो कांग्रेस को बुरा लगेगा ही. विपक्ष के आरोपों में कोई दम नहीं है.