ETV Bharat / city

कार्तिकेय सिंह की अग्रिम जमानत पर सुनवाई दिवाली के बाद, हाईकोर्ट ने मांगी केस डायरी

पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह (Former law Minister Kartikeya Singh) के मामले में आज हाईकोर्ट ने केस डायरी तलब किया है. अब आगे दिवाली के बाद सुनवाई की संभावना है. पढ़ें पूरी खबर..

कार्तिकेय सिंह मामले में सुनवाई आज
कार्तिकेय सिंह मामले में सुनवाई आज
author img

By

Published : Oct 12, 2022, 9:13 AM IST

Updated : Oct 12, 2022, 11:41 AM IST

पटनाः बिहार के पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह विधान पार्षद कार्तिकेय कुमार उर्फ कार्तिक सिंह की अग्रिम जमानत की याचिका पर पटना हाइकोर्ट ने सुनवाई (Hearing in Kartikeya Singh case today) करते हुए केस डायरी तलब किया है. अग्रिम जमानत की याचिका पर जस्टिस सुनील कुमार पंवार ने सुनवाई की. अब इस मामलें पर दीपावली के अवकाश के बाद सुनवाई होने की संभावना है. इससे पहले पूर्व कानून मंत्री को 30 सितम्बर को दानापुर कोर्ट में हाजिर होना था, लेकिन उस दिन सुनवाई टल गई थी. कार्तिकेय कुमार के वकील की ओर से एक प्रार्थना-पत्र दाखिल किया गया कि आरोपी फरार नहीं चल रहे हैं, बल्कि हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है. कानून के शरण में हैं और कानून का सम्मान कर रहे हैं. आवेदन को न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तिथि 12 अक्टूबर को निर्धारित की थी.

ये भी पढ़ेंः 'वारंटी नहीं हैं कार्तिकेय सिंह', पटना SSP का बयान- फिलहाल पूर्व मंत्री को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता

2017 में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थीः याचिकाकर्ता ने अपनी अग्रिम जमानत की याचिका में कोर्ट को बताया है कि उनके विरुद्ध जो अन्य आपराधिक मामलें है,उनमें वे जमानत पर हैं. पटना हाईकोर्ट में 2017 में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, लेकिन उसे 16 फरवरी 2017 को कोर्ट ने नामंजूर कर दिया. उसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत की कोई याचिका पटना हाइकोर्ट में नहीं दायर की.उन्होंने अपनी अग्रिम जमानत की याचिका में ये बताया है कि प्राथमिकी में उनका नाम नहीं था. साथ ही पीड़ित और सूचक ने उनका नाम इस घटना के सम्बन्ध में नहीं लिया था. उन्होंने बताया कि घटना के दिन 14 नवंबर,2014 को वे सरकारी स्कूल में अपनी ड्यूटी में थे. उनके हस्ताक्षर भी उपस्थिति रजिस्टर में अंकित है.

बिहटा के राजू सिंह के अपहरण का है मामलाः मामला बिहटा के राजीव रंजन सिंह ऊर्फ राजू सिंह के अपहरण से सम्बंधित मामला है. 14 नवम्बर,2014 को बिहटा पुलिस स्टेशन में थाना कांड संख्या 859/2014 रजिस्टर किया गया. यह मामला दानापुर के ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास, अजय कुमार के समक्ष सुनवाई हेतु लंबित है.इस मामलें में सूचक सचिन कुमार ने बिहटा थाना में 14 नवंबर,2014 को सूचना दी थी कि उन्हें टेलिफोन पर ये पता चला है कि उनके चाचा राजीव रंजन सिंह ऊर्फ राजू सिंह का अपहरण हो गया है. अपहर्ता 18 की संख्या में थे, जो पांच गाड़ी से आये थे. वेलोग राजू को बलपूर्वक ले गए. सूचक ने आरोप लगाया गया कि मोकामा के विधायक अनंत सिंह, बंटू सिंह व अन्य सोलह व्यक्तियों ने इसे अंजाम दिया. इससे पहले भी दस करोड़ रुपए की फिरौती मांगे जाने का आरोप लगाया गया था. इसकी सूचना कृष्णापुरी थाने को दी गई थी.

मंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही विवादों में आ गए थे : कार्तिकेय सिंह ने 16 अगस्त को नीतीश कुमार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्रिपद की शपथ ली थी. इसके बाद उन्हें नीतीश कुमार ने कानून मंत्री बनाया था. लेकिन वे अपहरण के एक पुराने मामले को लेकर मंत्रिपद की शपथ लेने के बाद से विवादों में थे. इसके बाद नीतीश कुमार ने कार्तिकेय सिंह से कानून मंत्रालय वापस ले लिया था. उन्हें गन्ना उद्योग मंत्रालय दिया गया था. हालांकि, इसके कुछ घंटों बाद ही कार्तिकेय सिंह ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. बता दें कि बिहटा थाना इलाके में बिल्डर राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी कार्तिकेय सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है.

