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जल्द सुधरेगी पटना-रांची NH की हालत, झारखंड हाईकोर्ट ने दिए मामला सुलझाने के निर्देश - रांची खबर

पटना-रांची एनएच की जर्जर स्थिति पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने सभी पक्षों को आपस में बैठकर एनएच में आने वाली सभी कठिनाईयों को शीघ्र दूर करने का निर्देश दिया है. एनएच निर्माण का कार्य प्रारंभ करने को कहा है.

झारखंड हाई कोर्ट
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Dec 20, 2021, 10:57 PM IST

रांची: पटना-रांची एनएच की जर्जर स्थिति को ठीक करने के बिंदु पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. झारखंड सरकार के वन सचिव हाजिर हुए. उन्होंने अदालत को बताया कि झारखंड वन्य जीव बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति हो गई है. अदालत ने बिहार सरकार, झारखंड सरकार, एनएचएआई और वन्य जीव बोर्ड को आपस में मिलकर बैठक कर एलिवेटेड कॉरिडोर कोडरमा से रजौली के बीच में उचित स्थान चिन्हित कर बनाने पर निर्णय लेने को कहा है. ताकि वन्य जीव के आवागमन में कोई कठिनाई ना हो. वह सुरक्षित रह सकें.

ये भी पढ़ें- रांची-पटना एनएच मामले में सरकार के जवाब से झारखंड हाई कोर्ट नाराज, कहा- शपथ पत्र करें दाखिल

हाई कोर्ट में पटना रांची एनएच मामला

अदालत ने सभी को 2 सप्ताह के अंदर मामले में बैठक कर उस पर निर्णय लेने और उस निर्णय से कोर्ट को अवगत कराने को कहा है. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. अदालत के पूर्व आदेश के आलोक में झारखंड सरकार के वन सचिव हाजिर हुए. अदालत को बताया कि राज वन्य जीव बोर्ड के सदस्यों के खाली पद पर नियुक्ति कर दी गई है. अदालत ने उनके जवाब पर संतुष्टि जताते हुए कहा कि देर आए दुरुस्त आए.

कोर्ट ने कहा कि रांची पटना राष्ट्रीय राजमार्ग काफी महत्वपूर्ण है. दो राज्यों को जोड़ने वाली यह काफी व्यस्ततम सड़क है. लेकिन कोडरमा से रजौली तक इसकी हालत बदतर है. जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं. जिससे आए दिन वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं. इसे शीघ्र दुरुस्त करना चाहिए. अदालत ने कहा कि वन्य जीव को संरक्षित और सुरक्षित रखने के साथ-साथ एनएच पर यातायात सुगम बनाने के लिए उसकी जर्जर स्थिति को ठीक किया जाना चाहिए. अदालत ने सभी पक्षों को आपस में बैठकर एनएच में आने वाली सभी कठिनाई को शीघ्र दूर करने का निर्देश दिया है. एनएच निर्माण का कार्य प्रारंभ करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई जनवरी माह में होगी.



बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रांची से पटना जा रहे थे. जाने के क्रम में मुख्य न्यायाधीश के कारकेट का एक गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी.जिसके बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई का आदेश दिया था. उसी मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.

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रांची: पटना-रांची एनएच की जर्जर स्थिति को ठीक करने के बिंदु पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. झारखंड सरकार के वन सचिव हाजिर हुए. उन्होंने अदालत को बताया कि झारखंड वन्य जीव बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति हो गई है. अदालत ने बिहार सरकार, झारखंड सरकार, एनएचएआई और वन्य जीव बोर्ड को आपस में मिलकर बैठक कर एलिवेटेड कॉरिडोर कोडरमा से रजौली के बीच में उचित स्थान चिन्हित कर बनाने पर निर्णय लेने को कहा है. ताकि वन्य जीव के आवागमन में कोई कठिनाई ना हो. वह सुरक्षित रह सकें.

ये भी पढ़ें- रांची-पटना एनएच मामले में सरकार के जवाब से झारखंड हाई कोर्ट नाराज, कहा- शपथ पत्र करें दाखिल

हाई कोर्ट में पटना रांची एनएच मामला

अदालत ने सभी को 2 सप्ताह के अंदर मामले में बैठक कर उस पर निर्णय लेने और उस निर्णय से कोर्ट को अवगत कराने को कहा है. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. अदालत के पूर्व आदेश के आलोक में झारखंड सरकार के वन सचिव हाजिर हुए. अदालत को बताया कि राज वन्य जीव बोर्ड के सदस्यों के खाली पद पर नियुक्ति कर दी गई है. अदालत ने उनके जवाब पर संतुष्टि जताते हुए कहा कि देर आए दुरुस्त आए.

कोर्ट ने कहा कि रांची पटना राष्ट्रीय राजमार्ग काफी महत्वपूर्ण है. दो राज्यों को जोड़ने वाली यह काफी व्यस्ततम सड़क है. लेकिन कोडरमा से रजौली तक इसकी हालत बदतर है. जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं. जिससे आए दिन वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं. इसे शीघ्र दुरुस्त करना चाहिए. अदालत ने कहा कि वन्य जीव को संरक्षित और सुरक्षित रखने के साथ-साथ एनएच पर यातायात सुगम बनाने के लिए उसकी जर्जर स्थिति को ठीक किया जाना चाहिए. अदालत ने सभी पक्षों को आपस में बैठकर एनएच में आने वाली सभी कठिनाई को शीघ्र दूर करने का निर्देश दिया है. एनएच निर्माण का कार्य प्रारंभ करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई जनवरी माह में होगी.



बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रांची से पटना जा रहे थे. जाने के क्रम में मुख्य न्यायाधीश के कारकेट का एक गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी.जिसके बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई का आदेश दिया था. उसी मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.

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