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Chhath Puja 2021: नहाय-खाय के साथ सोमवार से शुरू होगा सूर्य उपासना का महापर्व छठ, जानें सूर्योदय और सूर्यास्त का समय - बिहार की खबरें

सोमवार से छठ महापर्व की शुरुआत हो रही है. चार दिवसीय महापर्व बिहार के साथ-साथ उत्तर भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. पढ़ें पूरी खबर...

FIRST DAY OF CHHATH PUJA 2021 DATE AND TIME
FIRST DAY OF CHHATH PUJA 2021 DATE AND TIME
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Published : Nov 7, 2021, 7:33 PM IST

पटना: महापर्व छठ ( Chhath Puja 2021 ) को लेकर बिहार समेत उत्तर भारत में उत्साह का माहौल है. सोमवार से चार दिवसीय पर्व की शुरुआत हो रही है. इस दिन को नहाय-खाय ( Nahay-Khay ) के नाम से जाना जाता है. छठ का त्योहार व्रतियां 36 घंटों का निर्जला व्रत रखकर मनाती हैं.

छठ पूजा हर साल का​र्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है. दिवाली के बाद छठ पूजा, हिंदूओं का छठ सबसे बड़े त्योहार है. इस व्रत को छठ पूजा, सूर्य षष्‍ठी पूजा और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है. इस बार छठ पूजा 8 नवंबर से 11 नवंबर तक है. उत्तर भारत और खासतौर से बिहार, यूपी, झारखंड में इस त्योहार का बेहद खास महत्व होता है.

ये भी पढ़ें : छठ को लेकर घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम, SDRF को किया गया तैनात

8 नवंबर को नहाय खाय: छठ पर्व के पहले दिन घर में जो भी छठ का व्रत करने का संकल्‍प लेता है वह, स्‍नान करके साफ और नए वस्‍त्र धारण करता है. फिर व्रती शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं. आम तौर पर इस दिन कद्दू की सब्‍जी बनाई जाती है. इस वर्ष नहाय-खाय 8 नवंबर ( सोमवार ) को है. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 02 मिनट पर और सूर्यास्त 5 बजकर 04 मिनट पर होगा.

ये भी पढ़ें- Chhath Geet: छठी मईया के गीतों से गूंजा पटना का गंगा घाट

नहाय-खाय का विधि-विधान

  • सबसे पहले घर की साफ-सफाई कर लें.
  • किसी नदी-तालाब में नहाकर शुद्ध वस्त्र पहनना चाहिए.
  • नहाय-खाय पर भी गंगास्नान संभव हो तो करें.
  • अगर गंगास्नान नहीं कर सकते हैं तो अपने स्नान के जल में गंगाजल डाल लें. ऐसा करना शुभ माना जाता है.
  • छठ करने वाली व्रती महिलाएं या पुरुष चने की दाल और लौकी की सब्जी बनावें. खाने में सेंधा नमक का प्रयोग करें.
  • भगवान गणेश और सूर्यनारायण को भोग लगाकर व्रती भोजन को प्रसाद के रुप में ग्रहण करें. और घर के सभी सदस्य भी यही खाते हैं.
  • नहाय-खाय और छठ पर्व के दौरान घर के सदस्यों को मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • रात को भी घर के सदस्य छना हुआ खाना ही खाएं.
  • व्रत रखने वाली महिला या पुरुष को जमीन पर सोना चाहिए.

9 नवंबर को खरना: खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है. यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 03 मिनट पर और सूर्यास्त 5 बजकर 04 मिनट पर होगा.

ये भी पढ़ें : जानिए क्यों मनाया जाता है छठ महापर्व, क्या है इसका पौराणिक महत्व

10 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य: बुधवार शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इस दिन सूर्यादय 6 बजकर 03 मिनट पर और सूर्यास्त 5 बजकर 03 मिनट पर होगा.

