पटना: दसमेश पिता श्री गुरुगोविंद सिंह जी महाराज के 353 वें प्रकाशपर्व पर बिहार सरकार ने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से कंगनघाट पर गुरुगोविंद सिंह गुरुद्वारा का शुभारंभ किया गया.
पंच प्यारे की अगुआई में कीर्तन, भजन और धार्मिक रीती-रिवाज के साथ गुरुग्रंथ साहिब का दर्शन कर कंगनघाट गुरुद्वारा का शुभारंभ किया गया. इस दौरान सामूहिक अरदास के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने लंगर का प्रसाद चखा.
श्रद्धालुओं ने सीएम को दी बधाई
कंगनघाट गुरुद्वारा बनने से सिख श्रद्धालुओं में काफी खुशी है. श्रद्धालु सीएम नीतीश कुमार को बधाई दे रहे हैं. श्रद्धालुओं की मानें तो गुरुगोविंद सिंह महाराज अपने माता पिता के साथ गंगा घाट गए थे. जहां उन्होंने अपने हाथ का कंगन निकालकर नदी में फेंक दिया था. उनकी माता ने शिष्यों को कंगन खोजने के लिए कहा लेकिन काफी खोजने के बाद भी कंगन नहीं मिला.
ऐसे पड़ा कंगन घाट नाम
कंगन नहीं मिलने पर गुरु महाराज ने दूसरे हाथ का भी कंगन निकालकर नदी में फेंक दिया. उसके बाद उन्होंने खुद जाकर दोनों हाथों के कंगन को नदी से बाहर निकाला. तब से इस घाट का नाम कंगन घाट पड़ गया.