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बिहार NDA में फिर उठी समन्वय समिति की मांग, HAM ने आपसी तालमेल के लिए बताया जरूरी

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Published : Apr 20, 2022, 8:48 PM IST

मुजफ्फरपुर के बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha Assembly Byelection) में हार का असर एनडीए में दिखने लगा है. एनडीए गठबंधन में शामिल जदयू के बाद हम की ओर से भी एनडीए समन्वय समिति (कोऑर्डिनेशन कमिटी) की मांग की गयी है. पढ़ें पूरी खबर..

जीतनराम मांझी
जीतनराम मांझी

पटना: बिहार के बोचहां विधानसभा उपचुनाव में एनडीए प्रत्याशी की हार (NDA candidate defeat in Bochaha ) के बाद अब उसका 'साइड इफेक्ट ' भी दिखने लगा है. मंगलवार को जनता दल यूनाइटेड के बाद बुधवार को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की ओर से एनडीए में समन्वय समिति की मांग (HAM Demanded Coordination Committee For Bihar NDA) की गयी है. बोचहां उपचुनाव के नतीजे को बड़ा सियासी संदेश माना जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों और एनडीए में शामिल पार्टियों का भी मानना है कि उपचुनाव में हार के पीछे एनडीए में संगठन का अभाव भी एक कारण है.

पढ़ें- बोचहां उपचुनाव में हार के बाद बिहार एनडीए में उठने लगी समन्वय समिति की मांग

बोले हम महासचिवः हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) के प्रधान महासचिव दानिश रिजवान ने एनडीए में बेहतर समन्वय के लिए ऑर्डिनेशन कमिटी बनाने की मांग की है. दानिश रिजवान ने कहा कि जिस तरह से बोचहा उपचुनाव का परिणाम आया है. ऐसे में अब एनडीए को बहुत कुछ सोचने की जरूरत है. एनडीए के भीतर बेदतर समन्वय के लिए बेहतर संवाद जरूरी है. इसके लिए समन्वय समिति जरूरत महसूस हो रही है. जितना जल्द हो सके इसे एनडीए समन्वय समिति का गठन किया जाय.

बोले हम नेता दानिश रिजवानः हम नेता दानिश रिजवान ने कहा कि एनडीए समन्वय समिति के गठन से बिहार में एनडीए और मजबूत होगा. सभी घटक दल किसी भी मुद्दे पर एनडीए समन्वय समिति के भीतर अपनी बातों को रखेंगे, जिससे सब कुछ साफ साफ होगा.हाल ही में जीतन राम मांझी ने अपने बेटे संतोष कुमार सुमन को हम का राष्ट्रीय बनाने की घोषणा की है. अब हम ने एनडीए समन्वय समिति की मांग की है. अब देखना होगा कि जदयू के बाद हम की एनडीए समन्वय समिति की मांग बयानों से उतर कर कब जमीन पर आता है.

एनडीए में समन्वय नहीं होने से हार: जदयू के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी कहा था कि जदयू, भाजपा और अन्य सहयोगी दलों के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत है. उन्होंने हालांकि इस हार को एनडीए के लिए झटका मानने से इनकार किया है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इस चुनाव में एनडीए में समन्वय नहीं दिखा, जिसके कारण हार हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि हाल के दिनों में एनडीए में शामिल दलों के नेताओं के बेवजह के बयानों पर विवाद पैदा हुआ है, अगर समन्वय समिति रहती तो ऐसे विवादों से भी बचा जा सकता था.

पढ़ें- बोचहां विधानसभा सीट NDA के हाथ से क्यों फिसली? सुनिए CM नीतीश का जवाब

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पटना: बिहार के बोचहां विधानसभा उपचुनाव में एनडीए प्रत्याशी की हार (NDA candidate defeat in Bochaha ) के बाद अब उसका 'साइड इफेक्ट ' भी दिखने लगा है. मंगलवार को जनता दल यूनाइटेड के बाद बुधवार को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की ओर से एनडीए में समन्वय समिति की मांग (HAM Demanded Coordination Committee For Bihar NDA) की गयी है. बोचहां उपचुनाव के नतीजे को बड़ा सियासी संदेश माना जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों और एनडीए में शामिल पार्टियों का भी मानना है कि उपचुनाव में हार के पीछे एनडीए में संगठन का अभाव भी एक कारण है.

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बोले हम महासचिवः हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) के प्रधान महासचिव दानिश रिजवान ने एनडीए में बेहतर समन्वय के लिए ऑर्डिनेशन कमिटी बनाने की मांग की है. दानिश रिजवान ने कहा कि जिस तरह से बोचहा उपचुनाव का परिणाम आया है. ऐसे में अब एनडीए को बहुत कुछ सोचने की जरूरत है. एनडीए के भीतर बेदतर समन्वय के लिए बेहतर संवाद जरूरी है. इसके लिए समन्वय समिति जरूरत महसूस हो रही है. जितना जल्द हो सके इसे एनडीए समन्वय समिति का गठन किया जाय.

बोले हम नेता दानिश रिजवानः हम नेता दानिश रिजवान ने कहा कि एनडीए समन्वय समिति के गठन से बिहार में एनडीए और मजबूत होगा. सभी घटक दल किसी भी मुद्दे पर एनडीए समन्वय समिति के भीतर अपनी बातों को रखेंगे, जिससे सब कुछ साफ साफ होगा.हाल ही में जीतन राम मांझी ने अपने बेटे संतोष कुमार सुमन को हम का राष्ट्रीय बनाने की घोषणा की है. अब हम ने एनडीए समन्वय समिति की मांग की है. अब देखना होगा कि जदयू के बाद हम की एनडीए समन्वय समिति की मांग बयानों से उतर कर कब जमीन पर आता है.

एनडीए में समन्वय नहीं होने से हार: जदयू के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी कहा था कि जदयू, भाजपा और अन्य सहयोगी दलों के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत है. उन्होंने हालांकि इस हार को एनडीए के लिए झटका मानने से इनकार किया है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इस चुनाव में एनडीए में समन्वय नहीं दिखा, जिसके कारण हार हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि हाल के दिनों में एनडीए में शामिल दलों के नेताओं के बेवजह के बयानों पर विवाद पैदा हुआ है, अगर समन्वय समिति रहती तो ऐसे विवादों से भी बचा जा सकता था.

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