11 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य- छठ पूजा का अंतिम दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि होती है. इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है. उसके बाद पारण कर व्रत को पूरा किया जाता है. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 04 मिनट पर और सूर्यास्त 5 बजकर 03 मिनट पर होगा.

बता दें कि सूर्योदय और सूर्यास्त का समय पटना के अनुसार दिया गया है, शहर के अनुसार इसमें बदलाव हो सकता है

पटना: महापर्व छठ ( Chhath Puja 2021 ) को लेकर बिहार समेत उत्तर भारत में उत्साह का माहौल है. सोमवार से चार दिवसीय पर्व की शुरुआत हो रही है. इस दिन को नहाय-खाय ( Nahay-Khay ) के नाम से जाना जाता है. छठ का त्योहार व्रतियां 36 घंटों का निर्जला व्रत रखकर मनाती हैं.

छठ पूजा हर साल का​र्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है. दिवाली के बाद छठ पूजा, हिंदूओं का छठ सबसे बड़े त्योहार है. इस व्रत को छठ पूजा, सूर्य षष्‍ठी पूजा और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है. इस बार छठ पूजा 8 नवंबर से 11 नवंबर तक है. उत्तर भारत और खासतौर से बिहार, यूपी, झारखंड में इस त्योहार का बेहद खास महत्व होता है.

ये भी पढ़ें : छठ को लेकर घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम, SDRF को किया गया तैनात

8 नवंबर को नहाय खाय: छठ पर्व के पहले दिन घर में जो भी छठ का व्रत करने का संकल्‍प लेता है वह, स्‍नान करके साफ और नए वस्‍त्र धारण करता है. फिर व्रती शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं. आम तौर पर इस दिन कद्दू की सब्‍जी बनाई जाती है. इस वर्ष नहाय-खाय 8 नवंबर ( सोमवार ) को है. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 02 मिनट पर और सूर्यास्त 5 बजकर 04 मिनट पर होगा.

ये भी पढ़ें- Chhath Geet: छठी मईया के गीतों से गूंजा पटना का गंगा घाट

नहाय-खाय का विधि-विधान

  • सबसे पहले घर की साफ-सफाई कर लें.
  • किसी नदी-तालाब में नहाकर शुद्ध वस्त्र पहनना चाहिए.
  • नहाय-खाय पर भी गंगास्नान संभव हो तो करें.
  • अगर गंगास्नान नहीं कर सकते हैं तो अपने स्नान के जल में गंगाजल डाल लें. ऐसा करना शुभ माना जाता है.
  • छठ करने वाली व्रती महिलाएं या पुरुष चने की दाल और लौकी की सब्जी बनावें. खाने में सेंधा नमक का प्रयोग करें.
  • भगवान गणेश और सूर्यनारायण को भोग लगाकर व्रती भोजन को प्रसाद के रुप में ग्रहण करें. और घर के सभी सदस्य भी यही खाते हैं.
  • नहाय-खाय और छठ पर्व के दौरान घर के सदस्यों को मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • रात को भी घर के सदस्य छना हुआ खाना ही खाएं.
  • व्रत रखने वाली महिला या पुरुष को जमीन पर सोना चाहिए.

9 नवंबर को खरना: खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है. यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 03 मिनट पर और सूर्यास्त 5 बजकर 04 मिनट पर होगा.

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10 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य: बुधवार शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इस दिन सूर्यादय 6 बजकर 03 मिनट पर और सूर्यास्त 5 बजकर 03 मिनट पर होगा.

11 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य- छठ पूजा का अंतिम दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि होती है. इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है. उसके बाद पारण कर व्रत को पूरा किया जाता है. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 04 मिनट पर और सूर्यास्त 5 बजकर 03 मिनट पर होगा.

बता दें कि सूर्योदय और सूर्यास्त का समय पटना के अनुसार दिया गया है, शहर के अनुसार इसमें बदलाव हो सकता है

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