पटना: बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग (Demand for Special Status for Bihar) एक बार फिर से जोर पकड़ने लगी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद अब ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव (Energy Minister Vijendra Yadav) ने भी कहा कि बिहार की समृद्धि तभी हो सकती है, जब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा.
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बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट (NITI Aayog Report) को लेकर भी मैंने पत्र लिखा है. आखिर कौन से पैमाने बनाकर वे लोग रिपोर्ट निकालते हैं, यह हमें नहीं पता है लेकिन बिहार की तुलना कृषि के क्षेत्र में हरियाणा और पंजाब से की जाती है. उद्योग के क्षेत्र में तमिलनाडु और महाराष्ट्र की जाती है, जबकि बिहार में कहीं भी कोई उद्योग नहीं है. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर विशेष राज्य का दर्जा अगर मिलेगा तो यहां कल कारखाने लगेंगे, बाहर से लोग यहां आएंगे और इससे बिहार समृद्ध होगा.
"अगर बिहार पिछड़ा राज्य है तो फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिल रहा है. देखिए बिहार की समृद्धि तभी हो सकती है, जब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा"- विजेंद्र यादव, ऊर्जा मंत्री, बिहार
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विजेंद्र यादव ने कहा कि वर्ष 2005 के बाद बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी विकास हुआ है. बिजली के क्षेत्र में भी हमने विकास किया है. कई ऐसे क्षेत्र हैं, चाहे वह सड़क हो बिजली हो या पानी की व्यवस्था हो, इसमें हम आगे बढ़े हैं. बावजूद इसके नीति आयोग की कुछ रिपोर्ट आती है. उनके सदस्य से भी बात कर हमने आपत्ति जताई थी. कई बार कहा था कि अगर बिहार को और समृद्ध करना है तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना ही है.
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसको लेकर कई बार मांग कर चुके हैं. हम फिर से यह कहते हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, जिससे बिहार जैसे राज्य एक समृद्ध राज्य के रूप में आगे बढ़े.
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