पटना: पटना हाइकोर्ट (Patna High Court) में मंगलवार को पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन (Patliputra Rail Station) को सभी ओर से जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण के मामले में सुनवाई हुई. जहां कोर्ट ने राज्य सरकार और रेलवे को कार्रवाई रिपोर्ट (After Action Report) प्रस्तुत करने को कहा है.
ये भी पढ़ें: पटना नगर निगम कर्मियों को हाईकोर्ट का आदेश, फौरन खत्म करें अपनी हड़ताल
चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने भरत प्रसाद सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और रेलवे को हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा कि पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण में अब तक क्या प्रगति हुई हैं.
रेलवे की ओर से बताया गया कि सड़क निर्माण में खर्च होने वाली धनराशि के स्वीकृति के सम्बन्ध में रेलवे बोर्ड विचार कर रहा है. पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया कि एडवोकेट जेनरल ने सभी संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई गई. पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को चारों ओर से जोड़ने की योजना पर विचार किया. इन सड़कों को पूरा होने पर सभी ओर से यात्रियों को स्टेशन आने में सुविधा हो जाएगी.
वहीं, सुनवाई के क्रम में कोर्ट को बताया गया कि एनटीपीसी रोड (NTPC Road) से पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन तक जोड़ने की योजना बनायी गयी है. इस सड़क की लम्बाई 600 मीटर और चौड़ाई 22 मीटर होगी. इसमें आशियाना नगर कॉलोनी मोड़, रामनगरी मोड़ और मजिस्ट्रेट कॉलोनी रोड शामिल है. इसमें 76.47 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें भूमि अधिग्रहण का व्यय भी शामिल है. इस सड़क को बनाने के लिए इस जमीन के अधिग्रहण की जरूरत होगी.
इसके साथ ही एम्स, पटना के एलिवेटेड रोड को पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन तक ले जाने की योजना है, ताकि यात्री सीधे स्टेशन पहुंच सके. इसमें 94.52 करोड़ रुपये का खर्च होगा. यह नेहरू पथ और पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को मिलाएगा.
ये भी पढ़ें: पटना HC में लोक अदालत का आयोजन, 362 मामलों पर हुई सुनवाई
वहीं, पश्चिम की तरफ से दानापुर और गोला रोड की ओर से आने वाले यात्रियों के लिए नहर की सड़क को चौड़ा किए जाने और फुट ओवर ब्रिज (Patliputra Rail Station) बनाने की योजना है. इसमें 10.86 करोड़ रूपये खर्च होंगे. अधिकारियों की इस टीम में राज्य के नगर विकास और सड़क निर्माण विभाग के प्रधान सचिव और रेलवे के अधिकारी शामिल थे.
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पाटलिपुत्र स्टेशन का निर्माण तो काफी पहले ही हो गया था, लेकिन वहां तक सभी ओर से पहुंचने के लिए सड़कें नहीं होने के कारण यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. अब इस मामले में तीन सप्ताह बाद सुनवाई होगी.