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मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 'अंधे' हुए 25 मरीज, बोले स्वास्थ्य मंत्री- 'नहीं बचेंगे गुनहगार' - etv news

मुजफ्फरपुर में आंख के ऑपरेशन के बाद कुछ लोगों की रोशनी चली गई और कुछ गंभीर रूप से बीमार हैं घटना पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने चिंता व्यक्त की और जांच का भरोसा दिलाया है. पढ़िए पूरी खबर

स्वास्थ्य मंत्री ने कार्रवाई का दिलाया भरोसा
स्वास्थ्य मंत्री ने कार्रवाई का दिलाया भरोसा
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Published : Nov 30, 2021, 8:50 PM IST

पटना: बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Bihar Health Minister Mangal Pandey) ने मुजफ्फरपुर की घटना (Muzaffarpur incident) पर दुख जताया है. इसको लेकर उन्होंने कहा कि हम जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं. पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराएंगे और जो कोई इस मामले में दोषी होगा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- CM नीतीश कुमार की अध्यक्षता में जेडीयू विधानमंडल दल की बैठक

दरअसल, मुजफ्फरपुर में आंख के ऑपरेशन के बाद लापरवाही के चलते दर्जनों लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है और कई लोगों की आंखें भी निकालनी पड़ी. मिल रही जानकारी के मुताबिक 25 लोगों की आंख की रोशनी चली गई और 7 लोगों की आंखें निकाली जा चुकी है. पूरे घटना को बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने गंभीरता से लिया है और जांच की बात कही है.

मुजफ्फरपुर की घटना पर स्वास्थ्य मंत्री ने जताया दुख

'आज हमारे संज्ञान में ये घटना आई है. यदि किसी संस्था के द्वारा या किसी व्यक्ति के द्वारा ये गलती की गई है तो ये जांच का विषय है. इसकी जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री

ये भी पढ़ें- बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक, तारकिशोर प्रसाद की मौजूदगी में शीतकालीन सत्र को लेकर मंथन

बताते चलें कि बिहार के मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन असफल होने के कारण 25 लोगों की आंखें खराब ( Many people Lost Eyes in Muzaffarpur ) हो गई. अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही का नतीजा ये हुआ कि अब तक 7 लोगों की आंखें निकाली जा चुकी है. बाकी लोगों की आंखों में भी दर्द, जलन और दिखाई नहीं देने की समस्या बरकरार है.

यह पूरा मामला जिले के जुरण छपरा स्थित आई हॉस्पिटल का है. बीते 22 नवंबर को अस्पताल में विशेष मोतियाबिंद ऑपरेशन का कैंप लगाया गया था. इस दौरान दर्जनों महिला-पुरुषों ने अपनी आंख का ऑपरेशन कराया. लेकिन डॉक्टरों के द्वारा लापरवाही (Negligence of Eye Hospital in Muzaffarpur) बरती गई लापरवाही ने उन्हें हमेशा के लिए अंधा बना दिया.

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दरअसल, मुजफ्फरपुर में आंख के ऑपरेशन के बाद लापरवाही के चलते दर्जनों लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है और कई लोगों की आंखें भी निकालनी पड़ी. मिल रही जानकारी के मुताबिक 25 लोगों की आंख की रोशनी चली गई और 7 लोगों की आंखें निकाली जा चुकी है. पूरे घटना को बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने गंभीरता से लिया है और जांच की बात कही है.

मुजफ्फरपुर की घटना पर स्वास्थ्य मंत्री ने जताया दुख

'आज हमारे संज्ञान में ये घटना आई है. यदि किसी संस्था के द्वारा या किसी व्यक्ति के द्वारा ये गलती की गई है तो ये जांच का विषय है. इसकी जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री

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बताते चलें कि बिहार के मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन असफल होने के कारण 25 लोगों की आंखें खराब ( Many people Lost Eyes in Muzaffarpur ) हो गई. अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही का नतीजा ये हुआ कि अब तक 7 लोगों की आंखें निकाली जा चुकी है. बाकी लोगों की आंखों में भी दर्द, जलन और दिखाई नहीं देने की समस्या बरकरार है.

यह पूरा मामला जिले के जुरण छपरा स्थित आई हॉस्पिटल का है. बीते 22 नवंबर को अस्पताल में विशेष मोतियाबिंद ऑपरेशन का कैंप लगाया गया था. इस दौरान दर्जनों महिला-पुरुषों ने अपनी आंख का ऑपरेशन कराया. लेकिन डॉक्टरों के द्वारा लापरवाही (Negligence of Eye Hospital in Muzaffarpur) बरती गई लापरवाही ने उन्हें हमेशा के लिए अंधा बना दिया.

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