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सीमेंट, गिट्टी, बालू और छड़ों के आसमान छूते दाम.. बढ़ती महंगाई में घर बनाना हुआ मुश्किल - etv bharat

बिहार में खुद का घर बनाना अब मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए सपना बनकर (Expensive to Build House in Bihar) रह गया है. बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के सामान के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. जिसका नतीजा है कि लोगों ने अपने घर के कंस्ट्रक्शन का काम बंद कर दिया हैं. लोग घर का कंस्ट्रक्शन ठप (House Construction Stalled) कर दाम कम होने का इंतजार कर रहे हैं. पढ़ें रिपोर्ट..

बिहार में घर बनाना महंगा
बिहार में घर बनाना महंगा
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Published : Apr 21, 2022, 6:25 PM IST

पटना: रोटी, कपड़ा और मकान इंसान की मूलभूत आवश्यकता है, लेकिन इन दिनों रोटी के साथ-साथ मकान बनाना महंगा होता जा रहा है. खास करके मध्यम वर्ग के लोगों के लिए मकान का सपना सपने जैसा होता दिख रहा है. जिस तरह से बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के सामान की कीमत में बढ़ोतरी (Increase in Cost of Building Construction Materials) हुई है, ऐसे में आम लोगों के लिए अपना आशियाना बनाना महज एक सपना बनकर रह गया है. खासकर रोज कमाने खाने वाले या मध्यम वर्ग के लोगों को मकान बनाने के लिए काफी सोचना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- महंगाई की मार: आसमान छू रहे सब्जियों के दाम, आम लोगों की थाली का बिगाड़ा जायका

बिहार में घर बनाना महंगा: बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन में सीमेंट और बालू के दाम में पहले की तुलना में करीब 30 से 35% की वृद्धि हो गई है. जहां पहले 8 बाई 10 फीट का रूम तैयार करने में ढाई से तीन लाख का खर्च आता था, वहींं अब 5 लाख तक की लागत आ रही है. सीमेंट छड़ के दामों में आई तेजी को लेकर बिल्डिंग मटेरियल की दुकानदार चंदन पांडेय ने बताया कि दाम बढ़ने के पीछे पेट्रोल और डीजल के साथ-साथ कोयले की किल्लत के कारण कोयले के दामों में बढ़ोतरी एकमात्र कारण है.

''बिल्डिंग मटेरियल के दामों में तेजी आई है, जिससे कि लोगों को महंगे दामों में खरीदारी करना पड़ रही है. 10 एमएम, 12 एमएम और अलग-अलग क्वालिटी की छड़ों का रेट अलग-अलग है. सीमेंट के दामों में काफी बढ़ोतरी हुई है. एक बोरी सीमेंट पर लगभग ₹50 से ₹60 बढ़ गए हैं. सरिया का दाम जो पहले ₹72000 क्विंटल था वह आज ₹94000 क्विंटल पहुंच गया है.''- चंदन पांडेय, दुकानदार

बिल्डिंग मटेरियल के दामों में तेजी: वहीं, बालू और गिट्टी के दुकानदार विजय ने बताया कि हाल के दिनों में बालू, गिट्टी, सरिया यानी कि बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन मटेरियल में काफी इजाफा हुआ है. जहां पहले ₹3600 सौ फीट बालू मिलता था, वह आज ₹4000 फीट हो गया है. वहीं, गिट्टी पहले ₹6800 रुपए फीट मिलता था, जो आज ₹8000 रुपए है. गिट्टी और बालू के साथ-साथ अन्य सामग्री भी महंगे हो गए हैं, जिससे मध्यमवर्गीय लोग घर का कंस्ट्रक्शन ठप कर दाम कम होने का इंतजार कर रहे हैं.

''पहले मकान बनाने का सपना देखा था और काम भी शुरू करवा दिया था, लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह से मकान निर्माण सामग्री के दाम में बढ़ोतरी हुआ है तो काम बंद करवा दिया है. पहले सीमेंट ₹280 बोरी मिलता था, वह ₹320 प्रति बोरी पहुंच गया है. इसके अलावा बालू के दामों में भी बढ़ोतरी हो गया है, जिसका नतीजा है कि अपने घर के कंस्ट्रक्शन का काम बंद कर दिए हैं और इंतजार कर रहे हैं कि कब बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन सामानों के दामों में कमी होगी तो फिर से मकान बनाने का काम शुरू किया जाएगा.''- सिंटू कुमार, ठेकेदार

घर का कंस्ट्रक्शन ठप: राजमिस्त्री का भी मानना है कि जिस तरह से गिट्टी बालू सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी हुई है, ऐसे में गिने-चुने लोग ही घर बनवा रहे हैं. दो दिन काम करना पड़ रहा है तो 2 दिन घर पर बैठना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के सामानों में भले बढ़ोतरी हुई है, लेकिन मजदूरी पिछले 2 साल से जस की तस बनी हुई है. कुल मिलाकर देखा जाए तो दुकानदार से लेकर आम लोगों की परेशानी इस बढ़ती महंगाई ने कमर तोड़ दी है. दुकानदारों का भी मानना है कि मकान कंस्ट्रक्शन सामग्री के दाम बढ़ने से पूंजी ज्यादा लगाना पड़ रही है और लोग बेतहाशा महंगाई के चलते फिलहाल घर बनवाने का काम ठप भी कर रहे हैं, जिस कारण से बाजार मंदा है.