ये भी पढ़ेंः कार्तिकेय सिंह के वारंट मामले पर पटना एसएसपी ने पल्ला झाड़ते हुए कहा- "हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई"

पटनाः बिहार के पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह विधान पार्षद कार्तिकेय कुमार उर्फ कार्तिक सिंह की अग्रिम जमानत की याचिका पर पटना हाइकोर्ट ने सुनवाई (Hearing in Kartikeya Singh case today) करते हुए केस डायरी तलब किया है. अग्रिम जमानत की याचिका पर जस्टिस सुनील कुमार पंवार ने सुनवाई की. अब इस मामलें पर दीपावली के अवकाश के बाद सुनवाई होने की संभावना है. इससे पहले पूर्व कानून मंत्री को 30 सितम्बर को दानापुर कोर्ट में हाजिर होना था, लेकिन उस दिन सुनवाई टल गई थी. कार्तिकेय कुमार के वकील की ओर से एक प्रार्थना-पत्र दाखिल किया गया कि आरोपी फरार नहीं चल रहे हैं, बल्कि हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है. कानून के शरण में हैं और कानून का सम्मान कर रहे हैं. आवेदन को न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तिथि 12 अक्टूबर को निर्धारित की थी.

ये भी पढ़ेंः 'वारंटी नहीं हैं कार्तिकेय सिंह', पटना SSP का बयान- फिलहाल पूर्व मंत्री को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता

2017 में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थीः याचिकाकर्ता ने अपनी अग्रिम जमानत की याचिका में कोर्ट को बताया है कि उनके विरुद्ध जो अन्य आपराधिक मामलें है,उनमें वे जमानत पर हैं. पटना हाईकोर्ट में 2017 में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, लेकिन उसे 16 फरवरी 2017 को कोर्ट ने नामंजूर कर दिया. उसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत की कोई याचिका पटना हाइकोर्ट में नहीं दायर की.उन्होंने अपनी अग्रिम जमानत की याचिका में ये बताया है कि प्राथमिकी में उनका नाम नहीं था. साथ ही पीड़ित और सूचक ने उनका नाम इस घटना के सम्बन्ध में नहीं लिया था. उन्होंने बताया कि घटना के दिन 14 नवंबर,2014 को वे सरकारी स्कूल में अपनी ड्यूटी में थे. उनके हस्ताक्षर भी उपस्थिति रजिस्टर में अंकित है.

बिहटा के राजू सिंह के अपहरण का है मामलाः मामला बिहटा के राजीव रंजन सिंह ऊर्फ राजू सिंह के अपहरण से सम्बंधित मामला है. 14 नवम्बर,2014 को बिहटा पुलिस स्टेशन में थाना कांड संख्या 859/2014 रजिस्टर किया गया. यह मामला दानापुर के ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास, अजय कुमार के समक्ष सुनवाई हेतु लंबित है.इस मामलें में सूचक सचिन कुमार ने बिहटा थाना में 14 नवंबर,2014 को सूचना दी थी कि उन्हें टेलिफोन पर ये पता चला है कि उनके चाचा राजीव रंजन सिंह ऊर्फ राजू सिंह का अपहरण हो गया है. अपहर्ता 18 की संख्या में थे, जो पांच गाड़ी से आये थे. वेलोग राजू को बलपूर्वक ले गए. सूचक ने आरोप लगाया गया कि मोकामा के विधायक अनंत सिंह, बंटू सिंह व अन्य सोलह व्यक्तियों ने इसे अंजाम दिया. इससे पहले भी दस करोड़ रुपए की फिरौती मांगे जाने का आरोप लगाया गया था. इसकी सूचना कृष्णापुरी थाने को दी गई थी.

मंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही विवादों में आ गए थे : कार्तिकेय सिंह ने 16 अगस्त को नीतीश कुमार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्रिपद की शपथ ली थी. इसके बाद उन्हें नीतीश कुमार ने कानून मंत्री बनाया था. लेकिन वे अपहरण के एक पुराने मामले को लेकर मंत्रिपद की शपथ लेने के बाद से विवादों में थे. इसके बाद नीतीश कुमार ने कार्तिकेय सिंह से कानून मंत्रालय वापस ले लिया था. उन्हें गन्ना उद्योग मंत्रालय दिया गया था. हालांकि, इसके कुछ घंटों बाद ही कार्तिकेय सिंह ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. बता दें कि बिहटा थाना इलाके में बिल्डर राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी कार्तिकेय सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है.

ये भी पढ़ेंः कार्तिकेय सिंह के वारंट मामले पर पटना एसएसपी ने पल्ला झाड़ते हुए कहा- "हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई"

Last Updated : Oct 12, 2022, 11:41 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.