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मिनी आंगनबाड़ी भर्ती परीक्षा देने पहुंचीं सैंकड़ों महिलाएं, सच सामने आया तो उड़े होश

बिहार में भागलपुर में नौकरी के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. पुलिस ने आंगनबाड़ी केंद्र में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी परीक्षा आयोजित करने के मामले में पांच को हिरासत में लिया है. पढ़ें पूरी खबर..

भागलपुर में नौकरी के नाम पर ठगी
भागलपुर में नौकरी के नाम पर ठगी
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Published : Dec 27, 2021, 8:42 PM IST

भागलपुर: बिहार में भागलपुर में नौकरी के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. दरअसल, जिले के नारायणपुर में एलएनबीजे महिला महाविद्यालय भ्रमरपुर में प्रगति बाल विकास योजना संस्थान (एनजीओ) द्वारा आंगनबाड़ी सेविका सहायिका की बहाली के नाम पर फर्जी परीक्षा लेने का (Fraud In Name Of Job In Bhagalpur) पर्दाफाश हुआ है. संस्थान ने 384 अभ्यर्थियों से परीक्षा के नाम पर एक-एक हजार रुपये शुल्क भी उगाही की थी. महाविद्यालय में परीक्षा देने के लिए सैकड़ों महिलाएं जमा हुईं. जिसकी सूचना नवगछिया एसडीएम ने बिहपुर पुलिस को दी. जांच करने पर फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया.

इसे भी पढ़ें : 'राष्ट्रीय दर्जा' हासिल करने के लिए 5 राज्यों के चुनाव पर JDU की नजर, जानें पूरी रणनीति..

वहीं, इस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए छात्र छात्राएं मुंगेर, भागलपुर, बेगूसराय से कुल 366 छात्र उपस्थित हुए थे. सभी से दक्षता परीक्षा के नाम पर ₹1000 लिया गया. वहीं, परीक्षा में पास करने के लिए 20000 से ₹40000 तक की मांग की गई. कई छात्रों ने उनके निजी खाते पर भी रुपए ट्रांसफर किये. फर्जीवाड़े की भनक लगते ही लोगों जमकर हंगामा किया. सूचना मिलते ही बिहपुर थाना अध्यक्ष राजकुमार सिंह एवं एसडीएम जितेंद्र पाल पहुंचकर मामले की छानबीन शुरू की तो मामले खुलासा हुआ.

देखें वीडियो

वहीं, नवगछिया एसडीएम ने बताया कि ये संस्था प्रगति बाल विकास योजना के नाम से बताया जा रहा है. प्रथम दृष्टयाया फर्जीवाड़े का मामला लग रहा है. गति बाल विकास योजना के तहत आंगनबाड़ी या मिनी आंगनबाड़ी में बहाली करने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं है. नारायणपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि, वहां के प्राचार्य जो अनुमति दिए उनके ऊपर भी केस दर्ज करें. फिलहाल एफआईआर दर्ज कर लिया गया है. अन्य को पकड़ने के लिए पुलिस छानबीन कर रही है.

वहीं, भागलपुर जिला अधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि जिन विद्यालयों में परीक्षा देने के लिए छात्र पहुंचे थे उन विद्यालय के प्राचार्य ने बिना किसी सरकारी, विभागीय अनुमति के परीक्षा देने की सहमति दे दी. 5 लोग गिरफ्तार हुए हैं, जिसमें कि मुंगेर क्षेत्रीय प्रबंधक पवन कुमार राम, प्रखंड समन्वयक रंजीत, पंचायत समन्वय विक्रम पासवान, सुपौल के क्षेत्रीय प्रबंधक सुरेंद्र कुमार, आलोक कुमार को हिरासत में ले लिया गया है.

ये भी पढ़ें- UP चुनाव के साथ शुरू हो जाएगी ललन सिंह की 'परीक्षा', JDU को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाना भी बड़ी चुनौती

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भागलपुर: बिहार में भागलपुर में नौकरी के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. दरअसल, जिले के नारायणपुर में एलएनबीजे महिला महाविद्यालय भ्रमरपुर में प्रगति बाल विकास योजना संस्थान (एनजीओ) द्वारा आंगनबाड़ी सेविका सहायिका की बहाली के नाम पर फर्जी परीक्षा लेने का (Fraud In Name Of Job In Bhagalpur) पर्दाफाश हुआ है. संस्थान ने 384 अभ्यर्थियों से परीक्षा के नाम पर एक-एक हजार रुपये शुल्क भी उगाही की थी. महाविद्यालय में परीक्षा देने के लिए सैकड़ों महिलाएं जमा हुईं. जिसकी सूचना नवगछिया एसडीएम ने बिहपुर पुलिस को दी. जांच करने पर फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया.

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वहीं, इस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए छात्र छात्राएं मुंगेर, भागलपुर, बेगूसराय से कुल 366 छात्र उपस्थित हुए थे. सभी से दक्षता परीक्षा के नाम पर ₹1000 लिया गया. वहीं, परीक्षा में पास करने के लिए 20000 से ₹40000 तक की मांग की गई. कई छात्रों ने उनके निजी खाते पर भी रुपए ट्रांसफर किये. फर्जीवाड़े की भनक लगते ही लोगों जमकर हंगामा किया. सूचना मिलते ही बिहपुर थाना अध्यक्ष राजकुमार सिंह एवं एसडीएम जितेंद्र पाल पहुंचकर मामले की छानबीन शुरू की तो मामले खुलासा हुआ.

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वहीं, नवगछिया एसडीएम ने बताया कि ये संस्था प्रगति बाल विकास योजना के नाम से बताया जा रहा है. प्रथम दृष्टयाया फर्जीवाड़े का मामला लग रहा है. गति बाल विकास योजना के तहत आंगनबाड़ी या मिनी आंगनबाड़ी में बहाली करने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं है. नारायणपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि, वहां के प्राचार्य जो अनुमति दिए उनके ऊपर भी केस दर्ज करें. फिलहाल एफआईआर दर्ज कर लिया गया है. अन्य को पकड़ने के लिए पुलिस छानबीन कर रही है.

वहीं, भागलपुर जिला अधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि जिन विद्यालयों में परीक्षा देने के लिए छात्र पहुंचे थे उन विद्यालय के प्राचार्य ने बिना किसी सरकारी, विभागीय अनुमति के परीक्षा देने की सहमति दे दी. 5 लोग गिरफ्तार हुए हैं, जिसमें कि मुंगेर क्षेत्रीय प्रबंधक पवन कुमार राम, प्रखंड समन्वयक रंजीत, पंचायत समन्वय विक्रम पासवान, सुपौल के क्षेत्रीय प्रबंधक सुरेंद्र कुमार, आलोक कुमार को हिरासत में ले लिया गया है.

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