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नेपाली नगर पहुंचे राकेश टिकैत, बोले- 'जरूरत पड़ी तो यहां के लोगों के लिए आंदोलन करेंगे' - Swami Sahajanand Saraswati Ashram

देश के जाने-माने किसान नेता इन दिनों बिहार दौरे पर हैं. एक ओर वे किसानों की समस्या के लिए दिल्ली की तरह राज्य में भी आंदोलन की बात कर रहे हैं. वहीं हाल में पटना के नेपाली नगर से अतिक्रमण हटाये जाने से प्रभावित लोगों से मिले. इस दौरान (Farmer leader Rakesh Tikait Statement On Nepali Nagar Issue) उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा जायेगा. जरूरत पड़ी तो यहां के लोगों के लिए आंदोलन किया जायेगा. पढ़ें पूरी खबर..

राकेश टिकैत
राकेश टिकैत
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Published : Jul 20, 2022, 8:39 PM IST

पटनाः बुधवार को किसान नेता राकेश टिकैत (Kishan Leader Rakesh Tikait) पटना के दीघा क्षेत्र में पहुंचे. यहां उन्होंने नेपाली नगर के लोगों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहां कि वो राज्य सरकार और केंद्र सरकार को इस संबंध में पत्र लिखेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि भविष्य में जरूरत पड़ी तो इसके लिए आंदोलन भी खड़ा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसी के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बता दें कि दीघा के पूर्व मुखिया चंद्रवंशी सिंह के आमंत्रण पर राकेश टिकैत नेपाली नगर पहुंचे और लोगों की समस्या सुनी.

पढ़ें-धार्मिक कट्टरता बढ़ेगी तो देश के हालात खराब हो जाएंगे: राकेश टिकैत

क्या है नेपाली नगर का मामला?: आपको बता दें कि राजीव नगर थाना क्षेत्र स्थित नेपाली नगर में आवास बोर्ड की 40 एकड़ भूमि पर जिला प्रशासन ने 90 मकानों पर बुलडोजर चलाया था. प्रशासन का दावा था कि लोगों को डेढ़ महीने पहले घर खाली करने का नोटिस दे दिया गया था. इसे लेकर नेपाली नगर के आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर पथराव और आगजनी कर जमकर बवाल काटा. जिसमें सिटी एसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. इसे देख पुलिस ने दो दर्जन से अधिक उपद्रवियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

पटना हाईकोर्ट में चल रहा है मामलाः इस पूरे मामले में नेपाली नगर के लोगों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए प्रशासन को फटकार लगाई. कोर्ट ने आवास बोर्ड की जमीन पर किसी तरह का निर्माण पर रोक लगाते हुए अविलम्ब बिजली-पानी बहाल करने का निर्देश जारी कर अगले आदेश तक तोरफोड़ पर रोक लगा दी थी.

जमीन पर विवाद क्यों?: दरअसल, राजीव नगर-दीघा इलाके में 1024 एकड़ जमीन पर मकान बने थे. ये पूरा विवाद 1974 में तब शुरू हुआ, जब बिहार हाउसिंग बोर्ड ने रेसिडेंशियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए यहां के किसानों से जमीन खरीदनी शुरू की. लेकिन किसानों ने आरोप लगाया कि जमीन अधिग्रहण के बावजूद उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया. मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया. सुप्रीम कोर्ट ने हाउसिंग बोर्ड को आदेश दिया कि वो किसानों को ब्याज के साथ मुआवजा दे. हालांकि, बोर्ड ने अब तक किसानों को मुआवजा नहीं दिया है. हाउसिंग बोर्ड के इस रवैये से नाराज होकर किसानों ने अपनी जमीन बेचनी शुरू कर दी और पूरे विवाद की शुरुआत यहीं से हुई.

इससे पहले मत्था टेकाः राकेश टिकैत इससे पहले तखत श्री हरमंदिर जी पटना साहिब गुरुद्वारा (Takhat Shri Harmandir Ji Patna Sahib) पहुंचे और मत्था टेककर आशीष प्राप्त किया. वहीं गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से उन्हें सिरोपा भेंट किया गया. मत्था टेकने के बाद राकेश टिकैत ने कहा कि देश में बड़े आंदोलन की जरूरत है, क्योंकि आज देश में बहुत बड़ी साजिश चल रही है. उसे निस्ता नाबूत करने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर आंदोलन की जरूरत है. आज जिस तरह से खाने-पीने के सामानों पर 5 फीसदी जीएसटी लगाकर मध्यम वर्गीय परिवार एवं आम जनमानस को परेशान किया जा रहा है. जीएसटी से बड़े-बड़े पूंजीपतियों को बढ़ावा मिलेगा. सरकार किसानों को बेहतर सुविधा नहीं दे पा रही है. मेरे लिये किसान भगवान हैं. किसानों को बेहतर सुविधा नहीं मिली तो डबल इंजन की सरकार के खिलाफ पटना को नई दिल्ली बना दूंगा.

बिहार सरकार को मंडी व्यवस्था वापस लेना पड़ेगाः वहीं शाम में किसान नेता राकेश टिकैत राजधानी पटना से सटे बिहटा के राघोपुर स्थित स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रम (Swami Sahajanand Saraswati Ashram) पहुंचे, जहां किसानों ने राकेश टिकैत को माला पहनाकर स्वागत किया. इस दौरान राकेश टिकैत ने आश्रम में किसानों के साथ बैठक की. इस दौरान टिकैत ने केंद्र और राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार की ओर से लाये गये कृषि कानूनों को केंद्र सरकार को वापस लेना पड़ा था, उसी प्रकार से बिहार सरकार को भी वर्तमान मंडी व्यवस्था वापस लेना पड़ेगा. मंडी व्यवस्था को फिर से किसानों के हाथों में देना होगा, तभी किसानों को फायदा होगा.

