पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि (Nagmani) ने देश के कई मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को ज्वाइन किया और कुछ दिन उस पार्टी में रहने के बाद उसे छोड़ दिया है. अब तक वह 12 से अधिक राजनीतिक पार्टियां बदल चुके हैं. अब नागमणि ने एक नई पार्टी का गठन किया है. राष्ट्रीय शोषित समाज दल (Rashtriya Shoshit Samaj Dal) के माध्यम से वो प्रदेश में मुस्लिम और कोईरी समीकरण बनाकर बिहार की राजनीति में एक नई पहचान बनाने के लिए तैयार हैं.
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ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान राष्ट्रीय शोषित समाज दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागमणि ने कहा कि वह अब तक कई राजनीतिक दल बदल चुके हैं और दल बदलने के मामले में देश में उनके जैसा कोई नेता नहीं होगा. उन्होंने कहा कि मैंने विभिन्न राजनीतिक दलों को ज्वाइन किया, लेकिन कहीं भी उन्हें पार्टी के अंदर लोकतांत्रिक मूल्यों का सही क्रियान्वयन नजर नहीं आया और सभी जगह उन्हें यही दिखा कि सभी पार्टियां प्राइवेट लिमिटेड पार्टी हैं. जहां एक चेयरमैन और दूसरे मैनेजिंग डायरेक्टर हैं.
''भाजपा की अगर बात करें तो नरेंद्र मोदी सरकार में चेयरमैन हैं और अमित शाह मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. वैसे ही कांग्रेस में सोनिया गांधी चेयरमैन हैं और राहुल गांधी मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. प्रदेश की अगर राजनीतिक दलों की बात करें तो राजद में लालू यादव चेयरमैन हैं और तेजस्वी यादव मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. जबकि जदयू में नीतीश कुमार चेयरमैन हैं और मैनेजिंग डायरेक्टर के लिए आरसीपी सिंह और ललन सिंह में फाइट चल रही है.''- नागमणि, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय शोषित समाज दल
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नागमणि ने कहा कि इन तमाम स्थितियों को देखते हुए उन्होंने नई पार्टी का गठन किया है. जिसका नाम राष्ट्रीय शोषित समाज दल है. इस पार्टी में लोकतांत्रिक मूल्यों के पालन पर विशेष जोर दिया गया है. ऐसा नहीं है कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो जो वह कहेंगे वही होगा, बल्कि अंतिम फैसला वही होगा जो पार्टी की कोर कमेटी की बैठक का निर्णय होगा. हमने जो पार्टी बनाई है उसका क्रियान्वयन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के सिद्धांत, अब्दुल कईम अंसारी के सिद्धांत और भारत लेनिन शहीद जगदेव प्रसाद के सिद्धांत के अनुरूप होगा.
उन्होंने कहा कि सोमवार को पार्टी की कोर कमेटी की बैठक की गई, जिसमें कई लोगों ने यह कहा कि जब पार्टी राज्य के सभी राजनीतिक दलों की नीतियों का विरोध करेगी, तो इस बार विधानसभा उपचुनाव में किसी पार्टी को समर्थन नहीं था. लेकिन, वहीं कुछ लोगों ने यह कहा कि जदयू को हराना जरूरी है, ऐसे लोगों की संख्या अधिक थी. ऐसे में उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करने के बाद कुशेश्वरस्थान में कांग्रेस और तारापुर में राजद को समर्थन देने का निर्णय लिया है. दोनों जगह कोईरी समाज की काफी अहम भूमिका है और मुसलमान भी अच्छी संख्या में हैं. ऐसे में उनका समर्थन निश्चित रूप से पार्टियों के लिए फायदेमंद रहेगा.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने कहा कि वह पंचायत चुनाव के बाद पार्टी के संगठन विस्तार का काम करेंगे और इसके लिए वह पंचायत स्तर से बूथ स्तर तक कमेटी का गठन करेंगे और प्रदेश में भाजपा के बाद सबसे अधिक अगर कोई मजबूत संगठन होगा तो वह उनकी पार्टी का होगा, वो यह सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने कहा कि वह पार्टी में सभी समाज का साथ लेकर आगे बढ़ेंगे, लेकिन प्रदेश में वह मुख्यमंत्री कोईरी समाज और उपमुख्यमंत्री मुस्लिम समाज से बनाएंगे.
नागमणि ने कहा कि अगले साल अप्रैल-मई तक पार्टी बूथ स्तर तक अपने कार्यकर्ता बना लेगी. अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रदेश में नए मुद्दों के साथ उतरेगी और संगठन पूरी तरह बनने के बाद पार्टी नए मुद्दों को लेकर प्रदेश में काम भी करेगी.