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बिहार में खुलेगा जनजातीय शोध संस्थान, पटना हाईकोर्ट ने राज्य व केंद्र सरकार को दिया निर्देश

राज्य में जनजातीय शोध संस्थान (Tribal Research Institute) बनाने के लिए पटना हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं. जिसे लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. पढ़ें पूरी खबर..

पटना हाईकोर्ट
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Published : Apr 26, 2022, 10:54 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने केंद्र और राज्य सरकार को राज्य में जनजातीय शोध संस्थान बनाने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खण्डपीठ ने बिहार आदिवासी अधिकार फोरम की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की.

ये भी पढ़ें- पटना में पब्लिक टॉयलेट की कमी को लेकर HC में सुनवाई, PMC और जिला प्रशासन से जवाब तलब

राज्य सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि टीआरआई (ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट) की स्थापना के संबंध में बिहार के मुख्य सचिव द्वारा पूरी जांच की है. टीआरआई की स्थापना के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने के लिए सहमति दे दी गई है. उन्होंने बताया कि जल्द ही बिहार में टीआरआई स्थापित करने का प्रस्ताव भारत सरकार के सामने रखा जाएगा, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके.

केंद्र सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता के एन सिंह ने कोर्ट को बताया कि यदि राज्य प्रस्ताव भेजेगा, तो केंद्र सरकार उस पर तेजी से कार्रवाई करेगी. जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने बताया कि आदिवासी संस्कृति की विशिष्टता को संरक्षित करने के लिए 19 राज्यों में टीआरआई क्रियाशील है. इस मामले पर अगली सुनवाई 28 जून 2022 को होगी.

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पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने केंद्र और राज्य सरकार को राज्य में जनजातीय शोध संस्थान बनाने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खण्डपीठ ने बिहार आदिवासी अधिकार फोरम की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की.

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राज्य सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि टीआरआई (ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट) की स्थापना के संबंध में बिहार के मुख्य सचिव द्वारा पूरी जांच की है. टीआरआई की स्थापना के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने के लिए सहमति दे दी गई है. उन्होंने बताया कि जल्द ही बिहार में टीआरआई स्थापित करने का प्रस्ताव भारत सरकार के सामने रखा जाएगा, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके.

केंद्र सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता के एन सिंह ने कोर्ट को बताया कि यदि राज्य प्रस्ताव भेजेगा, तो केंद्र सरकार उस पर तेजी से कार्रवाई करेगी. जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने बताया कि आदिवासी संस्कृति की विशिष्टता को संरक्षित करने के लिए 19 राज्यों में टीआरआई क्रियाशील है. इस मामले पर अगली सुनवाई 28 जून 2022 को होगी.

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