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पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी पर सुनवाई, बिहार सरकार से पूछा- तीसरी लहर से निपटने की क्या है तैयारी?

बिहार में कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन (Corona new variant Omicron) के बढ़ते प्रभाव के रोकथाम और नियंत्रित किये जाने की तैयारियों को लेकर पटना हाईकोर्ट ने दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की.

पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी पर सुनवाई
पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी पर सुनवाई
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Published : Jan 3, 2022, 2:45 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना महामारी (Corona pandemic in Bihar) के मामले पर दायर जनहित याचिकाओं पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. शिवानी कौशिक व अन्य की जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई (Hearing on PIL regarding Corona) करते हुए राज्य सरकार को बताने को कहा है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर की रोकथाम और स्वास्थ्य सेवा को लेकर क्या तैयारी की जा रही है.

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पिछली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार ने बताया कि अगली सुनवाई में राज्य के सभी जिलों के अस्पतालों के संबंध में पूरा ब्यौरा बुकलेट के रूप में प्रस्तुत किया जाएगाच पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को नए सिरे से पूरे तथ्यों की जांच कर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था. लेकिन, अभी ओमीक्रोन नामक नए वैरिएंट के तेजी से बढ़ने के कारण स्थिति में परिवर्तन हो रहा है. दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों से लेकर देश के अन्य भागों में ओमीक्रोन बहुत तेजी से फैल रहा है.

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और अन्य कई हाईकोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई शुरू कर दी गई है. इस स्थिति को देखते हुए पटना हाईकोर्ट में शीघ्र ऑनलाइन सुनवाई होने की संभावना है. इससे पहले की सुनवाई में राज्य सरकार द्वारा दायर हलफनामा में विरोधाभासी तथ्यों के मद्देनजर कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई थी. पिछली ऑनलाइन सुनवाई में स्वास्थ्य विभाग के अपर प्रधान सचिव ने बताया कि राज्य के सभी जिलों के अस्पतालों से पूरी जानकारियां लेकर उन्हें बुकलेट के रूप में कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- Corona Vaccination: IGIMS में बच्चों के टीकाकरण अभियान का CM नीतीश ने किया शुभारंभ

प्रधान अपर स्वास्थ्य सचिव अमृत प्रत्यय ने कोर्ट को बताया था कि बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा समिति के कार्यपालक अधिकारी संजय कुमार की अध्यक्षता में चार सदस्यों की एक टीम गठित की गई है, जो राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी और उपलब्ध सुविधाओं की जांच कर रहा है. सभी जिलों के सिविल सर्जनों द्वारा जिले के सरकारी अस्पतालों के संबंध में पूरा ब्यौरा और तथ्यों को जांच कर प्रस्तुत करेंगे.

पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी पर सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा था कि कोरोना के नए वैरिएंट के मद्देनजर हमें सावधानी बरतने की जरूरत है. कोरोना का खतरा अभी भी बरकरार है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से कोरोना को लेकर राज्य भर में कराई गई सुविधाओं के संबंध में ब्यौरा देने को कहा था. कोर्ट ने विशेष तौर पर साउथ अफ्रीका में फैले कोविड के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के खतरे को देखते हुए बिहार सरकार को राज्य में ऑक्सीजन के उत्पादन और भंडारण के संबंध में सूचित करने को कहा था.

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एम्स पटना के अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने बताया था कि कोर्ट ने उसके पहले भी बिहार के राज्य भर में उपलब्ध मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, ऑक्सीजन और एम्बुलेंस आदि के संबंध में ब्यौरा तलब किया था. इस मामले पर अगली सुनवाई 5 जनवरी 2022 को होगी.

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पटना: बिहार में कोरोना महामारी (Corona pandemic in Bihar) के मामले पर दायर जनहित याचिकाओं पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. शिवानी कौशिक व अन्य की जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई (Hearing on PIL regarding Corona) करते हुए राज्य सरकार को बताने को कहा है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर की रोकथाम और स्वास्थ्य सेवा को लेकर क्या तैयारी की जा रही है.

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पिछली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार ने बताया कि अगली सुनवाई में राज्य के सभी जिलों के अस्पतालों के संबंध में पूरा ब्यौरा बुकलेट के रूप में प्रस्तुत किया जाएगाच पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को नए सिरे से पूरे तथ्यों की जांच कर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था. लेकिन, अभी ओमीक्रोन नामक नए वैरिएंट के तेजी से बढ़ने के कारण स्थिति में परिवर्तन हो रहा है. दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों से लेकर देश के अन्य भागों में ओमीक्रोन बहुत तेजी से फैल रहा है.

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और अन्य कई हाईकोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई शुरू कर दी गई है. इस स्थिति को देखते हुए पटना हाईकोर्ट में शीघ्र ऑनलाइन सुनवाई होने की संभावना है. इससे पहले की सुनवाई में राज्य सरकार द्वारा दायर हलफनामा में विरोधाभासी तथ्यों के मद्देनजर कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई थी. पिछली ऑनलाइन सुनवाई में स्वास्थ्य विभाग के अपर प्रधान सचिव ने बताया कि राज्य के सभी जिलों के अस्पतालों से पूरी जानकारियां लेकर उन्हें बुकलेट के रूप में कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा.

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प्रधान अपर स्वास्थ्य सचिव अमृत प्रत्यय ने कोर्ट को बताया था कि बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा समिति के कार्यपालक अधिकारी संजय कुमार की अध्यक्षता में चार सदस्यों की एक टीम गठित की गई है, जो राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी और उपलब्ध सुविधाओं की जांच कर रहा है. सभी जिलों के सिविल सर्जनों द्वारा जिले के सरकारी अस्पतालों के संबंध में पूरा ब्यौरा और तथ्यों को जांच कर प्रस्तुत करेंगे.

पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी पर सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा था कि कोरोना के नए वैरिएंट के मद्देनजर हमें सावधानी बरतने की जरूरत है. कोरोना का खतरा अभी भी बरकरार है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से कोरोना को लेकर राज्य भर में कराई गई सुविधाओं के संबंध में ब्यौरा देने को कहा था. कोर्ट ने विशेष तौर पर साउथ अफ्रीका में फैले कोविड के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के खतरे को देखते हुए बिहार सरकार को राज्य में ऑक्सीजन के उत्पादन और भंडारण के संबंध में सूचित करने को कहा था.

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एम्स पटना के अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने बताया था कि कोर्ट ने उसके पहले भी बिहार के राज्य भर में उपलब्ध मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, ऑक्सीजन और एम्बुलेंस आदि के संबंध में ब्यौरा तलब किया था. इस मामले पर अगली सुनवाई 5 जनवरी 2022 को होगी.

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