पटना: बिहार में कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद सुधाकर सिंह (Former Agriculture Minister Sudhakar Singh) लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र में सभाओं को संबोधित कर रहे हैं और किसानों से मिल रहे हैं. कैमूर में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने सरकार की पहले की व्यवस्था पर कई सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि हम किसानों के लिए काम करना चाहते थे, लेकिन जो पहले की व्यवस्था थी, उसमें हम काम नहीं कर पाते और इसीलिए हमने मंत्री पद त्याग दिया है.
ये भी पढ़ेंः सुधाकर सिंह का इस्तीफा मंजूर, कुमार सर्वजीत को मिला कृषि मंत्री का प्रभार
पूर्व की व्यस्था के तहत नहीं कर सकता था कामः सुधाकर सिंह ने कहा कि हमारी सरकार है और कहीं न कहीं जनता की समस्या का समाधान करने की हम कोशिश करेंगे. सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 45 दिन के कार्यकाल में हमने बागवानी और कृषि को लेकर कुछ काम किया है. खास करके जलच्छादन को लेकर जो नीति थी, उसमें बदलाव हुआ है. सरकार की जो व्यवस्था बनी हुई है और जिस तरह से विभाग काम कर रहा था. हमें पसंद नहीं आया. यही कारण रहा कि मैंने अपने पद का त्याग कर दिया है.
पूर्व में जो का नहीं हो पाया, उसे पूरा किया जाएगाः उन्होंने आदिवासी समाज को संबोधित करते हुए कहा कि जिस जगह पर अस्पताल बनना चाहिए वहां पूर्व की सरकार की नीति के कारण पुलिस बैरक बन गया है. अब हमारी सरकार बनी है और मैं आश्वासन देता हूं कि कहीं न कहीं मैं सरकार में हूं और कोशिश कर रहा हूं कि बहुत जल्द यहां पर अस्पताल की स्थापना हो जाए. पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह लगातार अपनी सरकार की पूर्व की नीतियों पर हमला करते नजर आए.
इस्तीफे के लेकर सफाई देते नजर आए पूर्व कृषि मंत्रीः कृषि मंत्री से इस्तीफा देने के बाद सुधाकर सिंह अभी अपने क्षेत्र में ही हैं और लगातार किसानों से मिल रहे हैं. वहां के जनता के बीच जाकर सभा कर रहे हैं और क्षेत्र की जनता को यह सफाई देते हुए नजर आते हैं कि किस हालात में उन्होंने मंत्री पद का त्याग किया है. सरकार की नीति को लेकर पूर्व कृषि मंत्री अपने क्षेत्र की जनता के बीच जाकर लगातार विरोध करते नजर आ रहे हैं. उनका साफ साफ कहना है कि सरकार की जो व्यवस्था है. उसमें मैं कहीं से भी फिट नहीं था. इस कारण मैं काम नहीं कर पा रहा था. क्योंकि मैं चाहता हूं कि काम वह हो जिससे किसानों को फायदा हो. लेकिन वैसा नहीं हो रहा था इसलिए हमने अपने पद से इस्तीफा दिया है.
"सत्ता में हम बदलाव के लिए आये हैं. सत्ता में हम यथास्थिति बनाए रखने के लिए नहीं आए हैं. कम से कम मुझसे यह अपेक्षा लोगों को नहीं करना चाहिए. जिन लोगों को लगा कि मैं इस व्यवस्था के लिए फिट नहीं हूं, उन लोगों को मैंने अलविदा करने में देर नहीं किया. फिर भी सरकार हमरी है और पूर्व की व्यवस्था के तहत जो काम नहीं हो पाए थे, आगे वह काम कराने की कोशिश करूंगा" - सुधाकर सिंह, पूर्व कृषि मंत्री
ये भी पढ़ेंः कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के इस्तीफे के बाद किसानों से जुड़ी मंडी व्यवस्था को लेकर संशय