पढ़ें-बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहे किसान, इसके बिना नहीं सुनती सरकार- राकेश टिकैत

पटनाः बुधवार को किसान नेता राकेश टिकैत (Kishan Leader Rakesh Tikait) पटना के दीघा क्षेत्र में पहुंचे. यहां उन्होंने नेपाली नगर के लोगों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहां कि वो राज्य सरकार और केंद्र सरकार को इस संबंध में पत्र लिखेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि भविष्य में जरूरत पड़ी तो इसके लिए आंदोलन भी खड़ा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसी के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बता दें कि दीघा के पूर्व मुखिया चंद्रवंशी सिंह के आमंत्रण पर राकेश टिकैत नेपाली नगर पहुंचे और लोगों की समस्या सुनी.

पढ़ें-धार्मिक कट्टरता बढ़ेगी तो देश के हालात खराब हो जाएंगे: राकेश टिकैत

क्या है नेपाली नगर का मामला?: आपको बता दें कि राजीव नगर थाना क्षेत्र स्थित नेपाली नगर में आवास बोर्ड की 40 एकड़ भूमि पर जिला प्रशासन ने 90 मकानों पर बुलडोजर चलाया था. प्रशासन का दावा था कि लोगों को डेढ़ महीने पहले घर खाली करने का नोटिस दे दिया गया था. इसे लेकर नेपाली नगर के आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर पथराव और आगजनी कर जमकर बवाल काटा. जिसमें सिटी एसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. इसे देख पुलिस ने दो दर्जन से अधिक उपद्रवियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

पटना हाईकोर्ट में चल रहा है मामलाः इस पूरे मामले में नेपाली नगर के लोगों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए प्रशासन को फटकार लगाई. कोर्ट ने आवास बोर्ड की जमीन पर किसी तरह का निर्माण पर रोक लगाते हुए अविलम्ब बिजली-पानी बहाल करने का निर्देश जारी कर अगले आदेश तक तोरफोड़ पर रोक लगा दी थी.

जमीन पर विवाद क्यों?: दरअसल, राजीव नगर-दीघा इलाके में 1024 एकड़ जमीन पर मकान बने थे. ये पूरा विवाद 1974 में तब शुरू हुआ, जब बिहार हाउसिंग बोर्ड ने रेसिडेंशियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए यहां के किसानों से जमीन खरीदनी शुरू की. लेकिन किसानों ने आरोप लगाया कि जमीन अधिग्रहण के बावजूद उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया. मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया. सुप्रीम कोर्ट ने हाउसिंग बोर्ड को आदेश दिया कि वो किसानों को ब्याज के साथ मुआवजा दे. हालांकि, बोर्ड ने अब तक किसानों को मुआवजा नहीं दिया है. हाउसिंग बोर्ड के इस रवैये से नाराज होकर किसानों ने अपनी जमीन बेचनी शुरू कर दी और पूरे विवाद की शुरुआत यहीं से हुई.

इससे पहले मत्था टेकाः राकेश टिकैत इससे पहले तखत श्री हरमंदिर जी पटना साहिब गुरुद्वारा (Takhat Shri Harmandir Ji Patna Sahib) पहुंचे और मत्था टेककर आशीष प्राप्त किया. वहीं गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से उन्हें सिरोपा भेंट किया गया. मत्था टेकने के बाद राकेश टिकैत ने कहा कि देश में बड़े आंदोलन की जरूरत है, क्योंकि आज देश में बहुत बड़ी साजिश चल रही है. उसे निस्ता नाबूत करने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर आंदोलन की जरूरत है. आज जिस तरह से खाने-पीने के सामानों पर 5 फीसदी जीएसटी लगाकर मध्यम वर्गीय परिवार एवं आम जनमानस को परेशान किया जा रहा है. जीएसटी से बड़े-बड़े पूंजीपतियों को बढ़ावा मिलेगा. सरकार किसानों को बेहतर सुविधा नहीं दे पा रही है. मेरे लिये किसान भगवान हैं. किसानों को बेहतर सुविधा नहीं मिली तो डबल इंजन की सरकार के खिलाफ पटना को नई दिल्ली बना दूंगा.

बिहार सरकार को मंडी व्यवस्था वापस लेना पड़ेगाः वहीं शाम में किसान नेता राकेश टिकैत राजधानी पटना से सटे बिहटा के राघोपुर स्थित स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रम (Swami Sahajanand Saraswati Ashram) पहुंचे, जहां किसानों ने राकेश टिकैत को माला पहनाकर स्वागत किया. इस दौरान राकेश टिकैत ने आश्रम में किसानों के साथ बैठक की. इस दौरान टिकैत ने केंद्र और राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार की ओर से लाये गये कृषि कानूनों को केंद्र सरकार को वापस लेना पड़ा था, उसी प्रकार से बिहार सरकार को भी वर्तमान मंडी व्यवस्था वापस लेना पड़ेगा. मंडी व्यवस्था को फिर से किसानों के हाथों में देना होगा, तभी किसानों को फायदा होगा.

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