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पटना: रोटी, कपड़ा और मकान इंसान की मूलभूत आवश्यकता है, लेकिन इन दिनों रोटी के साथ-साथ मकान बनाना महंगा होता जा रहा है. खास करके मध्यम वर्ग के लोगों के लिए मकान का सपना सपने जैसा होता दिख रहा है. जिस तरह से बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के सामान की कीमत में बढ़ोतरी (Increase in Cost of Building Construction Materials) हुई है, ऐसे में आम लोगों के लिए अपना आशियाना बनाना महज एक सपना बनकर रह गया है. खासकर रोज कमाने खाने वाले या मध्यम वर्ग के लोगों को मकान बनाने के लिए काफी सोचना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- महंगाई की मार: आसमान छू रहे सब्जियों के दाम, आम लोगों की थाली का बिगाड़ा जायका

बिहार में घर बनाना महंगा: बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन में सीमेंट और बालू के दाम में पहले की तुलना में करीब 30 से 35% की वृद्धि हो गई है. जहां पहले 8 बाई 10 फीट का रूम तैयार करने में ढाई से तीन लाख का खर्च आता था, वहींं अब 5 लाख तक की लागत आ रही है. सीमेंट छड़ के दामों में आई तेजी को लेकर बिल्डिंग मटेरियल की दुकानदार चंदन पांडेय ने बताया कि दाम बढ़ने के पीछे पेट्रोल और डीजल के साथ-साथ कोयले की किल्लत के कारण कोयले के दामों में बढ़ोतरी एकमात्र कारण है.

''बिल्डिंग मटेरियल के दामों में तेजी आई है, जिससे कि लोगों को महंगे दामों में खरीदारी करना पड़ रही है. 10 एमएम, 12 एमएम और अलग-अलग क्वालिटी की छड़ों का रेट अलग-अलग है. सीमेंट के दामों में काफी बढ़ोतरी हुई है. एक बोरी सीमेंट पर लगभग ₹50 से ₹60 बढ़ गए हैं. सरिया का दाम जो पहले ₹72000 क्विंटल था वह आज ₹94000 क्विंटल पहुंच गया है.''- चंदन पांडेय, दुकानदार

बिल्डिंग मटेरियल के दामों में तेजी: वहीं, बालू और गिट्टी के दुकानदार विजय ने बताया कि हाल के दिनों में बालू, गिट्टी, सरिया यानी कि बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन मटेरियल में काफी इजाफा हुआ है. जहां पहले ₹3600 सौ फीट बालू मिलता था, वह आज ₹4000 फीट हो गया है. वहीं, गिट्टी पहले ₹6800 रुपए फीट मिलता था, जो आज ₹8000 रुपए है. गिट्टी और बालू के साथ-साथ अन्य सामग्री भी महंगे हो गए हैं, जिससे मध्यमवर्गीय लोग घर का कंस्ट्रक्शन ठप कर दाम कम होने का इंतजार कर रहे हैं.

''पहले मकान बनाने का सपना देखा था और काम भी शुरू करवा दिया था, लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह से मकान निर्माण सामग्री के दाम में बढ़ोतरी हुआ है तो काम बंद करवा दिया है. पहले सीमेंट ₹280 बोरी मिलता था, वह ₹320 प्रति बोरी पहुंच गया है. इसके अलावा बालू के दामों में भी बढ़ोतरी हो गया है, जिसका नतीजा है कि अपने घर के कंस्ट्रक्शन का काम बंद कर दिए हैं और इंतजार कर रहे हैं कि कब बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन सामानों के दामों में कमी होगी तो फिर से मकान बनाने का काम शुरू किया जाएगा.''- सिंटू कुमार, ठेकेदार

घर का कंस्ट्रक्शन ठप: राजमिस्त्री का भी मानना है कि जिस तरह से गिट्टी बालू सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी हुई है, ऐसे में गिने-चुने लोग ही घर बनवा रहे हैं. दो दिन काम करना पड़ रहा है तो 2 दिन घर पर बैठना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के सामानों में भले बढ़ोतरी हुई है, लेकिन मजदूरी पिछले 2 साल से जस की तस बनी हुई है. कुल मिलाकर देखा जाए तो दुकानदार से लेकर आम लोगों की परेशानी इस बढ़ती महंगाई ने कमर तोड़ दी है. दुकानदारों का भी मानना है कि मकान कंस्ट्रक्शन सामग्री के दाम बढ़ने से पूंजी ज्यादा लगाना पड़ रही है और लोग बेतहाशा महंगाई के चलते फिलहाल घर बनवाने का काम ठप भी कर रहे हैं, जिस कारण से बाजार मंदा है.

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