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मसौढ़ी PHC में खुलेआम जलाई जा रही है एक्सपायरी दवा, NGT के आदेश पर पानी फेर रहा अस्पताल प्रशासन

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Published : Dec 11, 2021, 10:01 PM IST

मेडिकल वेस्ट निस्तारण को लेकर नियम बने हैं. बावजूद इसके मसौढ़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में खुलेआम एक्सपायरी दवाओं को जलाया जा रहा है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

खुलेआम जलाई जा रही है एक्सपायरी दवा
खुलेआम जलाई जा रही है एक्सपायरी दवा

पटना: मेडिकल वेस्ट निस्तारण (Medical Waste Disposal) को लेकर शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को लगातार एनजीटी ने विशेष तौर पर दिशा निर्देश दिया है. इसके बावजूद भी मसौढ़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Masaurhi Primary Health Center) में एक्सपायरी दवाओं को कूड़े-कचरे के ढेर में जलाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- मसौढ़ी में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, भारी मात्रा में दवाइयां हुईं एक्सपायर

एक तरफ जहां मरीजों को अस्पतालों में समुचित दवाएं नहीं मिल रही है. वहीं, अस्पतालों में रखे-रखे दवाइयां एक्सपायर हो जा रही है और अब एक्सपायरी दवाइयों की कमी को छुपाने के लिए मसौढ़ी अस्पताल प्रशासन कूड़े कचरे के ढेर में एक्सपायरी दवाइयां जला रहा है.

जो ना केवल एनजीटी के नियमों का घोर-उल्लंघन कर रहा है बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लोगों को जलती हुई दवाओं से उठने वाली धुआं से लोगों की परेशानी को भी बढ़ा रहा है.

NGT के आदेश पर पानी फेर रहा है अस्पताल प्रशासन

ये भी पढ़ें- VIDEO: गोपालगंज में आरजेडी विधायक की दबंगई, जिला परिषद प्रत्याशी को मारा थप्पड़, वीडियो वायरल

दरअसल, दो दिन पहले ईटीवी भारत की टीम ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मसौढ़ी के स्ट्रांग रूम में रखी एक्सपायरी दवाओं की खबर चलाई थी जिसे आज आनन-फानन में अपनी कमियों को छुपाने के लिए दवाओं को कूड़े-कचरे के ढेर में जलाया जा रहा है.

इस पूरे मामले में सिविल सर्जन विभा कुमारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि किसी भी सूरत में एक्सपायरी दवा को जलाना नहीं है बल्कि उसे मेडिकल वेस्ट निस्तारण को लेकर गड्ढे में खोदकर डालना है. वहीं बीएमआरसीएल को भी सूचना देनी है. जिला अधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है.

ये भी पढ़ें- साधु यादव पर भड़के तेजप्रताप यादव, कहा- 'आवतानी बिहार त गर्दा उड़ाव तानी तोहार'

एक तरफ अस्पताल में मरीजों को ससमय दवा नहीं मिल रहा है. वहीं, अस्पताल में रखे-रखे दवाइयां एक्सपायर हो जा रही है और अब उस एक्पायरी दवा को कूड़े-कचरे के ढेर में जलाया जा रहा है. दवा जलाने से वातावरण पर प्रदूषण का खतरा भी बढ़ रहा है. एनजीटी के नियमों का घोर उल्लंघन भी हो रहा है. ऐसे में सिस्टम पर सवाल उठना लाजमी है. आखिर दोषी कौन है.

ये भी पढ़ें- राजगीर में बोले CM नीतीश- कोरोना की तीसरी लहर से निपटने को सरकार तैयार

ये भी पढ़ें- बार-बार काम ढूंढने की बात सुनकर शख्स को आया गुस्सा, पत्नी और सास-ससुर पर कर दिया चाकू से जानलेवा हमला

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एक तरफ जहां मरीजों को अस्पतालों में समुचित दवाएं नहीं मिल रही है. वहीं, अस्पतालों में रखे-रखे दवाइयां एक्सपायर हो जा रही है और अब एक्सपायरी दवाइयों की कमी को छुपाने के लिए मसौढ़ी अस्पताल प्रशासन कूड़े कचरे के ढेर में एक्सपायरी दवाइयां जला रहा है.

जो ना केवल एनजीटी के नियमों का घोर-उल्लंघन कर रहा है बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लोगों को जलती हुई दवाओं से उठने वाली धुआं से लोगों की परेशानी को भी बढ़ा रहा है.

NGT के आदेश पर पानी फेर रहा है अस्पताल प्रशासन

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दरअसल, दो दिन पहले ईटीवी भारत की टीम ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मसौढ़ी के स्ट्रांग रूम में रखी एक्सपायरी दवाओं की खबर चलाई थी जिसे आज आनन-फानन में अपनी कमियों को छुपाने के लिए दवाओं को कूड़े-कचरे के ढेर में जलाया जा रहा है.

इस पूरे मामले में सिविल सर्जन विभा कुमारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि किसी भी सूरत में एक्सपायरी दवा को जलाना नहीं है बल्कि उसे मेडिकल वेस्ट निस्तारण को लेकर गड्ढे में खोदकर डालना है. वहीं बीएमआरसीएल को भी सूचना देनी है. जिला अधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है.

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