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चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई आज - ईटीवी न्यूज

बहुचर्चित चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार (Doranda Treasury case of fodder scam) से अवैध निकासी के मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका (Lalu Prasad Yadav bail plea) पर आज झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी. गत शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई नहीं हो पायी थी लेकिन निजी कारणों से न्यायाधीश का कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पाये थे. पढ़ें पूरी खबर.

Doranda Treasury case of fodder scam
Doranda Treasury case of fodder scam
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Published : Apr 8, 2022, 6:46 AM IST

Updated : Apr 8, 2022, 7:51 AM IST

पटना/रांची: चारा घोटाले में सजायाफ्ता राजद प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर आज (Hearing on Lalu Prasad Yadav bail plea) सुनवाई होगी. पिछले सप्ताह न्यायाधीश के उपलब्ध नहीं होने से इस मामले की सुनवाई नहीं हो सकी थी. लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Cour) के न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की अदालत (Lalu Prasad Yadav bail plea in fodder scam) में होगी. लालू यादव के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने बताया कि आज बहस होगी. इससे लालू यादव को चारा घाटाला के डोरंडा कोषागार मामले में जमानत मिलने की संभावना है. इस मामले में लालू प्रसाद यादव को 21 फरवरी को सजा सुनायी गयी थी.

ये भी पढ़ें: सहनी की नहीं होगी RJD में एंट्री, बोली राबड़ी देवी- 'अभी लालू जी याद आवs तारन'

24 फरवरी को किया था जमानत के लिए आवेदन: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने सीबीआई अदालत के आदेश के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में 24 फरवरी को अपील की थी. इसके साथ ही उन्होंने जमानत के लिए भी आवेदन किया था. इस मामले पर 4 मार्च को सुनवाई हुई थी लेकिन अदालत ने याचिका में त्रुटियों को सुधारने करने का निर्देश देते हुए इसकी सुनवाई 11 मार्च को निर्धारित की थी. जमानत याचिका पर 11 मार्च को भी सुनवाई नहीं हो सकी थी क्योंकि उस तारीख पर अदालत ने सीबीआई अदालत से रिकॉर्ड मंगाने का निर्देश दिया था.

जमानत याचिका में बढ़ती उम्र और बीमारियों का हवाला: बढ़ती उम्र और 17 प्रकार की बीमारियों को लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका में हवाला दिया गया है. इसके अलावा यह भी कहा गया कि उन्होंने इस मामले में सजा की आधी अवधि जेल में पहले ही पूरी कर ली है. इस आधार पर उन्हें जमानत मिलनी चाहिए. इससे पूर्व 22 मार्च को चारा घोटाले में यहां सजा भुगत रहे राजद सुप्रीमो लालू यादव की किडनी में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रिम्स के मेडिकल बोर्ड की सलाह पर विशेष विमान से उन्हें दिल्ली स्थित एम्स ले जाया गया था.

ये भी पढ़ें: 'लालू यादव को मारने की हो रही है साजिश': माले विधायक महबूब आलम ने बिहार विधानसभा में उठाया मुद्दा

5 साल की सजा: बता दें कि बहुचर्चित चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव को दोषी मानते हुए 5 साल की सजा सुनाई है. लालू प्रसाद की ओर से सीबीआई की विशेष अदालत से दी गई सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील याचिका दायर की गई है. साथ ही जमानत के लिए आइए याचिका दायर की गई है. उसी याचिका पर आज सुनवाई होनी थी.

डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ का घोटाला: डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए 139.35 करोड़ के अवैध निकासी मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू यादव को 5 साल की जेल और 60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. इस मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद लालू यादव को सीधे होटवार जेल भेज दिया गया. जहां से बाद में इलाज के लिए उन्हें रिम्स भेज दिया गया और बाद में उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स रेफर कर दिया गया है.

दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ का घोटाला: ये मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने का है. सीबीआई कोर्ट ने 24 मार्च 2018 को लालू प्रसाद यादव को इस मामले में अलग अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई थी. इस मामले में 30 लाख का जुर्माना भी लगा.

ये भी पढ़ें: VIDEO: 'तेजस्वी के बिना सुधार ना होई.. लालू बिना चालू इ बिहार ना होई..' अखाड़े में यूं जमकर थिरके पहलवान

चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ का घोटाला: चाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी. इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था. जिसमें कुल 76 आरोपी थे. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 24 जनवरी 2018 को लालू को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई. सजा के साथ-साथ 10 लाख का जुर्माना भी लगा.

देवघर कोषागार से 84.5 लाख का घोटाला: देवघर ट्रेजरी से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उनपर 5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था.

चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ का घोटाला: चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में साल 2013 में लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 30 सितंबर 2013 को सभी 45 आरोपियों को दोषी ठहराया था. लालू समेत इन आरोपियों को चाईबासा ट्रेजरी से 37.70 करोड़ रुपये अवैध तरीके से निकालने का दोषी पाया गया था. इस मामले में 3 अक्टूबर 2013 को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. लालू प्रसाद को 5 साल की सजा हुई थी.

ये भी पढ़ें: आज लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई, मिलेगी राहत या करना होगा इंतजार

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पटना/रांची: चारा घोटाले में सजायाफ्ता राजद प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर आज (Hearing on Lalu Prasad Yadav bail plea) सुनवाई होगी. पिछले सप्ताह न्यायाधीश के उपलब्ध नहीं होने से इस मामले की सुनवाई नहीं हो सकी थी. लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Cour) के न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की अदालत (Lalu Prasad Yadav bail plea in fodder scam) में होगी. लालू यादव के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने बताया कि आज बहस होगी. इससे लालू यादव को चारा घाटाला के डोरंडा कोषागार मामले में जमानत मिलने की संभावना है. इस मामले में लालू प्रसाद यादव को 21 फरवरी को सजा सुनायी गयी थी.

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24 फरवरी को किया था जमानत के लिए आवेदन: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने सीबीआई अदालत के आदेश के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में 24 फरवरी को अपील की थी. इसके साथ ही उन्होंने जमानत के लिए भी आवेदन किया था. इस मामले पर 4 मार्च को सुनवाई हुई थी लेकिन अदालत ने याचिका में त्रुटियों को सुधारने करने का निर्देश देते हुए इसकी सुनवाई 11 मार्च को निर्धारित की थी. जमानत याचिका पर 11 मार्च को भी सुनवाई नहीं हो सकी थी क्योंकि उस तारीख पर अदालत ने सीबीआई अदालत से रिकॉर्ड मंगाने का निर्देश दिया था.

जमानत याचिका में बढ़ती उम्र और बीमारियों का हवाला: बढ़ती उम्र और 17 प्रकार की बीमारियों को लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका में हवाला दिया गया है. इसके अलावा यह भी कहा गया कि उन्होंने इस मामले में सजा की आधी अवधि जेल में पहले ही पूरी कर ली है. इस आधार पर उन्हें जमानत मिलनी चाहिए. इससे पूर्व 22 मार्च को चारा घोटाले में यहां सजा भुगत रहे राजद सुप्रीमो लालू यादव की किडनी में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रिम्स के मेडिकल बोर्ड की सलाह पर विशेष विमान से उन्हें दिल्ली स्थित एम्स ले जाया गया था.

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5 साल की सजा: बता दें कि बहुचर्चित चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव को दोषी मानते हुए 5 साल की सजा सुनाई है. लालू प्रसाद की ओर से सीबीआई की विशेष अदालत से दी गई सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील याचिका दायर की गई है. साथ ही जमानत के लिए आइए याचिका दायर की गई है. उसी याचिका पर आज सुनवाई होनी थी.

डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ का घोटाला: डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए 139.35 करोड़ के अवैध निकासी मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू यादव को 5 साल की जेल और 60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. इस मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद लालू यादव को सीधे होटवार जेल भेज दिया गया. जहां से बाद में इलाज के लिए उन्हें रिम्स भेज दिया गया और बाद में उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स रेफर कर दिया गया है.

दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ का घोटाला: ये मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने का है. सीबीआई कोर्ट ने 24 मार्च 2018 को लालू प्रसाद यादव को इस मामले में अलग अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई थी. इस मामले में 30 लाख का जुर्माना भी लगा.

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चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ का घोटाला: चाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी. इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था. जिसमें कुल 76 आरोपी थे. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 24 जनवरी 2018 को लालू को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई. सजा के साथ-साथ 10 लाख का जुर्माना भी लगा.

देवघर कोषागार से 84.5 लाख का घोटाला: देवघर ट्रेजरी से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उनपर 5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था.

चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ का घोटाला: चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में साल 2013 में लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 30 सितंबर 2013 को सभी 45 आरोपियों को दोषी ठहराया था. लालू समेत इन आरोपियों को चाईबासा ट्रेजरी से 37.70 करोड़ रुपये अवैध तरीके से निकालने का दोषी पाया गया था. इस मामले में 3 अक्टूबर 2013 को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. लालू प्रसाद को 5 साल की सजा हुई थी.

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Last Updated : Apr 8, 2022, 7:51 AM IST
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